जोधपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 
पर्यावण सरंक्षण करने एवं किसानों की आमदनी बढ़ाने के उद्देश्य से मंगलवार को कावतरा गांव में "खेजड़ी लगाओ, धरती बचाओ" अभियान का श्रीगणेश हुआ। बड़ी संख्या में महिलाओं की मौजूदगी में किसानों ने भूमिपूजन करके खेजड़ी के 11 पेड़ों को लगाकर "हरित भीनमाल" अभियान का शुभारंभ किया। मुहिम के तहत पर्यावरण सरंक्षण के लिए किसानों को प्रेरित करके अगले पांच साल में जालोर जिले में खेजड़ी के कम से कम एक लाख पेड़ों को लगाया जाएगा। 
पर्यावरण संरक्षण को लेकर यह कार्यक्रम मंगलवार को सामाजिक कार्यकर्ता एवं कांग्रेस के युवा नेता श्रवण सिंह राठौड़ के जन्मदिन पर "आर्यवर्धन सेवा संस्थान" के बैनर तले रखा गया।  
सबसे पहले श्रवण सिंह राठौड़ ने  भूमिपूजन करके खेजड़ी के पेड़ को लगाया।  इसके बाद पूर्व रेंजर मग सिंह चौहान एवं सरपंच गजेंद्र सिंह चंपावत ने ग्रामीणों के साथ खेजड़ी के 10 पेड़ लगाए। इस दौरान जम्भेश्वर भगवान एवं सनातन धर्म के जयकारों के साथ खेजड़ी (शमी) की पूजा की गई।
खेजड़ी लगाओ, धरती बचाओ अभियान के  शुभारंभ पर कांग्रेस नेता श्रवण सिंह राठौड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी के सेवा ही कर्म- सेवा ही धर्म जीवन से प्रेरणा लेकर  पर्यावरण सरंक्षण के लिए राज्य वृक्ष खेजड़ी लगाने के अभियान की शुरुआत की गयी है। राठौड़ के मुताबिक मंगलवार से कावतरा से शुरू किए गए इस अभियान के तहत मानसून काल में जिला प्रशासन एवं वन विभाग की मदद से गांव गांव जाकर खेजड़ी के पेड़ लगाए जाएंगे। साथ ही खेजड़ी के पेड़ लगाने एवं खेजड़ी के सरंक्षण को लेकर सभा करके किसानों को  प्रेरित किया जाएगा। राठौड़ के मुताबिक उनका लक्ष्य पांच साल में एक लाख खेजड़ी के पेड़ लगाने का है। राठौड़ के मुताबिक इस मुहिम का उद्देश्य पर्यावरण सरंक्षण, मृदा का कटाव रोकना,  किसानों की पैदावार बढ़ाना, सांगरी के माध्यम से किसानों की आय बढाना और भेड़ बकरियों के लिए लूंग की पर्याप्त व्यवस्था करना है। किसानों को खेजड़ी के पेड़ लगाने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
अभियान के शुभारंभ के अवसर पर वन विभाग के पूर्व रेंजर मग सिंह चौहान के कहा कि खेजड़ी के पेड़ से जमीन की उर्वरा शक्ति बढ़ती है और नमी बनी रहती है। साथ ही खेजड़ी का पेड़ पशुपालक समुदाय के लिए बहुत उपयोगी है। इस अवसर पर कावतरा सरपंच गजेंद्र सिंह चंपावत ने कहा कि हमारे गांव में खेजड़ी के एक हज़ार पेड़ लगाए जाएंगे। उन्होंने खेजड़ी को मारवाड़ की तुलसी बताते हुए इसके सरंक्षण के लिए सभी किसानों को आगे आने का आह्वान किया। इस दौरान चेन्नई में कार्यरत कावतरा के रहने वाले प्रवासी व्यवसाई सुजान सिंह देवड़ा ने कहा कि वो खेजड़ी के सरंक्षण के लिए सारे प्रवासी बन्धु तन, मन और धन से मदर करने को तैयार है। किसान जेरूपाराम चौधरी ने कहा कि खेजड़ी के पेड़ पर लगने वाली सांगरियों के अच्छे दाम मिलना शुरू हो जाये तो किसानों की आमदनी बढ़ सकती है। इस बारे में सरकार को ध्यान देना चाहिए। 
जन्मदिन पर खेजड़ी के  11 पेड़ लगाने का आग्रह 
खेजड़ी लगाओ, धरती बचाओ अभियान की अनूठी शुरुआत करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता श्रवण सिंह राठौड़ ने प्रदेश के युवाओं से आग्रह किया कि वो अपने जन्मदिन पर खेजड़ी के 11 पेड़ लगाकर पर्यावरण संरक्षण में अपनी भागीदारी निभाए। राठौड़ के मुताबिक जो भी युवा जन्मदिन पर खेजड़ी के 11 पेड़ लगाकर फ़ोटो या वीडियो बनाकर भेजेगा, उसे वो अपने सोशियल मीडिया प्लेटफार्म पर शेयर करेंगे और यादगार गिफ्ट भी देंगे। 
सांगरी की सब्जी की विदेशों में करेंगे मार्केटिंग और ब्रांडिंग  सामाजिक कार्यकर्ता श्रवण राठौड़ ने कहा कि खेजड़ी पर लगने वाली सांगरी की सब्जी बहुत गुणकारी, ताकतवर एवं ऑर्गेनिक होती है। राठौड़ के मुताबिक देश के बड़े शहरों और विदेशों में सांगरी की पर्याप्त मार्केटिंग एवं ब्रांडिंग करके बाजार में इसकी उपयोगिता को बढाने का काम किया जाएगा। जिससे किसानों को खेजड़ी के प्रति पेड़ हज़ारों रुपये की आमदनी मिल सकें। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में महिलाएं एवं किसान मौजूद रहे।