उदयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।  

प्रदेश में चुनावी माहौल है और कांग्रेस-भाजपा दोनों ही पार्टियां वोटर्स को लुभाने की जुगत में लगी हैं। जहां कांग्रेस महंगाई राहत शिविरों को अपनी यूएसपी बना कर जनता के बीच पहुंच रही है तो दूसरी तरफ भाजपा भ्रष्टाचार और कांग्रेस के आतंरिक कलह के मुद्दों से जनता को साधने की कोशिश में है।

इन सभी मुद्दों को लेकर दोनों ही पार्टियों की ओर से राजस्थान के अलग-अलग क्षेत्रों में बड़े नेताओं और स्टार प्रचारकों के जरिए जनता के बीच पहुंचना शुरू हो गया है।

राजस्थान की राजनीति में एक धारणा थी- जो जीता मेवाड़ उसकी बनी सरकार…

पिछले चुनावों में कांग्रेस भले ही यहां पीछे रही लेकिन अपनी सरकार बनाने में कामयाब रही थी। तो कांग्रेस ने इस मिथक को तोड़कर एक नई शुरुआत की थी। लेकिन, इस बार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं। पिछले चुनावों में चाहे उन्होंने इस मिथक को तोड़ा हो लेकिन इस बार मेवाड़-वागड़ जीतने के लिए सरकार की ओर से पूरा जोर लगाया जा रहा है।

सत्ताधारी पार्टी इस बार उन संभागों पर फोकस कर रहीं हैं जहां पिछले विधानसभा चुनावों में कई सीटों पर हार का सामना करना पड़ता था। इन क्षेत्रों में कोई चांस ना लेते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुद दौरे यहां दौरे कर रहे हैं। साथ ही, महंगाई राहत शिविर के जरिए जनता के बीच सीधा संवाद भी स्थापित कर रहे हैं।

मेवाड़-वागड़ में मुख्यमंत्री की खास दिलचस्पी, महीनेभर में 15 दौरे

इस रणनीति के चलते मुख्यमंत्री के मेवाड़-वागड़ दौरों पर सबकी नजरें टिकीं हैं। गहलोत लगातार इन क्षेत्र के दौरों पर हैं। पिछले मई के महीने में मुख्यमंत्री यहां 15 बार आए और विभिन्न कार्यक्रमों में मिशन 2023 की तैयारियों को लेकर अपनी मौजूदगी दर्ज करवाई। भाजपा के इस गढ़ में सेंध लगाने के लिए खासतौर पर इस क्षेत्र को फोकस किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री मेवाड़ के बांसवाड़ा-डूंगरपुर की अधिकांश विधानसभा सीटों वाले क्षेत्र में जनता संवाद से लेकर कई कार्यक्रमों में पहुंच रहे हैं। इसी तरह उदयपुर, चित्तौडगढ़, राजसमंद, प्रतापगढ़ जिले को भी कवर करने में कोई कमी नहीं छोड़ रहे हैं। अभी चुनाव में थोड़ा समय है लेकिन मुख्यमंत्री ने इस क्षेत्र में जनता को साधने की सियासी गणित पर काम शुरू कर दिया है।

एक्सपर्ट मानते हैं कि कांग्रेस की मिशन 2023 की रणनीति के तहत वो मेवाड़ की 28 सीटों पर ज्यादा से ज्यादा कब्जा जमाने की कोशिश में है।

पिछले चुनावों की भूल सुधारेगी कांग्रेस

उदयपुर जिले की आठ सीटों में से अभी कांग्रेस के पास खेरवाड़ा और वल्लभनगर सीट ही है, बाकी पांचों सीटों पर भाजपा काबिज है। इनमें से उदयपुर शहर की सीट गुलाबचंद कटारिया के असम के राज्यपाल बनने से खाली हो गई। ऐसे में सलूंबर, गोगुंदा, झाड़ोल, मावली और उदयपुर ग्रामीण जैसी सीटों पर कांग्रेस नजर गड़ाए हैं। कांग्रेस हर हाल में चाहेगी कि पिछले चुनावों में जो चूक हुई उसे ना दोहराते हुए इन 6 सीटों पर कब्जा जमाया जा सके। माना जा रहा है कि इसी रणनीति के कारण मुख्यमंत्री इस क्षेत्र में तूफानी दौरे कर रहे हैं।

