जोधपुर में HDFC बैंक से करीब 64 लाख की ठगी का मामला सामने आया है। पुलिस का दावा है कि ठगी करने वाले 4-5 लोग हैं। इनमें से कुछ स्टूडेंट भी हो सकते हैं। मामला जोधपुर के भगत की कोठी थाना क्षेत्र का है। HDFC बैंक बासनी ब्रांच के मैनेजर अजय गुप्ता की ओर से प्रिंस विश्वकर्मा और उत्कर्ष विश्नोई के अलावा तीन अन्य के खिलाफ सोमवार को थाने में रिपोर्ट दी गई। अभी तक एक भी आरोपी पकड़ में नहीं आया है। रिपोर्ट में बताया कि इन आरोपियों ने करीब 63 लाख 99 हजार 991 रुपए की ठगी की है। इससे पहले जब प्रिंस विश्वकर्मा को ये रुपए लौटने का नोटिस दिया तो उसने उल्टा बैंक पर ही फर्जी अकाउंट खुलवाने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज करवा दिया था।
करंट अकाउंट काे मर्चेंट अकाउंट में कन्वर्ट करवा लिया
भगत की कोठी थाना अधिकारी सुनील चारण की मुताबिक HDFC बैंक बासनी के मैनेजर प्रबंधक अजय गुप्ता ने बताया कि कुड़ी भगतासनी हाउसिंग बोर्ड के रहने वाले प्रिंस विश्वकर्मा ने फरवरी 2023 में बैंक में करंट अकाउंट खोलने के लिए अप्लाई किया था। इस पर 10 फरवरी को अकाउंट खोला गया। उसने आधार कार्ड और पैन कार्ड समेत 11 हजार रुपए का चेक दिया था। बैंक की ओर से डेबिट कार्ड के साथ नेट बैंकिंग की सुविधा और एक चेक बुक दी गई थी।
इसके बाद अकाउंट होल्डर ने ऑनलाइन ऐप के माध्यम से इस अकाउंट को मर्चेंट अकाउंट (जिसमें बिजनेस से जुड़ा लेन-देन होता है) में कन्वर्ट करवा लिया था। मैनेजर ने बताया कि ऑनलाइन सामान खरीदने वाले कस्टमर प्रिंस के अकाउंट में रुपए डालते। जैसे ही प्रिंस के खाते में ये रुपए आते, वह इन्हें किसी अन्य अकाउंट में ट्रांसफर कर देता था। इसके बाद जो भी कस्टमर रुपए ट्रांसफर करता, वह आरबीआई में शिकायत करता कि रुपए ट्रांसफर होने के बाद भी उसे सामान नहीं मिला। कस्टमर अपनी शिकायत में यह मार्क करता कि 'सर्विस नॉट प्रोवाइड'।
ऐसे में रिजर्व बैंक के आदेश पर बैंकिंग नियमों के अनुसार चार्ज बैक की राशि का भुगतान HDFC बैंक को करना पड़ता। यह राशि बैंक उस कस्टमर के अकाउंट में ट्रांसफर करता। उन्होंने बताया कि इस तरह 11 से 20 फरवरी के बीच आरोपियों द्वारा करीब 64 ट्रांजेक्शन कर 64 लाख रुपए की ठगी कर ली गई।
बैंक के पास से रुपए जाने लगे तो नोटिस दिया
बैंक मैनेजर ने बताया कि जब भी हम प्रिंस के अकाउंट से रुपए कस्टमर को देने के लिए रिक्ववेस्ट करते तो उसके अकाउंट में रुपए होते नहीं थे। जब हमने अलग-अलग करके कुल 64 लाख रुपए चुका दिए तो बैंक की ओर से प्रिंस को नोटिस जारी किया। मार्च में चार नोटिस प्रिंस को भेजे गए, लेकिन उसने कोई जवाब नहीं दिया। एक-दो बार उसके घर पर भी बैंक अधिकारियों को भेजा, लेकिन वह मिला नहीं। यह राशि लौटाने के बजाय प्रिंस ने मार्च में भगत की कोठी थाने में बैंक के खिलाफ ही फर्जी अकाउंट खोलने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज करवा दिया। इसमें आरोप लगाया कि एक महीने पहले वह अपने दोस्त उत्कर्ष विश्नोई के कहने पर इस बैंक में गया था। यहां उसकी मर्जी के बिना उसका अकाउंट खोल दिया। जबकि उसने वहां कोई अकाउंट खुलवाया ही नहीं था।
मैनेजर का आरोप संगठित गिरोह, रुपए कहां-कहां ट्रांसफर हुए इसकी होगी जांच
रिपोर्ट में मैनेजर ने आरोप लगाया है कि प्रिंस विश्वकर्मा और उत्कर्ष विश्नोई समेत अन्य लोगों ने मिलकर एक संगठित गिरोह बना रखा है। जो ऑनलाइन पेमेंट के बाद रिफंड रिक्वेस्ट डालकर बैंक से रुपए ट्रांसफर करवा लेते हैं। थाना अधिकारी सुनील चारण ने बताया कि अभी तक आरोपियों के बारे में जानकारी नहीं मिल पाई है। इन लोगों ने कौन-से खाते में कहां और कब ट्रांजेक्शन किया इसकी लिस्ट बैंक से मांगी गई है। ये लिस्ट सामने आने के बाद पता चल पाएगा कि ये रुपए कौन-से सामान और सर्विस के नाम से ट्रांसफर किए गए थे। और, बाद में ये रुपए निकाल कर किसके खाते में डाले गए थे।
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