जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

बिपरजाॅय दाे दिन बाद प्रदेश में एंट्री करेगा। लेकिन 16 जून को गुजरात से सटे दक्षिण-पश्चिमी जिलों में प्रवेश करते ही यह कमजाेर पड़ जाएगा और डीप डिप्रेशन में बदल जाएगा। इससे तेज हवाओं के साथ बारिश हाेगी।

इस तूफान की गति अभी 130-140 किमी/घंटा है, पर राजस्थान में प्रवेश के समय यह 45-55 किमी/घंटा रह जाएगी। इस वजह से 15 जून से ही प्रदेश में आंधी-बारिश की गतिविधियां तेज हो जाएंगी। लेकिन चक्रवात से कोई खतरा नहीं है। इससे पहले मंगलवार जून महीने का सबसे गर्म दिन रहा। धाैलपुर में पारा 44.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। वहीं, 17 शहर 40 डिग्री के पार रहे। जयपुर का पारा 40.8 डिग्री रहा।
शहर पारा
धाैलपुर - 44.4
कराैली - 43.2
चूरू - 42.6
पिलानी - 42.5
काेटा - 42.5
स.माधाेपुर - 42.4
जयपुर - 40.8

 राजस्थान में सबसे अधिक असर कहां?

-17 जून काे इसका असर जोधपुर, उदयपुर व अजमेर संभाग में होगा। बाड़मेर, बीकानेर, जाेधपुर, उदयपुर, चूरू, जैसलमेर, पाली, नागाैर, जाेधपुर, सिराेही, राजसमंद में तेज बारिश संभव।

राजस्थान में क्यों प्रभावी नहीं होते चक्रवात?
-लाे लेवल पर नमी नहीं मिलती, इसलिए कमजाेर पड़ते जाते हैं, माैसम केंद्र जयपुर के निदेशक आरएस शर्मा के अनुसार, समुद्र से जमीन पर आते ही चक्रवात कमजाेर पड़ जाते हैं। कारण- समुद्र में पानी हाेने से लगतार माॅइश्चर मिलता है। लेकिन सरफेस पर आते ही चक्रवात काे लाेअर लेवल से नमी नहीं मिलती। ड्राई विंड के सम्पर्क में आते ही ये कमजाेर पड़ जाते हैं। राजस्थान ड्राई एरिया हाेने से भी चक्रवात काे ज्यादा इफेक्ट करता है।

चक्रवात के कारण 58 ट्रेनें प्रभाावित

बिपरजॉय के कारण 58 ट्रेनें प्रभावित हुई हैं। इनमें उत्तर पश्चिम रेलव से गुजरने वाली कम ट्रेनें हैं। बांद्रा टर्मिनस-भुज कच्छ एक्सप्रेस सहित 3 ट्रेनें रद्द रहेंगी। 30 ट्रेनों को शॉर्ट टर्मिनेट किया गया है।