जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
गहलोत सरकार ने महाराणा प्रताप के नाम से बोर्ड बनाने का फैसला किया है। बोर्ड का नाम वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप बोर्ड होगा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने महाराणा प्रताप के नाम से बोर्ड बनाने के प्रस्ताव करे मंजूरी दे दी है। इस बोर्ड में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष के अलावा सात मेंबर होंगे।
बोर्ड में सचिव और स्टाफ अलग से होगा। सीएम की मंजूरी के बाद बोर्ड बनाने का काम शुरू होगा। बोर्ड के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और मेंबर के पद राजनीतिक नियुक्तियों से भरे जाएंगे। चुनावी साल को देखते हुए बोर्ड में अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति जल्द होने के आसार हैं। सरकार ने इस बोर्ड के गठन का उद्देश्य नई पीढ़ी को महाराणा प्रताप के महान चरित्र के बारे में बताने, उन पर आधारित पुरातात्विक धरोहरों का संरक्षण बताया है। यह बोर्ड महाराणा प्रताप के बारे में अलग अलग भाषाओं में उपलब्ध प्राचीन साहित्य को इकट्ठा करेगा। बोर्ड प्रताप पर शोध, प्रकाशन और प्रचार-प्रसार करने के साथ सिलेबस भी बनाएगा।
प्रताप के नाम पर इंटरनेशनल अवॉर्ड
बोर्ड महाराणा प्रताप के नाम से राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कारों की शुरूआत करेगा। प्रताप पर पर आधारित मेलों, प्रदर्शनी, समारोह, सम्मेलन, फिल्मों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों, संगोष्ठियों और कवि सम्मेलनों का आयोजन भी करेगा। बोर्ड का उद्देश्य महाराणा प्रताप के विचारों का देश-विदेश में प्रचार-प्रसार करना भी होगा। गहलोत सरकार ने इस बार कई बोर्ड बनाए हैं। कई बोर्ड जातीय और क्षेत्रीय संतुलन साधने के लिए बनाए गए हैं। महाराणा प्रताप को मानने वालों की बड़ी संख्या है, उस वोट बैंक को मैसेज देने के हिसाब से इस बोर्ड के गठन करो अहम माना जा रहा है। सीएम ने उदयपुर दौरे के उौरान ही मई में इसकी घोषणा की थी और अब उदयपुर दाैरा खत्म होते ही इसके गठन को मंजूरी दे दी।
0 टिप्पणियाँ