जोधपुर में सिद्धनाथ रोड पर धार्मिक स्थल पर हुई प्रशासन की कार्रवाई को लेकर संत समाज का विरोध जारी है। पिछले 6 दिनों से यहां साधु-संत धरने पर बैठे हैं। संतों ने आरोप लगाया कि भूमाफिया को कब्जा करवाने के लिए पुलिस प्रशासन ने मिलीभगत करते हुए आश्रम पर कार्रवाई की।
मामले में थाना अधिकारी की भूमिका पर भी संदेह है। उसे भी सस्पेंड किया जाए। यदि जल्द प्रशासन की ओर से उनकी मांगे नहीं मानी गई तो देशभर के अखाड़ों के साधु संत यहां पर पहुंचकर उग्र आंदोलन करने को मजबूर होंगे उसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।
आबू मंडल अध्यक्ष मंडल श्रीमहंत ओमकार गिरी महाराज ने कहा घटना को लेकर संत समाज में रोष हैं। पिछले 6 दिन से धरना दिया जा रहा है। थाने में प्राचीन धुणे को क्षतिग्रस्त करने और भगवान की मूर्तियां खंडित करने को लेकर शिकायत दी गई लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। हमें संदेह है की इसमें पुलिस की मिलीभगत है।
यह हमारे सनातन धर्म की संस्कृति को नष्ट करने का प्रयास है।हमें कहते हैं अत्यंत दुख हो रहा है कि इस तरह की घटना जोधपुर राजस्थान में हुई। यदि इसी तरह से चलता रहा तो हमारी सनातन संस्कृति नष्ट हो जाएगी। आज पूरे भारतवर्ष के साधु समाज के संत आक्रोशित हैं।
अखाड़ों से कार्रवाई को लेकर कॉल हमारे पास आ रहे हैं, लेकिन हमने उनको रोक रखा है। हम नहीं चाहते कि किसी भी तरह से हमारे जोधपुर शहर की बदनामी हो, लेकिन जिस तरह का बर्ताव पुलिस और प्रशासन के द्वारा किया जा रहा है उससे हमें उग्र आंदोलन करना पड़ेगा। इसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।
संतों ने कहा थानाधिकारी किसी भी प्रकार से संतों की मर्यादा का ध्यान नहीं रख रहा है। वो भी आश्रम को तोड़ने वालों के साथ मिला हुआ है। हमारी पहली मांग तो यही है की थानाधिकारी को तुरंत सस्पेंड किया जाए। जिससे हमारी दी गई शिकायत की सही से जांच हो सके।
संतों का कहना है कि भूमाफिया की नजर इस जमीन पर है, उन्होंने ही पुलिस और प्रशासन के साथ मिलीभगत करके इस खेल को अंजाम दिया। हमारी आस्था को ठेस पहुंचाई गई। जबकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश है कि प्राचीन धर्म स्थल पर पूजा पाठ करने से नहीं रोका जा सकता। यहां पर तो अन्याय की हदें पार कर दी गई भगवान की मूर्तियों और शिवलिंग को खंडित किया गया।
इतना ही नहीं उन्हें पहनाई गई पोशाक को भी जला दिया गया। भगवान के गहने चांदी के छात्र भी गायब हैं। इतना सब होने के बाद भी हमारी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
प्रशासन का भी कोई अधिकारी यहां नहीं पहुंचा है। इधर रविवार को धरना स्थल पर विश्व हिंदू परिषद के भी पदाधिकारी पहुंचे और प्रशासन की कार्रवाई को लेकर रोष जताया।
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