इधर, वागड़ क्षेत्र को लेकर भी सीएम गहलोत ने अपने उद्घाटन-लोकार्पण कार्यक्रमों के जरिए वोटर्स को साधने का काम किया है। मुख्यमंत्री ने पिछले महीनों में यहां कई दौरे किए। सीएम ने वागड़ क्षेत्र के डूंगरपुर जिले के ओबरी में शिविर का अवलोकन किया तो डूंगरपुर जिले के सीमलवाड़ा-पीठ क्षेत्र के विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लिया। इससे पहले वे फरवरी महीने में डूंगरपुर जिले के पुनाली में भागवत कथा के कार्यक्रम में शामिल हुए। बांसवाड़ा में भी उनके कई दौरे हुए जिसमें उन्होंने कई योजनाओं के लोकार्पण और शिलान्यास किए।

लगातार पहुंच रहे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत

मेवाड़-वागड़ के वो क्षेत्र जहां मुख्यमंत्री ने दर्ज कराई मौजूदगी ​​​​​​-

3 मई : मुख्यमंत्री ने उदयपुर में नगर निगम में महंगाई राहत कैंप का निरीक्षण किया साथ ही विद्यार्थियों से संवाद भी किया। उदयपुर जिले के झाड़ोल-कोटड़ा में महंगाई राहत शिविरों का निरीक्षण।

4 मई : उदयपुर सर्किट हाउस में जनसुनवाई और टीआरआई एवं आईआईएचएमआर के बीच हुए एमओयू में शामिल हुए।

4 मई : चित्तौडगढ़ जिले का दौरा किया, जिसमें शिविरों का अवलोकन और कई घोषणाएं हुई।

5 मई : राजसमंद जिले के नाथद्वारा दौरे पर नगर पालिका में महंगाई राहत कैंप का निरीक्षण किया। दो दिवसीय हल्दी घाटी युवा महोत्सव का शुभारंभ भी किया।

9 मई : उदयपुर जिले के मावली और उदयपुर शहर के गंगूकुंड में महंगाई राहत कैंप का निरीक्षण।

21 मई : उदयपुर पहुंचकर फतहसागर पर चाय पी और जनता से सीधा संवाद किया।

22 मई : जयसमंद अभयारण्य में जंगल सफारी का उदयपुर से उद्घाटन किया।

22 मई : उदयपुर के गोवर्धन विलास में दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ परिसर में किसान प्रशिक्षण केंद्र का शुभारंभ किया।

22 मई : उदयपुर में महाराणा प्रताप जयंती, नारायण सेवा और सुविवि के कार्यक्रम में भी शामिल हुए।

23 मई : डूंगरपुर जिले के पीठ में जैन समाज के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में पहुंचे, महंगाई राहत शिविरों का अवलोकन।

23 मई : उदयपुर जिले के खेरवाड़ा में नयागांव पंचायत समिति के सकलाल गांव में महंगाई राहत कैम्प में पहुंचे।

11 जून : चित्तौडगढ़़ जिले के बड़ीसादड़ी के चेनपुरिया गांव में पहुंचे, कई सौगातें दी।

11 जून : मुख्यमंत्री वागड़ के दौरे पर रहे, शिविर अवलोकन के साथ ही कई कार्यक्रमों में शामिल हुए।

12 जून : मुख्यमंत्री का उदयपुर-डूंगरपुर का दौरा।

23 जून : मुख्यमंत्री का उदयपुर दौरा प्रस्तावित है, वे संभाग स्तरीय किसान मेला में भाग लेंगे।

मानगढ़ धाम के जरिए आदिवासी वोटर्स को लुभाने की तैयारी

बांसवाड़ा के मानगढ़ धाम को लेकर कांग्रेस के पास यहां सियासी समीकरण साधने का अवसर भी है। गौरतलब है कि पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मानगढ़ धाम दौरे से पहले मुख्यमंत्री गहलोत ने इसे राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने की बात कही थी। तब गहलोत ने एक पत्र के जरिए अपनी बात रखी थी, जिसे राजनीतिक जानकारों ने मास्टरस्ट्रोक की संज्ञा दी थी।

इसके बाद जब केंद्र की ओर से ऐसी कोई घोषणा नहीं हुई तो गहलोत ने राज्य सरकार की ओर से मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक घोषित किए जाने की दिशा में काम करने की घोषणा कर दी।

इसी क्रम में, रविवार को प्रतापगढ़ जिले के दौरे में गहलोत ने कहा कि- केन्द्र सरकार के मना करने की स्थिति में हम राज्य निधि से काम कराएंगे।

