जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।  

जयपुर में माली समाज के महापंचायत में यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के सामने सीएम अशोक गहलोत जिंदाबाद के नारे लगे। गहलोत समर्थकों की लगातार नारेबाजी के कारण मौर्य को अपना भाषण बीच में रोकना पड़ा। वहीं नारेबाजी के कारण लोकसभा स्पीकर ओम बिरला बिना भाषण दिए ही चले गए।

शहर के विद्याधर नगर स्टेडियम में रविवार को महापंचायत में लोकसभा स्पीकर बिरला और यूपी के डिप्टी सीएम मौर्य मुख्य अतिथि थे। जैसे ही मौर्य भाषण देने के लिए उठे, गहलोत समर्थकों ने नारेबाजी शुरू कर दी। थोड़ी देर तक मौर्य भाषण देते रहे, लेकिन नारेबाजी नहीं रुकी तो वे रुक गए। हालांकि गहलोत समर्थक लगातार नारेबाजी करते रहे। थोड़ी देर बाद मौर्य ने भाषण खत्म कर दिया।महापंचायत में पहुंचे सीएम के बेटे वैभव गहलोत बोले- समाज के लोगों का जिस तरीके से समर्थन मिल रहा है। निश्चित तौर पर फिर से कांग्रेस की सरकार राजस्थान में रिपीट करने जा रही है।महापंचायत में भाजपा सरकार में पूर्व मंत्री प्रभुलाल सैनी, बीजेपी से निष्कासित विधायक शोभारानी कुशवाह सहित समाज के कई नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए हैं। प्रदेश भर से बड़ी संख्या में लोग जुटे हैं।

माली महाकुंभ के जरिए ये रखी प्रमुख मांगें

  • महात्मा ज्योतिबाराव फूले और सावित्री बाई फूले को भारत रत्न से सम्मानित किया जाए।
  • नए संसद भवन में पहले की तरह महात्मा ज्योतिबाराव फूले की मूर्ति स्थापित की जाए।
  • सावित्री बाई फूले द्वारा महिला शिक्षा एवं सशक्तिकरण के लिए किए कार्यों को देखते हुए 5 सितंबर शिक्षक दिवस को माता सावित्री बाई फूले के नाम से शिक्षक दिवस मनाया जाए।
  • सैनी, माली, कुशवाहा, शाक्य, मौर्य, मौर्या, सुमन, वनमाली, भोई माली समाज को उनके अति आर्थिक, सामाजिक पिछड़े पन के आधार पर 12 प्रतिशत आरक्षण दिया जाए।
  • राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टियां माली समाज को विधानसभा चुनाव में प्रत्येक जिले में कम से कम 1 टिकट और लोकसभा चुनाव में प्रदेश की किसी भी एक लोकसभा सीट पर उम्मीदवार बनाए।
  • महात्मा ज्योतिबाराव फूले बोर्ड की तरह कुशवाहा समाज लवकुश बोर्ड का गठन किया जाए।
  • देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों में महात्मा ज्योतिबाराव फूले दंपती के नाम से शोधपीठ का गठन किया जाए।
  • जातिगत जनगणना 2011 के आकड़े जारी कर जनसंख्या अनुपात में अति पिछड़ा वर्ग समाज को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए संसाधन उपलब्ध कराए जाए।
  • संत शिरोमणि लिखमीदास महाराज के नाम से उनके जन्म स्थल अमरपुरा नागौर को पेनोरमा और धार्मिक स्थल के रूप में विकसित किया जाए।
  • केन्द्र सरकार की ओर से बनाए गए रोहिणी कमीशन की रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए।
  • सामाजिक और राजनीतिक आंदोलनों में दर्ज मुकदमे जो समाज के लोगों पर गैर कानूनी रूप से दर्ज किए गए हैं उन्हें वापस लिया जाए।