श्रीगंगानगर - राकेश शर्मा
जिले के उच्च प्रसव भार वाले चिकित्सा संस्थान के प्रसव कक्ष को प्रसव वॉच के माध्यम से डिजिटलाइज किए जाने के प्रयास शुरु किए हैं। यह मातृत्व एवं नवजात शिशु स्वास्थ्य की दिशा में एक और नया कदम है। इसे लेकर सभी संबंधित केंद्रों को टेबलेट देकर प्रशिक्षण दिया गया है। गुरुवार को एनएचएम टीम ने संबंधित टेबलेट प्रभारी को प्रशिक्षण देकर इसकी विधिवत शुरुआत की।
सीएमएचओ डॉ. मनमोहन गुप्ता ने बताया कि प्रसव वॉच कार्यक्रम को अमली जामा पहनाने के लिए सारी तैयारियां पूरी कर ली गई है। सभी संस्थानों पर आवश्यक सामग्री पहुंचा दी गई है, जिसमें टेबलेट तथा टैबलेट स्टैंड आदि शामिल है। अब टेबलेट में प्रसव सम्बन्धित जननी सुरक्षा योजना केस शीट की एंट्री की जाएगी। प्रसव वॉच के जरिए प्रसव कर्मी को सही समय में सही निर्णय लेने मदद मिलेगी। जिससे मातृ मृत्यु दर तथा शिशु मृत्यु दर को कम किया जा सकेगा। प्रसव वॉच के लिए सभी स्वास्थ्य कार्मिकों का प्रशिक्षण डीपीएम विपुल गोयल एवं डीएनओ कमल गुप्ता ने संस्थान पर जाकर दिया। सीएमएचओ डॉ. गुप्ता ने बताया कि प्रसव वॉच के क्रियान्वयन से स्वास्थ्य कर्मियों को कागजी कामों से राहत मिलगी। इस एप्लीकेशन में सिर्फ केस शीट की एंट्री करने मात्रा से ही लेबर रूम से संबंधित सभी रजिस्टर स्वत: ही भर कर तैयार हो जाएंगे। इस एप्लीकेशन के माध्यम से अब सभी गर्भवती महिलाओं के प्रॉटोग्राफ भी बन जाएंगे। जिससे सभी गर्भवती महिलाओं के लेबर प्रोग्रेस को मॉनिटरिंग करना आसान होगा। प्रसव संबंधी सभी कार्यों, रैफर, शिफ्टिंग, डिस्चार्ज आदि सभी को अब प्रसव वॉच के माध्यम से ही किया जाएगा। इस एप्लीकेशन के आ जाने से सभी संस्थानों को एक दूसरे से लिंक किया जाएगा, जिससे रैफर इन तथा रैफर आउट किए गए केसों पर भी नजर रखी जा सकेगी।
इन केंद्रों पर मिले टेबलेट
सीओआईईसी विनोद बिश्रोई ने बताय जिले के दस स्वास्थ्य केंद्रों पर ये टेबलेट व अन्य सामग्री दी गई है। जिसमें जिला अस्पताल सहित उपजिला अस्पताल सादुलशहर, सीएचसी घड़साना, रावला, अनूपगढ़, श्रीविजयनगर, सूरतगढ़, रायसिंहनगर, श्रीकरणपुर और पीएचसी रामसिंहपुर शामिल है। यह मातृ एवं शिशु मृत्यु में कमी लाने में कारगर साबित होंगे। इसमें गर्भवती महिलाओं का प्रसव पूर्व से लेकर पश्चात तक का रिकॉर्ड रहेगा।
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