जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
राजस्थान की नगरीय निकायों (नगर निगम, नगर परिषद और नगर पालिका) में सीज हुई संपत्तियों को सीजमुक्त करने के बाद भी निकायों ने इसकी रिपोर्ट सरकार को नहीं भिजवाई। स्वायत्त शासन विभाग ने आज एक आदेश जारी करते हुए प्रदेश की सभी निकायों को जल्द से जल्द पिछले एक साल में सीजमुक्त की संपत्तियों की रिपोर्ट भेजने के लिए कहा है।
दरअसल, राज्य सरकार ने अवैध निर्माण या अन्य मामलों में नगरीय निकायों में अधिकारी अपनी मर्जी से सम्पत्तियों को सीज करके उसे वापस अपनी मर्जी से खोल देते थे। इसको लेकर जनप्रतिनिधियों में नाराजगी थी। जनप्रतिनिधियों की लगातार मिल रही। शिकायतों के बाद सरकार ने सीज हुए भवनों को दोबारा खोलने के लिए एक पॉलिसी बनाई थी। इस पॉलिसी को जारी करने के साथ हर निकायों को ये आदेश दिए थे कि वे अपने-अपने क्षेत्राधिकार में सीजमुक्त की जाने वाली सम्पत्तियों की हर 2 महीने में रिपोर्ट सरकार को भिजवाएंगे।
एक भी निकाय ने नहीं भेजी एक साल से रिपोर्ट
पॉलिसी जारी होने के बाद से प्रदेश 200 से ज्यादा निकायों में से एक भी निकाय ने रिपोर्ट अब तक नहीं भेजी। इस पर आज स्वायत्त शासन निदेशालय के निदेशक ने एक आदेश जारी करके सभी निकायों को जल्द से जल्द अब तक की रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही आगे से रिपोर्ट हर माह 15 तारीख तक भिजवाने के लिए कहा है।
जयपुर में 300 से ज्यादा संपत्तियां सीज
जयपुर नगर निगम ग्रेटर और नगर निगम हेरिटेज एरिया में करीब 300 ऐसी संपत्तियां है, जो लम्बे समय से सीज पड़ी है। इन संपत्तियों को अब तक सीज मुक्त नहीं हुई है। इन संपत्तियों के अलावा अन्य कई संपत्तियों को जोन स्तर पर सीज मुक्त भी किया है। नगर निगम में सीज संपत्तियों को लेकर पार्षद भी अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा चुके है।
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