जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।  

जयपुर में विधायकों को रियायती दरों पर फ्लैट, मेट्रो परियोजना और एसएमएस हॉस्पिटल में नए ओपीडी टॉवर पर हाउसिंग बोर्ड के 544 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च हुआ है। इसकी वसूली राज्य के 11 जिलों के निकायों से की जाएगी और इसके लिए उनकी जमीन छीनने की तैयारी कर ली गई है।जयपुर में हाउसिंग बोर्ड ने विधायकों को रियायती दरों पर फ्लैट दिए और लीज मनी भी नहीं ली। इसके अलावा मेट्रो परियोजना के लिए जमीन और एसएमएस हॉस्पिटल में ओपीडी टॉवर पर कुल 544.44 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। नगरीय विकास एवं आवासन विभाग जयपुर में हुए इस खर्चे की वसूली राज्य के 11 अन्य जिलों के निकायों से करेगा।

इसके लिए बीकानेर, जोधपुर, जैसलमेर, उदयपुर, भीलवाड़ा, फलौदी, पाली, आबू रोड, चित्तौड़गढ़ शहर, टोंक में वनस्थली, जयपुर में महला-झरना निकायों से फ्री में जमीन ली जाएगी। इन निकायों के अधिकारियों से कहां, कितनी जमीन है, इसकी रिपोर्ट मांग ली गई है। जमीन से वसूली करने के लिए निकाय वाले जिलों में हाउसिंग बोर्ड के नोडल अधिकारी भी बना दिए गए हैं। तत्कालीन प्रमुख शासन सचिव कुंजीलाल मीणा की अध्यक्षता में बैठक आयोजित कर निकायों की जमीन लेने का निर्णय लिया गया था। उसके बाद निकाय अधिकारियों को लगातार रिमाइंडर दिए गए, लेकिन किसी ने भी हाउसिंग बोर्ड को देने के लिए जमीन की उपलब्धता की रिपोर्ट नहीं भेजी है।

जोड़बीड़ में जमीन पर हाउसिंग बोर्ड की नजर

नगरीय विकास एवं आवासन विभाग ने जयपुर में हाउसिंग बोर्ड के खर्चे की भरपाई करने के लिए 11 निकायों से जमीन लेने का फैसला किया है। बीकानेर में यूआईटी को जमीन देने के लिए कहा गया है। इसके लिए हाउसिंग बोर्ड की जोड़बीड़ में जमीन पर नजर है। यूआईटी से जोड़बीड़ में खसरा 11, 15 व 20 की जमीन मांगी गई है। जोड़बीड़ में आवासीय और व्यावसायिक भूमि के प्रस्ताव बनाकर देने के लिए कहा गया है।

नगरीय विकास और आवासन विभाग ने हाउसिंग बोर्ड की ओर से जयपुर में किए गए कामों के बदले दी जाने वाली जमीन की उपलब्धता की रिपोर्ट मांगी है। इस संबंध में हाउसिंग बोर्ड के नोडल अधिकारी का पत्र मिला है जिसमें जोड़बीड़ के खसरों के प्रस्ताव चाहे गए हैं। उच्च अधिकारियों के निर्देशानुसार रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
यशपाल आहूजा, यूआईटी सचिव

हाउसिंग बोर्ड की ओर से जयपुर में कार्यों पर खर्च राशि के बदले 11 जिलों के निकायों से जमीन लेने का निर्णय उच्च स्तर पर हो चुका है। नोडल अधिकारियों को निकाय अधिकारियों से समन्वय कर जमीन तय करने के लिए कहा गया है। इसके लिए यूआईटी से जोड़बीड़ में तीन खसरों की जमीन हाउसिंग बोर्ड को देने के प्रस्ताव बनाने के लिए पत्र लिखा है।
-आरसी मेघवाल, एक्सईएन हाउसिंग बोर्ड व नोडल अधिकारी.

हाउसिंग बोर्ड ने जयपुर में खर्चा किया और उसकी भरपाई अन्य जिलों के निकायों से की जाए। ऐसा तो पहले कभी नहीं हुआ और ना ही मेरे कार्यकाल के दौरान देखने में आया। इस तरह का कोई नियम भी नहीं है। यह निर्णय किसी भी दृष्टि से उचित नहीं लगता।
-महावीर रांका, पूर्व यूआईटी चेयरमैन