जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।  

राजस्थान में चुनावी साल शुरू होने के साथ ही आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला भी शुरू हो गया है। शुक्रवार को बीजेपी मुख्यालय में नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कांग्रेस सरकार पर तुष्टीकरण के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने कन्हैया लाल हत्याकांड के आरोपियों को पकड़ने में मदद की थी। आज उन्हें खुद की सुरक्षा के लिए दर-दर की ठोकर खाने को मजबूर होना पड़ रहा है। इससे साफ जाहिर होता है कि कांग्रेस सरकार राजस्थान के लोगों की सुरक्षा करने में फेल हो चुकी है।

राजेंन्द्र राठौड ने कहा कि सरकार के दर्जा प्राप्त मंत्री चतराराम ने भगवान राम को गाली दी। जिनके खिलाफ मामला दर्ज हुआ। लेकिन कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई। इसके अलावा भगवा रैली के खिलाफ नारेबाजी, जयपुर बम ब्लास्ट के आरोपियों का बरी होना, हिंदु नववर्ष की झांकी और रैलियों पर पथराव जैसी घटनाए कांग्रेस की तुष्टिकरण नीति के चलते होते हैं।

राजसमंद सांसद दिया कुमारी ने कहा - कन्हैयालाल के हत्यारों डित युवको ने आतंकियों को पकडवाने में सहयोग किया। उसके बाद दोनो युवकों को सम्मानित करने वाले लोग ही अब इनका साथ नहीं दे रहे। जिसके चलते दोनों युवक बेराजगार होकर सुरक्षा की गुहार लगाते भटक रहे हैं। इनके परिवार और इन्हे हमले की आशंका है। लेकिन सरकार की ओर से सुरक्षा और सहायता नहीं दिये जाने पर ये लाचार हैं। हमने इन्हे व्यक्तिगत रूप से आजीविका चलाने में सहयोग करने का वादा किया है।

इस दौरान राजेंन्द्र राठौड ने कहा कि पिछली बजट राशि करीब तीन हजार करोड़ रूपए खाद्य एंव आपूर्ति विभाग के मद में था। जिसको बढ़ाकर सात हजार करोड का प्रावधान किया और खाद्य आपूर्ति विभाग से बदलकर सहकारिता विभाग कर दिया गया। जिसको लेकर मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने बिना विधानसभा में प्रस्ताव लाए अन्नपूर्णा फूड पैकेट योजना का मद परिवर्तन करने पर मुख्यमंत्री को लिखित आपत्ति दर्ज कराई।

इसके अलावा मिड-डे मील योजना में कॉन्फेड के माध्यम से 200 करोड़ के टेंडर की आड में निजी फर्मो को लाभ पहुंचाने के लिए 1678 करोड़ के कार्यादेश केवल मिड-डे मील योजना में दिये गए।

राठौड़ ने मुख्यमंत्री गहलोत पर आरोप लगाते हुए कहा कि भामाशाह कार्डों पर तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के फोटो पर आपत्ति जताने वाले अशोक गहलोत रक्षाबंधन पर 1.31 करोड स्मार्ट फोन बांटने की तैयारी कर रहे हैं। उनमें स्क्रीन पर खुद की फोटो चमकाने की तैयारी में हैं। स्मार्ट फोन खरीद को लेकर भी पूरी गफलत है। ये स्मार्ट फोन किस कंपनी से खरीदे जाएंगे। इनका टेंडर किस आधार पर होगा।

टेंडर में कितनी कंपनियां शामिल होगी। इसके बारे में किसी को जानकारी नहीं है। एक स्मार्ट फोन की कीमत 15 हजार रूपए मानकर भी यदि आकलन करें। तो 19 हजार 950 करोड का बजट बनता है। जिसका कोई प्रावधान सरकार द्वारा मौजूदा वित्तिय वर्ष में नहीं किया गया।

राठौड़ ने कहा कि री-रजिस्ट्रेशन के नाम पर प्रदेश के 62.94 लाख लाभार्थी परिवारों का डेटा थर्ड पार्टी को सौंप दिया गया। जिससे इन परिवारों के प्रति सायबर क्राईम, सेक्स्टोर्शन और अन्य दुरूपयोग होने का खतरा मंडरा रहा है। इस संबंध में केंद्रीय दूर संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी पिछले महिने सायबर फ्रॉड के लिए आमजन को चेताया था। उन्होंने कहा कि महंगाई हटाने का वादा करने वाली कांग्रेस सरकार ने प्रदेश में पेट्रोल पर वैट को 26 प्रतिशत से बढाकर 31.04 प्रतिशत किया है। जबकि डीजल पर 18 प्रतिशत से बढाकर 19.30 प्रतिशत कर दिया। इसके अलावा मंडी टैक्स के मामले में 1.60 पैसे से बढाकर 2.60 पैसे कर दिया। बिजली फ्यूल सरचार्ज को 60 पैसे प्रति यूनिट बढाया गया है।