जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।  

राजस्थान रीयल एस्टेट रेगुलेटरी ऑथोरिटी (रेरा राजस्थान) में जजमेंट देने वाले सदस्य पर बिल्डर ने पक्षपात करने का आरोप लगाते हुए उसी के खिलाफ शिकायत दे दी। बिल्डर के इस कदम के बाद कोर्ट ने बिल्डर पर आदेशों की पालना नहीं करते हुए इसे अवहेलना माना और बिल्डर ग्रुप के सभी डायरेक्टर और उनके सीए को नोटिस जारी कर अगली सुनवाई में पेश होने के आदेश दिए है।

ऑथोरिटी के सदस्य सलविंदर सिंह सोहाता ने आदेशों की अवेहलना विक्की वर्मा की याचिका पर दिए निर्णय की पालना नहीं करने के मामले में माना है। वर्मा ने बिल्डर पर प्रोजेक्ट में समय पर फ्लैट का कब्जा नहीं देने की शिकायत करते हुए पूरा पैसा ब्याज सहित वापस देने की याचिका लगाई थी। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए ऑथोरिटी के सदस्य बिल्डर ग्रुप को बिना ब्याज के पैसा लौटाने के आदेश 6 अप्रैल 2023 दिए थे।

आदेश के बाद भी नहीं दिया रिफंड

इस आदेश के बाद भी बिल्डर ग्रुप की ओर से परिवादी को रिफंड नहीं किया। इसके विपरित इसी आदेशों के खिलाफ बिल्डर ग्रुप ने एक शिकायत पत्र ऑथोरिटी में देते हुए सदस्य सोहाता पर पक्षपात पूर्ण निर्णय करने का आरोप लगाया। ग्रुप के सीए और रिप्रजेन्टेटिव ने आरोप लगाया कि हमने ऑथोरिटी से सुनवाई के लिए आगे की डेट मांगी, लेकिन हमारी सुनवाई नहीं की और एक तरफ फैसला सुना दिया।

दो मामले में बिल्डर के पक्ष में सुनाया फैसला

पहले इसी प्रोजेक्ट में समय पर कब्जा नहीं देने के मामले दो अन्य याचिकाएं भी रेरा ऑथारिटी में लगी थी। ये याचिका जसमीत जैन, कुलविंदर सिंह की ओर से लगाई थी। उस याचिका दोनों ने बिल्डर पर समय पर कब्जा नहीं देने पर जमा पैसा रिफंड करवाने की मांग की थी। तब बिल्डर ने अपना पक्ष रखते हुए प्रोजेक्ट पूरा होने की बात कही और कब्जा देने के लिए कहा। इस पर रेरा ऑथोरिटी ने बिल्डर के पक्ष में फैसला करते हुए रिफण्ड दिलवाने से मना करते हुए फ्लैट का कब्जा देने के आदेश दिए थे।