जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
कांग्रेस ने चुनाव से पहले राज्य के विधानसभा क्षेत्रों में फीडबैक आधारित रायशुमारी के लिए कुछ जिलों में पर्यवेक्षक लगाए हैं। इनमें दो से तीन विधानसभा क्षेत्रों की जिम्मेदारी के साथ पर्यवेक्षकों को फीडबैक आधारित रायशुमारी करनी है। उन्हें संगठन और चुनाव के प्रत्याशियों के संभावितों की खोज के लिए जानकारी जुटानी है।
हालांकि दो दिन में पर्यवेक्षकों का यह फीडबैक फिलहाल विधायकों और प्रत्याशी रहे नेताओं की ओर से जुटाए कार्यकर्ताओं की मीटिंग तक सीमित है। जयपुर में कांग्रेस संगठन के लिहाज से दो जिले जयपुर शहर और जयपुर ग्रामीण है। इनकी जिम्मेदारी सुखबिंदर सरकारिया को दी गई है। सरकारिया को इनके अलावा अजमेर शहर, अजमेर देहात, सीकर जिलों का भी पर्यवेक्षक बनाया गया है।
जयपुर की मालवीय नगर और आदर्श नगर विधानसभा क्षेत्रों के लिए किक्की संधू को पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी दी गई है। दोनों ने अपने-अपने क्षेत्रों में मीटिंग से कामकाज की शुरुआत की है। हालांकि अभी केवल मीटिंग तक ही मुलाकात सीमित रखी गई है, लेकिन कांग्रेस संगठन का कहना है कि कुछ ही दिनों में ये पर्यवेक्षक वन-टू-वन मुलाकात भी करेंगे।
रंधावा ने दिए थे फीडबैक के संकेत
असल में प्रदेश प्रभारी बनाए जाने के बाद सुखजिंदर सिंह रंधावा ने स्पष्ट कहा था कि वे प्रदेश के सभी जिलों व उनकी विधानसभाओं में सर्वे कराकर और फीडबैक लेकर संगठन और सत्ता की मजबूती के लिए कदम उठाएंगे। बताया जा रहा है कि ये पर्यवेक्षकों की नियुक्ति उसी कदम का हिस्सा हैं। रंधावा ने ही पर्यवेक्षक तय किए हैं। इसके अलावा रंधावा ने अपने साथ को-ऑर्डिनेशन के लिए कैप्टन जेएस रंधावा को भी लगाया है, लेकिन वे अभी तक जयपुर नहीं आए हैं।
पर्यवेक्षक अपने क्षेत्र के कार्यकर्ता-नेताओं से मुलाकात करेंगे
असल में पर्यवेक्षक अपनी जिम्मेदारी वाली विधानसभा सीटों में जाकर वहां के कांग्रेस कार्यकर्ता और नेताओं से शुरुआती परिचय कर रहे हैं। सरकारिया और संधू ने दो-तीन मीटिंग की हैं। इसके बाद वे वन-टू-वन मुलाकात करेंगे। इसमें वे ग्रास रूट लेवल पर कार्यकर्ताओं से मिलेंगे। उनका प्रत्याशी के रूप में, चुनावी कार्य के रूप में फीडबैक लेंगे। वे क्षेत्र में जाकर यह भी जानने का प्रयास करेंगे कि पार्टी कार्यकर्ता सरकारी योजनाओं की पब्लिसिटी कर रहे हैं या नहीं।
पर्यवेक्षकों व सर्वेयरों की खोज में जुटे स्थानीय नेता
असल में पर्यवेक्षकों के आने से पहले कांग्रेस के स्थानीय नेता, चुनाव लड़ने को उत्सुक नेता लगातार यह प्रयास कर रहे थे कि उनके क्षेत्र में आने वाले पर्यवेक्षक या सर्वेयरों से उनकी मुलाकात हो जाए। असल में रंधावा ने कहा था कि जो भी कार्यकर्ता फील्ड में होंगे, पार्टी के लिए काम कर रहे होंगे, सर्वे कराकर उनकी खोज की जाएगी। इसके बाद सर्वे होने की अटकलें शुरू हो गई थीं। अब पर्यवेक्षकों के आने का सिलसिला शुरू हो गया है।
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