जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र बीजेपी के केन्द्रीय नेतृत्व का राजस्थान पर पूरा फोकस हैं। यहीं वज़ह है कि लगातार राजस्थान में पीएम मोदी से लेकर केन्द्रीय मंत्रियों व नेताओं के दौरे हो रहे हैं। इसी क्रम में अगले तीन दिन प्रदेश में केन्द्रीय नेताओं के दौरे रहेंगे। इसमें 28 जून को जोधपुर में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, 29 को भरतपुर में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा व 30 जून को गृहमंत्री अमित शाह उदयपुर में जनसभा को संबोधित करेंगे।
इन दौरों से बीजेपी इन तीनों संभागों में अपनी राजनीतिक पकड़ तो मजबूत करने की कोशिश कर ही रही हैं। वहीं विधानसभा चुनाव से पहले कार्यकर्ताओं को एकजुट करने औऱ स्थानीय स्तर पर हावी गुटबाजी को भी समाप्त करने में लगी हैं। वहीं दौरों के जरिए सोशल इंजीनियरिंग को भी साधने की कोशिश की जा रही हैं।
बीजेपी ने 31 मई को अजमेर में पीएम मोदी की सभा से राजस्थान में चुनावी शंखनाद कर दिया था। जिसके बाद से लगातार बीजेपी प्रदेश को लेकर आक्रामक रणनीति के तहत काम कर रही हैं। इन तीनों दौरों के बाद अगले माह पीएम मोदी का एक बार फिर राजस्थान आने का कार्यक्रम बन रहा हैं। जिसके तहत मोदी जुलाई में जोधपुर में एक बड़ी जनसभा को संबोधित कर सकते हैं।
मारवाड़ में बीजेपी की सोशल इंजीनियरिंग
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की 28 जून को जोधपुर जिले के बालेसर में एक बड़ी सभा होगी। केन्द्र में मोदी सरकार के 9 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित लोकसभा सम्मेलन को राजनाथ सिंह संबोधित करेंगे। राजपूत बाहुल्य माने जाने वाले मारवाड़ में राजनाथ सिंह का यह दौरा सोशल इंजीनियरिंग के लिहाज़ से भी काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा हैं। यहीं वज़ह है कि राजनाथ सिंह की सभा राजपूत बाहुल्य क्षेत्र बालेसर में करवाई जा रही हैं। वहीं मारवाड़ के सियासी समीकरण देखें तो बीजेपी यहां बहुत मजबूत स्थिति में नहीं हैं। मारवाड़ के छह जिलों की 33 सीटों में से पिछले चुनाव में बीजेपी को 14, कांग्रेस को 16, आरएलपी को 1 व 2 सीटें अन्य के खातें में गई थी।
भरतपुर संभाग में सबसे कमजोर स्थिति में है भाजपा
राजनाथ सिंह के बाद 29 जून को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भरतपुर आ रहे हैं। भरतपुर में वह बीजेपी के नए जिला कार्यालय का उद्घाटन करेंगे। वहीं नदबई में आयोजित होने वाले लोकसभा सम्मेलन के जरिए जनसभा को संबोधित भी करेंगे। सियासी समीकरण के लिहाज़ से भरतपुर संभाग में बीजेपी की स्थिति सबसे ज्यादा खराब हैं। पिछले चुनावों में बीजेपी यहां 19 में से केवल 1 सीट जीत पाई थी। उसमें भी राज्यसभा चुनावों में धौलपुर से बीजेपी विधायक शोभारानी कुशवाह ने कांग्रेस के पक्ष में मतदान कर दिया था। जिसके बाद बीजेपी ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया था। ऐसे में आज की तारीख में भरतपुर संभाग में बीजेपी का एक भी विधायक नहीं हैं। ऐसे में आने वाले दिनों में भरतपुर संभाग में अन्य नेताओं के भी दौरे होंगे।
मेवाड़ के लिए बीजेपी की खास रणनीति
मेवाड़ को लेकर बीजेपी खास रणनीति के तहत काम कर रही है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले 9 महीने में पीएम मोदी के 6 दौरों में से 2 मेवाड़ में हुए।अब मेवाड़ को साधने के लिए 30 जून को गृह मंत्री अमित शाह भी आ रहे हैं। शाह उदयपुर शहर के गांधी ग्राउंड में जनसभा को संबोधित करेंगे। वहीं बूथ सम्मेलन के जरिए कार्यकर्ताओं में जान फूंकने का काम भी करेंगे। राजस्थान की राजनीति में माना जाता है कि जिसने मेवाड़ फतह कर लिया, उसने राजस्थान फतह कर लिया। लेकिन पिछले विधानसभा चुनावों में यह मिथक टूटा था। उदयपुर संभाग की 28 सीटों में से बीजेपी ने 15, कांग्रेस ने 10 और अन्य ने 3 सीटें जीती थी। लेकिन इस बार गुलाबचंद कटारिया के राज्यपाल बन जाने से बीजेपी के लिए मेवाड़ में वैक्यूम पैदा हो गया हैं। वहीं लोकल नेताओं में गुटबाजी भी बढ़ी हैं। हालांकि मेवाड़ से सीपी जोशी को प्रदेशाध्यक्ष बनाकर बीजेपी ने इस वैक्यूम को खत्म करने की कोशिश की हैं। लेकिन अभी भी मेवाड़ में पिछली परफोर्मेंस बरकरार रखना बीजेपी के लिए आसान नहीं होगा।
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