जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने आज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ ईडी दफ्तर पहुंचकर भ्रष्टाचार की शिकायत दर्ज कराई। इससे पहले मंगलवार को किरोड़ी ने बताया था- आठ दिन पहले उन्होंने मुख्यमंत्री के बेटे व आरसीए अध्यक्ष वैभव गहलोत के खिलाफ भी ईडी में शिकायत दर्ज करा चुके है। शिकायत में किरोड़ी लाल मीणा ने उद्योगपति रतनकांत शर्मा के साथ मिलकर वैभव गहलोत पर कालेधन को सफेद करने का आरोप लगाया है। इसका पूरा खुलासा किरोड़ी गुरुवार को करेंगे।

आपको बता दे कि उद्योगपति रतनकांत शर्मा जयपुर स्थित आलीशन होटल फेयरमाउंट के मालिक है। सियासी संकट के समय कुछ दिन के लिए कांग्रेस विधायकों को इसी होटल में ठहरा गया था। पूरे मामलें का खुलासा किरोड़ीलाल मीणा कल करेंगे।

सांसद किरोड़ीलाल मीणा ने कहा- उन्होंने अपनी शिकायत में ईडी को बताया है कि किस तरह से मॉरिशियस के रास्ते काले धन को सफेद किया गया। वहीं, इस पूरे काम में वैभव गहलोत के साथ फेयरमाउंट होटल के मालिक रतनकांत शर्मा भी शामिल है। यह पूरा पैसा रतनकांत शर्मा के जरिए ही वैभव गहलोत के पास आया है। किरोड़ीलाल मीणा ने कहा कि इस मामलें की एक FIR भी उन्होंने आमेर थाने में दर्ज कराई है।

चुनावों में गहलोत को दिए 262 करोड़
सांसद किरोड़ीलाल मीणा ने कहा कि जिस काले धन को उद्योगपति रतनकांत शर्मा के जरिए सफेद किया गया। उसमें से कुछ पैसा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास चुनावों के समय आया। किरोड़ी का आऱोप है कि साल 2013 में रतनकांत शर्मा ने 112 करोड़ और साल 2018 में 150 करोड़ सीएम अशोक गहलोत को दिए। किरोड़ी ने कहा कि उनके पास इन सब आऱोपों के तथ्य है। जिसे वे गुरुवार को मीडिया के सामने रखेंगे।

ईडी में की मुख्यमंत्री गहलोत की शिकायत
राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा ने प्रदेश के आईटी विभाग में करीब 5 हज़ार करोड़ के घोटाले के आऱोप में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ ईडी में शिकायत की है। उन्होने कहा कि आईटी घोटाले में सीएम अशोक गहलोत का रिश्तेदार राजेश सैनी भी शामिल है। वहीं इस घोटाले को लेकर एसीबी में शिकायत दर्ज की गई थी। लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दोनों परिवादों पर एसीबी को जांच की अनुमति नहीं दी। इसके साथ ही किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि आईटी विभाग के डिप्टी डायरेक्टर कुलदीप यादव के खिलाफ एसीबी ने रेड मारी थी। जिसमें वो फरार हो गया था। जिसके खिलाफ 27 दिसम्बर 2019 को एसीबी ने मामला दर्ज किया था। यादव के पास अकूत सम्पत्ति मिली थी। लेकिन सीएम गहलोत के कहने पर एसीबी ने मामलें में एफआर लगा दी। वहीं बाद में कुलदीप यादव को ज्वाइंट डायरेक्टर के पद पर प्रमोशन भी दे दिया गया। इन सब से यह साबित होता है कि कहीं ना कहीं आईटी घोटाले में सीएम अशोक गहलोत का भी हाथ है।