जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

सीएम अशोक गहलोत ने बुधवार देर रात राजस्थान के बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी राहत दी। गहलोत ने यह साफ कर दिया कि अब बिजली का बिल कितना भी आए, पहले 100 यूनिट के लिए उपभोक्ताओं को पैसा नहीं देना होगा।

यानी अगर 100 यूनिट या उससे कम बिल आया तो कोई पैसा नहीं लगेगा। वहीं अगर अब 105 यूनिट भी बिजली का उपयाेग होता है तो उपभोक्ता का बिल महज 22.5 रुपए आएगा।

लेकिन इसके लिए उपभोक्ताओं को महंगाई राहत कैंप रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होगा। इसके बिना 100 यूनिट फ्री बिजली स्कीम का फायदा नहीं मिलेगा।

सबसे पहले समझ लेते हैं कि सीएम गहलोत की बुधवार रात को की गई घोषणा के बाद क्या फर्क आया है और इससे पहले क्या नियम था...

  • दरअसल, पिछले साल सीएम अशोक गहलोत ने 50 यूनिट तक मुफ्त बिजली की घोषणा की थी, यानी उपभोक्ताओं का बिल चाहे जितना भी आए, उसे 50 यूनिट तक का बिल नहीं देना होता था।
  • इसके बाद इस साल बजट घोषणा में गहलोत ने इसे बढ़ाकर 100 यूनिट कर दिया। लेकिन यह भी शर्त रखी गई कि अगर 100 यूनिट से 1 यूनिट भी ज्यादा हुआ तो 101 यूनिट का बिल चुकाना होगा, हालांकि उसमें सब्सिडी दी गई थी।
  • अब, गहलोत ने इसमें फिर से बदलाव करते हुए यह साफ कर दिया है कि पहले की ही तरह 100 यूनिट तक बिल आने पर अब कोई भी पैसा नहीं देना होगा। साथ ही 200 यूनिट तक फ्यूल सरचार्ज, स्थाई शुल्क, इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी और अरबन सेस जैसे शुल्क भी नहीं देने होंगे।
  • इस तरह होती प्रति यूनिट बिल की गणना

    बीपीएल, आस्था कार्डधारी उपभोक्ताओं के लिए 50 यूनिट तक 3.50 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से। छोटे घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 50 यूनिट तक 3.85 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से। सामान्य घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 50 यूनिट तक 4.75 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से। 50 से 150 यूनिट तक 6.50 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से। 150 से 300 यूनिट तक 7.35 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से। 300 से 500 यूनिट तक 7.65 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से। 500 यूनिट से अधिक 7.95 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से।

    इस तरह लगते हैं एक्स्ट्रा चार्ज

    फिक्स्ड चार्ज : अलग-अलग यूनिट उपभोग के आधार पर उपभोक्ता को फिक्स्ड चार्ज देना पड़ता है।

    बीपीएल, आस्था कार्डधारी उपभोक्ताओं के लिए 50 यूनिट तक : 100 रुपए प्रति माह

    छोटे घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 50 यूनिट तक : 125 रुपए प्रति माह

    सामान्य घरेलू उपभोक्ताओं के 50 से 150 यूनिट तक : 230 रुपए प्रति माह

    150 से 300 यूनिट तक : 275 रुपए प्रति माह

    300 से 500 यूनिट तक : 345 रुपए प्रति माह

    500 यूनिट से अधिक : 400 रुपए प्रति माह

    इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी : यह चार्ज फिक्सड है और फिलहाल 40 पैसे प्रति यूनिट के अनुसार उपभोक्ता से वसूला जाता है।

    अरबन सेस : यह चार्ज सिर्फ शहरी क्षेत्रों में लगता है। नगर निकाय क्षेत्रों से ही यह वसूला जाता है। फिलहाल यह 15 पैसे प्रति यूनिट के अनुसार वसूला जाता है।

    वाटर सेस : इसी तरह वाटर सेस भी 10 पैसे प्रति यूनिट के अनुसार लिया जाता है।

    फ्यूल सरचार्ज : यह कोयले के उपभोग के अनुसार बदलता रहता है। हर तीन महीने में यह वसूला जाता है। सरकार ने हाल ही में 2022 के जुलाई से सितम्बर और फिर अक्टूबर से दिसम्बर के महीनों के लिए 45 पैसे और 52 पैसे प्रति यूनिट वसूला था। यह स्थाई नहीं होता है।