क्यों कमजोर हो रही भाजपा

राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो कांग्रेस इस समय मेवाड़-वागड़ को लेकर खासी अग्रेसिव नजर आ रही है। इधर, भाजपा में इसे लेकर उत्साह कम नजर आ रहा है। पहले इस क्षेत्र को नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया संभालते थे, जिन्हें अब असम का राज्यपाल बना दिया गया है।

ऐसे में, कांग्रेस के पास पिछले चुनावों की तुलना में इस बार अच्छा परफॉर्म करने का मौका है। वहीं महंगाई राहत शिविरों की यूएसपी के चलते कांग्रेस वोटर्स को लुभाने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहती। भाजपा की बात करें तो पार्टी ने मेवाड़ के चित्तौडगढ़ सांसद सीपी जोशी को प्रदेश अध्यक्ष तो बनाया लेकिन उनके दूसरे जिलों में व्यस्तता के चलते इस मौके को भुना नहीं पा रही है।

जोशी से पहले जरूर सतीश पूनिया ने यहां अपने दौरों के जरिए जनता को साधने की कोशिश की थी। साथ ही, मेवाड़-वागड़ पर भाजपा के बड़े नेताओं के दौरे तो हो रहे है लेकिन मिशन 2023 को लेकर अभी कोई बड़ी रणनीति नहीं बनी है।

ऐसे में कांग्रेस को यहां से अच्छा मॉर्जिन मिलता है तो पार्टी के लिए यह वरदान साबित होगा।

इन सीटों पर मुख्यमंत्री की सीधी नजर

- उदयपुर शहर: पूर्व नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया लम्बे समय से यहां विधायक रहे, वे यहां के कद्दावर नेताओं में से एक हैं। उनके असम राज्यपाल बनने के बाद से यह सीट रिक्त है। ऐसे में कांग्रेस इस सीट को हर हाल में जीतना चाहेगी।

- उदयपुर ग्रामीण: उदयपुर ग्रामीण सीट पर पिछले दो टर्म से लगातार भाजपा जीत रही है, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के दौरे बताते हैं कि कांग्रेस इस बार अपने लोक-लुभावन कामों को यहां प्रोमोट करते हुए यह सीट अपनी झोली में डालना चाहेगी।

- मावली: मुख्यमंत्री का मावली विधानसभा को लेकर खासा फोकस नजर आ रहा है। हाल ही में, उन्होंने महंगाई राहत शिविर का अवलोकन भी किया था। इस दौरान मुख्यमंत्री ने मौके पर ही यहां राजकीय महाविद्यालय मावली को क्रमोन्नत करने के आदेश निकलवाए थे।

- वल्लभनगर: यह सीट उप चुनाव में दुबारा कांग्रेस की झोली में आई थी। यहां पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के साथ मानेसर गए स्व. गजेन्द्र सिंह शक्तावत का वर्चस्व रहा है। कांग्रेस ने उनकी पत्नी प्रीति गजेन्द्र सिंह शक्तावत को टिकट दिया था।

- चौरासी: इस सीट पर बीटीपी के राजकुमार रोत जीते हैं लेकिन मुख्यमंत्री यहां कांग्रेस पार्टी के लिए नए अवसर पैदा कर रहे हैं। उनके दौरे और विकास की घोषणाएं इस बात की गवाह हैं।

- चित्तौडगढ़: इस सीट पर भाजपा का कब्जा है, लेकिन इस क्षेत्र में कांग्रेस लगातार सक्रिय होती दिख रही है। कार्यकर्ताओं और पार्टी से जुड़े नेता यहां सरकार की योजनाओं का प्रचार करने में जुटे हैं।

- बड़ीसादड़ी: चित्तौडगढ़़ जिले की ये सीट भाजपा के पास है लेकिन मुख्यमंत्री ने यहां विशेष ध्यान देते हुए पूर्व विधायक प्रकाश चौधरी के साथ दौरा किया था।

- आसपुर: डूंगरपुर जिले की यह सीट भाजपा के कब्जे में है। लेकिन, मुख्यमंत्री की तरफ से की गई घोषणाएं इस बार वोटर्स को मूड बदल सकती हैं। बेणेश्वर धाम समेत अन्य घोषणाओं ने यहां कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनाया है।

एक नजर में मेवाड़-वागड़ की 28 सीटों की स्थिति-

जिलाविधानसभा सीटभाजपाकांग्रेसबीटीपीअन्य
उदयपुर0806020000
राजसमंद0402020000
चित्तौडगढ़0503020000
प्रतापगढ़0200020000
बांसवाड़ा0502020001
डूंगरपुर0401010200

कुल

(उप चुनाव शामिल)

2814110201