जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।  

राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा ने प्रदेश के आईटी विभाग में करीब 5 हजार करोड़ के घोटाले का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा- वे इस मामले में कल दोपहर 12 बजे आईटी विभाग के अधिकारियों सहित मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ ईडी में मामला दर्ज करवाएंगे। पेपर लीक मामले में ईडी के आने से सीएम गहलोत बौखलाए हुए हैं।

पेपर लीक को लेकर भी एक साल पहले हमने ईडी को शिकायत की थी। इसके बाद ईडी पूरी तैयारी से राजस्थान आई है। ईडी अब मुंह से खाया हुआ काला धन नाक से निकलवा लेगी। सीएम गहलोत इस मामले में ज्यादा शोर नहीं करें। वरना इसकी आंच उन पर भी आ सकती है।

किरोड़ीलाल ने प्रेस क्लब में मीडिया को बताया- आईटी घोटाले में सीएम गहलोत का रिश्तेदार राजेश सैनी भी शामिल है। इस घोटाले को लेकर एसीबी में शिकायत दर्ज की गई थी। मुख्यमंत्री गहलोत ने दोनों परिवादों पर एसीबी को जांच की अनुमति नहीं दी। उन्होंने कहा- आईटी विभाग के डिप्टी डायरेक्टर कुलदीप यादव के खिलाफ एसीबी ने रेड मारी थी। इसमें वो फरार हो गया था।

सीएम के रिश्तेदार ने अपनी बेटी को दिया काम
सांसद किरोड़ीलाल मीणा ने कहा- राजकॉम्प में सीएम के रिश्तेदार राजेश सैनी मैनेजर के पद पर कार्यरत है। सीएमआर व सीएमओ में आईटी का काम वे ही संभालते हैं। उन्होंने अपनी बेटी रुचि सैनी के नाम से कंपनी बना रखी है। उस कंपनी के जरिए वो सारा भुगतान उठाते हैं। लेकिन, यह नियम विरूद्ध है। राजकॉम्प का कोई भी अधिकारी अपने परिवार के सदस्यों काे काम नहीं दे सकता है।

किरोड़ी ने कहा- वाई-फाई पॉइंट लगाने के नाम पर करीब साढ़े 3 हजार करोड़ का घोटाला किया गया है। मैनपावर सप्लाई के नाम पर करीब डेढ़ हजार करोड़ का घोटाला हुआ है। मैनपावर घोटाले में आईटी विभाग के अधिकारी प्रद्युमनदीप सिंह शामिल हैं। उन्होंने अपनी कंपनी बना रखी है। इसके जरिए वे मैनपावर सप्लाई करते हैं। कितनी मैनपावर सप्लाई हो रही है। इसकी जानकारी राजकॉम्प को नहीं है। करोड़ों का भुगतान उठाया जा रहा है।

मंत्री सुभाष गर्ग, डोटासरा से नहीं हुई पूछताछ
किरोड़ीलाल मीणा ने कहा- पेपर लीक प्रकरण में हमने करीब एक साल पहले ईडी में शिकायत की थी। उसी शिकायत के आधार पर ईडी राजस्थान आई है। हमने डीपी जारौली, मंत्री सुभाष गर्ग, गोविंद सिंह डोटासरा सहित कई नाम बताए थे। लेकिन, एसओजी उन्हें बाइपास कर गई। किरोड़ी ने कहा- एसओजी के अधिकारी खुद पेपर लीक करवा रहे हैं। उनकी शिकायत भी ईडी से की गई थी। इस मामले में सरकार के कई विधायक, मंत्री फंसने वाले हैं।


इसके खिलाफ 27 दिसम्बर 2019 को एसीबी ने मामला दर्ज किया था। यादव के पास बड़ी सम्पत्ति मिली थी। सीएम गहलोत के कहने पर एसीबी ने मामले में एफआर लगा दी। बाद में कुलदीप यादव को जॉइंट डायरेक्टर के पद पर प्रमोशन भी दे दिया गया। इन सब से यह साबित होता है कि कहीं ना कहीं आईटी घोटाले में सीएम गहलोत का भी हाथ है।