    (ऐसे में यह स्पष्ट है कि अगर 100 यूनिट प्रति माह तक का उपभोग होता है तो कोई पैसा नहीं देना होगा। वहीं इससे ज्यादा यूनिट उपयोग होने पर पैसे देने होंगे)

  • सब्सिडी का गणित

  • 0 से 100 यूनिट तक : कोई पैसा नहीं, बिल शून्य आएगा।

    100 से 150 यूनिट तक : 100 के अतिरिक्त जितने भी यूनिट का उपभोग होगा उसका पैसा देना होगा, इसपर 3 रुपए प्रति यूनिट तक की सब्सिडी मिलेगी, कोई भी अतिरिक्त चार्ज नहीं देना होगा।

    150 से 200 यूनिट : इसमें 100 से 200 के बीच तक जितनी भी यूनिट का उपभोग होगा उसका पैसा देना पड़ेगा। मगर 150 से ऊपर यूनिट होने पर 3 के बजाय 2 रुपए प्रति यूनिट की सब्सिडी मिलेगी। साथ ही कोई भी अतिरिक्त चार्ज नहीं देना पड़ेगा।

    200 से 300 यूनिट : इसमें 100 यूनिट से अतिरिक्त जितना भी उपभोग होगा उसका पैसा देना होगा। मगर प्रति यूनिट 2 रुपए की सब्सिडी मिलेगी। मगर यहां फ्यूल सरचार्ज, स्थाई शुल्क, इलेक्ट्रसिटी ड्यूटी, अरबन सेस जैसे अतिरिक्त सभी चार्ज देने होंगे।

    300 यूनिट से ज्यादा : 100 यूनिट के अतिरिक्त जो उपभोग होगा उसका पैसा देना होगा। 750 रुपए प्रति माह की सब्सिडी मिलेगी। सभी तरह के अतिरिक्त चार्ज भी देने होंगे।

    गर्मियों में नहीं मिलेगा ज्यादा फायदा?

    100 यूनिट फ्री बिजली के लिए जरूरी है एक दिन में अधिकतम 3.3 यूनिट की खपत, लेकिन गर्मियों के सीजन में ये संभव नहीं है। क्योंकि आज किसी घर में दो पंखे, दो लाइट, फ्रिज, टीवी होना कॉमन बात है। एक पंखा अगर 24 घंटे में से कम से कम 10 घंटे चलता है तो एक यूनिट और एक फ्रिज अगर पूरे दिन चलता है तो 3 यूनिट बिजली की खपत करता है।

    यानी 1 पंखा और 1 फ्रिज ही दिन के 4 यूनिट के हिसाब से महीने के 120 यूनिट खा जाते हैं इसके अलावा लाइट, टीवी, मोबाइल चार्जर, मिक्सी या अन्य उपकरण भी दिन रोजाना औसतन एक से डेढ़ यूनिट बिजली की खपत करते हैं।

    जयपुर डिस्कॉम के रिटायर्ड चीफ इंजीनियर अर्जुन मोहनोत ने बताया कि सरकार ने भले ही 100 यूनिट बिजली फ्री की घोषणा कर दी हो, लेकिन इसका फायदा ज्यादा परिवारों को अभी चार-पांच महीने नहीं मिलने वाला। क्योंकि अप्रैल से नवंबर तक अधिकांश लोगों के बिजली की खपत हर महीने 100 यूनिट से ज्यादा होती है।

    सर्दियों में मिलेगा फ्री बिजली का असली फायदा

    फ्री बिजली स्कीम का फायदा गर्मियों में बेहद कम लोगों को मिलेगा। क्योंकि हर बार गर्मियों में बिजली की रिकाॅर्ड खपत होती है। पिछले साल बारिश से पहले तक प्रदेश में औसतन 3000 लाख यूनिट बिजली की खपत हो रही थी। भीषण गर्मी के बीच बिजली कंपनियों का तंत्र फेल हो गया था।

    प्रदेश को 12 रुपए प्रति यूनिट तक की दर से बिजली खरीदनी पड़ी थी। अप्रैल, मई व जून तक 3000 से 3200 लाख यूनिट बिजली खप रही थी। इस दौरान निगम को औसतन रोजाना 100 से 200 लाख यूनिट तक अतिरिक्त बिजली की व्यवस्था करनी पड़ रही थी। इसके लिए भी 4 से 5 रुपए प्रति यूनिट और पीक टाइम में 8 से 10 रुपए में खरीदी गई।


  • (दैनिक भास्कर से साभार)