जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
कांग्रेस इस बार प्रदेश में कर्नाटक मॉडल पर चुनाव लड़ने जा रही है। पार्टी ने नेताओं को फील्ड में उतरकर अभी से काम शुरू करने का टास्क दिया है। फील्ड सर्वे का काम भी चल रहा है। गुरुवार को सीएम हाउस पर दिन भर रणनीति तय करने के लिए बैठकों का दौर चलता रहा। प्रभारी सुखजिंदर रंधावा, सीएम अशोक गहलोत, प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और राजस्थान के तीनों सह प्रभारी सचिवों ने ग्राउंड से मिले फीडबैक के बाद अगली रणनीति पर चर्चा की।
इस बैठक में चुनावी कमेटियां बनाने से पहले मंत्री और प्रमुख नेताओं को फील्ड में उतारने की रणनीति पर चर्चा की गई। तीनों सहप्रभारियों ने अपने-अपने प्रभार वाले नेताओं,विधायकों से वन-टू-वन मुलाकात की।
खासा कोठी में सहप्रभारी सचिव अमृता धवन, काजी निजामुद्दीन और वीरेंद्र सिंह राठौड़ से मिलने कई टिकटार्थी भी पहुंचे। कई नेता अपने कामकाज की प्रोफाइल बनाकर लाए थे। कुछ नेता ऐसे भी थे जो अपने बायोडेटा के साथ सिफारिशी लेटर भी साथ लाए। सहप्रभारी जिलों में जाकर फीडबैक ले चुके हैं।
सह प्रभारी अमृता धवन बोलीं-दिल्ली मीटिंग के बाद बदल गई पूर्वी राजस्थान की स्थिति
सह प्रभारी अमृता धवन पूर्वी राजस्थान के जिलों की जिम्मेदारी है। धवन ने कहा कि कि पूर्वी राजस्थान के लोगों ने दिल्ली की मीटिंग के बाद की तस्वीरें देखी हैं। उनका सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। ऐसे में अब वहां के कार्यकर्ता संतुष्ट हैं और वहां बहुत बड़ा वर्ग है जो यह चाहता है कि सब नेता हमारे मिलकर काम करें। उस पूरे इलाके के अंदर लोग अब बहुत संतुष्ट हैं। कार्यकर्ताओं में अब इकट्ठा होकर काम करने की चाहत है।
धवन ने कहा - जब सब लोग इकट्ठा होकर काम करने का संकल्प लेते हैं और वह संकल्प नीचे कार्यकर्ता तक पहुंचता है तो यह सकारात्मक है।
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