जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।  

राज्य में सफाई कर्मचारियों की भर्ती का नया शेड्यूल जारी नहीं करने के विरोध में आज से सफाई कर्मचारियों ने हड़ताल पर जाने का निर्णय किया है। संयुक्त वाल्मीकि एवं सफाई कर्मचारी संघ की आज हुई बैठक में ये निर्णय किया गया। भर्ती प्रक्रिया को लेकर दो महीन में ये दूसरी बार है जब कर्मचारियों ने हड़ताल का निर्णय किया है। इस निर्णय का असर अब कल से जयपुर समेत राज्य के दूसरे शहरों में देखने को मिलेगा।

संघ के अध्यक्ष नंदकिशोर डंडोरिया की मौजूदगी में नगर निगम हैरिटेज में आज हुई बैठक में बताया कि सरकार ने सफाई कर्मचारियों की भर्ती जो सरकार ने रोकी थी, उसे दोबारा नए सिरे से शुरू नहीं किया। हमने सरकार को इस मामले में कई ज्ञापन भी दिए, लेकिन उस पर कोई सुनवाई नहीं हुई। इस कारण आज सभी ने एकराय होकर हड़ताल पर जाने का निर्णय किया। हड़ताल का सबसे ज्यादा असर राजधानी जयपुर में देखने को मिलेगा। यहां 6 हजार से ज्यादा सफाई कर्मचारी ऐसे है जो वाल्मिकी समाज से जुड़े है। इन कर्मचारियों के काम नहीं करने से शहर में सफाई व्यवस्था प्रभावित होगी। इसके अलावा जोधपुर, बीकानेर, कोटा, अजमेर समेत दूसरे जिलों में भी इस हड़ताल के एलान का असर देखने को मिल सकता है।

आपको बता दें कि इससे पहले 25 अप्रैल को भी प्रदेशभर के सफाई कर्मचारियों ने हड़ताल कर दी थी। उस समय हड़ताल के पीछे कारण भर्ती की प्रक्रिया में आरक्षण देने का विरोध था। वाल्मिकी समाज इस भर्ती में समाज को प्राथमिकता देने की मांग कर रहा है। समाज से योग्य अभ्यर्थी नहीं मिलने पर दूसरे समाज या वर्ग के लोगों को भर्ती में शामिल किया जाए। इसी मांग को लेकर लम्बे समय तक आंदोलन चला और हड़ताल रही। इसके बाद सरकार ने 26 अप्रैल को इसे निरस्त कर दिया था।

13,184 पदों पर होनी है भर्ती
प्रदेश की 176 नगरीय निकायों (नगर निगम, नगर पालिका और नगर परिषद) में 13 हजार 184 सफाई कर्मचारियों की भर्ती होनी है। अप्रैल में सरकार ने इसकी विज्ञप्ति जारी करके मई में ऑनलाइन आवेदन मांगे थे, लेकिन आवेदन शुरू होने से पहले विवाद शुरू हो गया और सरकार को इस भर्ती प्रक्रिया को राेकना पड़ा था।

ये है तीन प्रमुख मांगे

  • सफाई कर्मचारियों की भर्ती की जो संशोधित विज्ञप्ति जारी की जाए उसमें पदों की संख्या बढ़कर 30 हजार की जाए।
  • भर्ती की संशोधित विज्ञप्ति में वाल्मिकी समाज के लोगों को प्राथमिकता दी जाए।
  • साल 2018 से पहले जिन्होंने सफाई का काम निकायों में कॉन्ट्रेक्ट या संविदा पर किया है उनको भी प्राथमिकता दी जाए।