कांग्रेस इस बार फिर से नहीं जीत सकने वाले मौजूदा विधायकों के टिकट काटने की तैयारी में है। हर सीट पर सर्वे के आधार पर हर विधायक का रिपोर्ट कार्ड तैयार किया है। सर्वे में जिस विधायक के खिलाफ लगातार रिपोर्ट आएगी उनका टिकट खतरे में आना तय है। कर्नाटक विधानसभा चुनावों में हुई जीत के बाद कांग्रेस राजस्थान में भी उसी फार्मूले पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। हर सीट पर कई राउंड सर्वे करवाकर फीडबैक लिया जा रहा है। सभी 200 सीटों पर शुरुआती सर्वे करवा लिए गए हैं। आगे भी कई दौर के सर्वे होंगे। जिन विधायकों की जनता के बीच छवि खराब है और जीतने की हालत नहीं हैं, उनके टिकट काटे जाने की तैयारी है।
प्रोफेशनल एजेंसियों से सर्वे की शुरुआती रिपोर्ट
राजस्थान चुनावों के लिए प्रोफेशनल एजेंसी से सर्वे करवाया जा रहा है। पहले दौर के सर्वे की रिपोर्ट सीएम, प्रदेश प्रभारी और हाईकमान के पास है। सर्वे के आधार पर जिताऊ उम्मीदवारों की लिस्ट तैयार की जा चुकी है। जिन नेताओं के टिकट काटे जाने हैं उसकी एक शुरुआती लिस्ट मुख्यमंत्री, प्रदेश प्रभारी ने तैयार कर ली है। हारने वाले उम्मीदवारों को सचेत भी कर दिया है और उन्हें फील्ड में मेहनत करने को कहा है।
सर्वे में हारने वाले मौजूदा विधायकों को सचेत किया
ग्रेस ने राजस्थान में टिकट बांटने का कर्नाटक वाला फार्मूला अपनाने की तैयारी कर ली है। इस फार्मूले के अनुसार हर सीट पर पहले कई राउंड सर्वे करवाए जा रहे हैं। मौजूदा विधायक अगर हार रहा है तो उनके टिकट काटे जाएंगे। हारने वाले विधायकों को पहले से सचेत कर दिया गया है। सर्वे में हार रहे विधायकों से कहा गया है कि वे फील्ड में जनता के बीच अपना पर्सेप्शन सुधारें। आगे के सर्वे तक के लिए इन विधायकों के पास मौका है, अगर सुधार हो जाता है और आगे सर्वे में उनके पख में राय आ जाती है तारे टिकट नहीं कटेंगे।
सह प्रभारी धवन बोलीं- ग्राउंड से खराब रिपोर्ट तो टिकट कटेंगे
कांग्रेस की सह प्रभारी सचिव अमृता धवन ने कहा- अभी सर्वे हो रहा है, उसमें किसी की ग्राउंउ से रिपोर्ट खराब आती है तो उस पर संज्ञान लिया जाएगा। लोग कांग्रेस सरकार के काम से खुश हैं।जिलेवार कांग्रेस की बैठकें करके कार्यकर्ताओं को डोर टू डोर जाकर सरकार की योजनाओं का प्रचार करने को कहा है। लोग कांग्रेस को वोट करना चाहते हैं। कुछ चुनिंदा लोग ऐसे हैं जिनकी सर्वे में रिपोर्ट ठीक नहीं है तो उनके बार में क्या कदम उठाया जा इस पर विचार किया जाएगा।
इस बार माइक्रो-मैनेजमेंट से लड़ा जाएगा चुनाव
सह प्रभारी अमृता धवन ने कहा- टिकट वितरण के प्रोसेस का लेयर में है। इसमें प्रभारी, सहप्रभारियों का फीडबैक होगा। लोगों का फीडबैक होगा। स्क्रीनिंग कमेटी का फीडबैक होगा। सर्वे होंगे, सर्वे के आधार पर ही हम कर्नाटक बेहतर तरीके से जतकर आए हैं। हर सीट पर स्टडी की जा रही है। इस बार चुनाव बहुत माइक्रो मैनेजमेंट से लड़ा जा रहा है।
लोकलुभावन योजनाओं का डोर टू डोर प्रचार
कांग्रेस इस बार राजस्थान पर खास फोकस कर रही है। सीएम अशोक गहलोत इस बार जनता को सीधा फायदा देने वाली लोकलुभावन योजनाओं के सहारे चुनाव में जाने की तैयारी में हैं। योजनाओं की प्रोफेशनल तरीके से प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। प्रचार के मोर्चे पर आक्रामक तरीके से अभियान शुरू किया है।
पहले भी कांग्रेस ने दो बार हारने वालों को टिकट देने का मापदंड बनाया था
कांग्रेस हर चुनावों में टिकट को लेकर मापदंड बनाती है, लेकिन बाद में उनमें छूट भी दी जाती रही है। पिछली बार दो बार से ज्यादा हारने वालों को टिकट नहीं देने का मापदंड बनाया था लेकिन कई नेताओं को इससे छूट दी गई थी। हर बार यह कहा जाता है कि पैराशूटी नेताओं को टिकट नहीं मिलेगा, लेकिन इसकी कभी पालना नहीं होती। टिकट वितरण के मापदंड बनते और बदलते रहते हैं।
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