जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।  

राजस्थान में सोमवार को REET पेपर लीक मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जयपुर सहित आधा दर्जन से अधिक स्थानों पर रेड डाली है। इसमें बाड़मेर, डूंगरपुर, अजमेर, जालोर आदि जिले शामिल हैं। राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) के मेंबर बाबूलाल कटारा, पेपर लीक मामले में गिरफ्तार ठेकेदार भजनलाल विश्नोई सहित तमाम आरोपियों और संदिग्धों पर डॉक्युमेंट्स की जांच चल रही है। उनके ठिकानों को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। केंद्रीय सुरक्षा बल के 50 से अधिक अधिकारी और जवान इस रेड में शामिल हुए हैं।

सुबह ही आ धमकी टीम
पेपर लीक मामले में गिरफ्तार ठेकेदार भजनलाल विश्नोई के बाड़मेर स्थित घर पर सुबह टीम पहुंच गई थी। इसके साथ ही आरपीएससी के मेंबर बाबूलाल कटारा के डूंगरपुर स्थित घर पर भी छापेमारी चल रही है। ईडी के अधिकारी सुबह से डॉक्युमेंट्स की जांच कर रहे हैं। ईडी की टीम अजमेर में बाबूलाल कटारा के सरकारी आवास पर भी पहुंची है।

जयपुर में मास्टरमाइंड के फ्लैट पर भी छापेमारी
पेपर लीक के मास्टरमाइंड सुरेश ढाका के वैशाली नगर (जयपुर) में आशापूर्णा सोसाइटी में स्थित फ्लैट पर छापेमारी की गई है। सांचौर के अचलपुर गांव में ईडी की छापेमारी के बाद सुरेश ढाका के पिता और अचलपुर के सरपंच मांगी लाल ने खुद को अलमारी में बंद कर लिया। करीब आधा घंटे तक बंद रहने के कारण मांगी लाल बेहोश हो गए। उनको अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा। यहां पर ईडी की दो टीमों ने दबिश दी थी।

रेड के बाद सीएम ने दी प्रतिक्रिया
इधर, ईडी की छापेमारी पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा- जहां चुनाव आने वाले होते हैं, वहां ईडी और सीबीआई की एंट्री हो जाती है। राजस्थान में एसीबी अच्छा काम कर रही है तो ईडी की एंट्री क्यों हुई? उन्होंने कहा कि मैं कहना चाहता हूं कि अगर कुछ मिले तो ईडी एसीबी की मदद करे। ईडी एसीबी से अच्छा काम करे तो मुझे खुशी होगी, लेकिन मैं ईडी के अफसरों से कहना चाहता हूं कि वे ऊपर वालों के दबाव में न आए।

जेल में आरोपियों से पूछताछ
ईडी ने आरपीएससी की ओर से आयोजित सीनियर टीचर भर्ती के पेपर लीक और रुपयों के लेन-देन पर मनी लॉन्ड्रिंग में उदयपुर सेंट्रल जेल में बंद आरोपियों से पूछताछ की थी। इस मामले में आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा, मास्टरमाइंड शेरसिंह मीणा व भूपेंद्र सारण से ईडी पूछताछ कर चुकी है। राजीव उपाध्याय, रामगोपाल मीणा, सुरेश विश्नोई, घिमनाराम खिलेड़ी, अनिता मीणा, बाबूलाल के पुत्र दीपेश कटारा, गोपालसिंह, गौतम कटारा व विजय डामोर के बयान भी दर्ज किए जा चुके हैं।

डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने की थी शिकायत
ऐसा भी बताया जा रहा है कि ईडी को आरोपियों के बयानों के विश्लेषण से पेपर लीक के मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की पुष्टि हुई है। पेपर लीक में ईडी ने राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ीलाल मीणा की शिकायत पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था।

7 दिन पहले मांगी थी डिटेल
सूत्रों की मानें तो सात दिन पहले ईडी ने आरपीएससी के अधिकारियों से पेपर लीक के नामजद आरोपियों की डिटेल मांगी थी। आरपीएससी ने सभी सदस्यों और पेपर लीक में शामिल लोगों की जानकारी ईडी के साथ साझा की थी।

एसओजी ने बाड़मेर के ठेकेदार को किया था गिरफ्तार
रीट पेपर लीक मामले में बाड़मेर के ठेकेदार भजनलाल विश्नोई और उसकी भतीजी सोहनी देवी को एसओजी ने गिरफ्तार किया था। 71 लाख रुपए के साथ कुछ सबूत भी जब्त किए गए थे। सोहनी देवी को परीक्षा में बैठना था। इसके लिए भजनलाल ने पेपर खरीदा था। उससे भी पेपर खरीदने और बेचने के लिए करोड़ों रुपए का लेन-देन हुआ था। ईडी की टीम बाड़मेर शहर के महावीर नगर में भजनलाल के घर पर खोजबीन कर रही है।

यहां भी छापे की कार्रवाई
सांचौर (जालोर) के अचलपुर गांव में सुरेश ढाका के घर पर भी जांच चल रही है। इसके अलावा परावा गांव में मास्टरमाइंड भूपेंद्र सारण, पुर गांव में भजनलाल घेतरवाल, रिडिया धोरा में सुरेश विश्नोई के घर, डीगांव में एनएसयूआई के निर्वतमान अध्यक्ष विकास मांजू, उदाराम जांगू और राजू ईराम के घर पर अलग-अलग टीमों ने रेड डाली है।

सुरेश विश्नोई की मां की तबीयत बिगड़ी
संस्कृत स्कूल के हेडमास्टर सुरेश विश्नोई के सांचौर (जालोर) के रिडिया धोरा स्थित घर पर ईडी की दो टीमों ने सुबह आठ बजे छापा मारा। इसके बाद सुरेश की मां की तबीयत बिगड़ गई। डॉक्टर बुलाकर इलाज करवाया गया। अभी तक ईडी की टीमें सुरेश के घर में डटी हुई है। सुरेश के पूरे परिवार को टीम ने घर में ही बंद कर रखा है। घर के बाहर केंद्रीय रिजर्व फोर्स के जवानों को तैनात कर रखा है।

कौन है बाबूलाल कटारा?

डूंगरपुर के बाबूलाल कटारा ने 15 अक्टूबर 2020 में आरपीएससी के मेंबर का कार्यभार संभाला था। बाबूलाल कटारा का चयन राजस्थान लोक सेवा आयोग के सांख्यिकी अधिकारी, आयोजना विभाग के पद पर हुआ था।

इसके बाद उसने जिला सांख्यिकी अधिकारी डूंगरपुर और बाड़मेर में काम किया था। 1994 से 2005 तक भीम, राजसमंद, खैरवाडा, डूंगरपुर, सागवाडा, सुमेरपुर और उदयपुर में काम किया।

वर्ष 2013 में सचिवालय में आयोजना विभाग संयुक्त निदेशक रहा। वह उदयपुर में आदिम जाति शोध संस्थान निदेशक के पद पर भी रहा। इसके बाद आरपीएससी के मेंबर के रूप में सरकार ने नियुक्ति दी।