हनुमानगढ - विश्वास कुमार 
दिनांक 23/7/2019 को थानाधिकारी पुलिस थाना तलवाड़ा द्वारा रोही मेहरवाला में पहुंचकर नाकाबंदी के दौरान एक बोलेरो गाड़ी सफेद रंग नंबर आरजे 31यू ए 0241 को रोककर चेक किया तो उसमे बलकरण सिंह पुत्र जरनैल सिंह निवासी वार्ड नंबर 8, किशनपुरा दिखनादा एवं गुरप्रीत सिंह उर्फ ज्ञानी पुत्त जगजीत सिंह निवासी ढाणी रोही चक 14 एचएमएच, कोहला थे। जिनको चेक किया तो उनके पास बोलेरो गाड़ी में सफेद मोमजामा थैले में तीन गत्ते के डिब्बे थे। वह सात खुले पत्तों में पारवोरिन स्पास कैप्सूल भरे हुए मिले। इस प्रकार सभी डिब्बों के पत्तों में कुल 670 पारवोरिन स्पास कैप्सूल थे। जो सभी एनडीपीएस बैठक के होने पाए गए।
जिसके संबंध में बलकरण सिंह व गुरप्रीत सिंह उर्फ ज्ञानी के पास कोई परमिट/लाइसेंस इत्यादि नहीं होने से उसके विरुद्ध पुलिस थाना तलवाड़ा में मुकदमा नंबर 105/2019 अंतर्गत धारा 8/22 एनडीपीएस एक्ट में दर्ज किया।
अनुसंधान के पश्चात आरोप प्रमाणित पाए जाने पर मुल्जिमान बलकरण सिह व गुरप्रीत सिंह उर्फ ज्ञानी के विरुद्ध चालान अंतर्गत धारा 8/22, 25 एनडीपीएस एक्ट में माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। विचारण के दौरान अभियोजन पक्ष द्वारा कुल 8 गवाह परीक्षित करवाए गए।
विचारण के पश्चात और दोनों पक्षों की सुनवाई करने के बाद आज माननीय न्यायालय विशिष्ट न्यायाधीश श्री रूपचंद सुथार द्वारा सुनवाई के पश्चात मुलजिमान बलकरण सिंह पुत्र जरनैल सिंह निवासी वार्ड नंबर 8, किशनपुरा दिखनादा एवं गुरप्रीत सिंह उर्फ ज्ञानी पुत्र जगजीत सिंह निवासी ढाणी रोही चक 14 एचएमएच कोयला को अवैध रूप से नशीली दवाइयाॕ बिना लाइसेंस के अपने कब्जे में रखने एवं परिवहन करने बाबत धारा 8 /22 एनडीपीएस एक्ट में दोषसिद्ध किया गया।
सजा के बिंदु पर सुनवाई की गई जिस पर विशिष्ट लोक अभियोजक दिनेश दाधीच ने माननीय न्यायालय से अभियोजन पक्ष द्वारा अपराध साबित करने एवं हनुमानगढ़ में आए दिन नशीली दवाइयों के केस अत्यधिक होने और समाज पर पड़ रहे दुष्प्रभाव को देखते हुए मुल्जिमान को अधिकतम दंड से दंडित करने का निवेदन किया।
दोनों पक्षों की सुनवाई के पश्चात माननीय न्यायालय विशेष न्यायाधीश एन.डी.पी.एस. प्रकरण श्री रूपचंद सुथार ने मुलजिमान बलकरण सिंह एवं गुरप्रीत सिंह उर्फ ज्ञानी को धारा 8/22 एनडीपीएस एक्ट में 10-10 वर्ष के कठोर कारावास एवं ₹ 1-1 लाख जुर्माना एवं जुर्माना अदा नहीं करने पर अदम अदायगी जुर्माना 6  माह का अतिरिक्त कारावास भुगतने की की सजा सुनाई।
अभियोजन पक्ष की ओर से दिनेश दाधीच विशिष्ट लोक अभियोजक द्वारा पैरवी की गई।