राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ द्वारा हजारों की संख्या में मुख्यमंत्री आवास का घेराव किया जा रहा है। सचिवालय के बाहर कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों से आए कर्मचारी साेमवार सुबह से हीं इकट्ठे होने शुरू हो गए थे। जिसके बाद 11 बजे से कर्मचारियों ने सचिवालय के पास पहुंच कर नारेबाजी कर रहे हैं। कर्मचारियों को रोकने के लिए काफी संख्या में सुरक्षाकर्मी भी तैनात हैं। जिनसे कर्मचारियों की कई बार झड़प भी होती रही।
पिछले 63 दिनों से सरकारी कार्यालयों में नहीं हो रहा काम
दरअसल कर्मचारी महासंघ अपनी मांगों को लेकर पिछले 56 दिनों से मानसरोवर के शिप्रा पथ ग्राउंड में महापड़ाव कर रहे हैं। लेकिन सरकार द्वारा किसी भी प्रकार के समाधान नहीं मिलने से नाराज कर्मचारी पिछले दिनों मंत्री के घरों का भी घेराव कर चुके हैं। सरकारी कार्यालयों में पिछले 63 दिनों से काम ठप पड़ा है।
मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष राजसिंह चौधरी ने बताया कि राज्य सरकार को 2 दिन का समय दिया गया था, लेकिन 2 दिन में सरकार की ओर से कोई पॉजिटिव आदेश जारी नहीं हुआ। ऐसे में आज से प्रदेश भर के दस हजार से ज्यादा मंत्रालयिक कर्मचारी मुख्यमंत्री आवास का घेराव कर रहे है। जब तक सरकार हमारी मांगो को नहीं मान लेती हम यहां से नहीं जाने वाले। उन्होंने कहा कि सरकार कमेटियों के जरिये आन्दोलन को समाप्त करवाना चाहती है जबकि इसके पहले खेमराज कमेटी की रिपोर्ट पेश होने के 6 माह पूरे हो जाने के बाद भी रिपोर्ट लागू नहीं की गई है। राज्य सरकार द्वारा विभिन्न स्तरों पर कई दौर की वार्ता के बावजूद भी आज तक मांगों पर निर्णय नहीं लिया गया है जिससे पूरे प्रदेश के मंत्रालयिक कर्मचारियों में रोष व्याप्त है।
कर्मचारी संघ की प्रमुख मांगे निम्न है: -
स्टेट पेरिटी के आधार पर कनिष्ठ सहायक की ग्रेड पे 3600 की जाए। पंचायती राज संस्थाओं में अधीनस्थ विभागों हेतु तय मानदंडों के अनुसार पदोन्नति के पद सृजित किए जाए। विभिन्न संस्थाओं में कनिष्ठ सहायक की मिनिमम योग्यता स्नातक की जाए। वरिष्ठ लिपिक के पदों में वृद्धि की जाए पंचायती राज संस्थाओं में अंतर जिला स्थानांतरण किया जाए
0 टिप्पणियाँ