जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।   

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आज जोधपुर में दिए बयान पर बीजेपी ने पलटवार करते हुए सीएम गहलोत को छलिया जादूगर कहा है। बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने बयान जारी करके कहा है कि आप छलिया जादूगर है, सिर्फ छल करना जानते हैं। आपकी जादूगरी से सरकारी कार्यालय में करोड़ों रुपए नकद और सोने की सिल्लियां मिल रही है। आप केंद्र सरकार की योजनाओं में कुछ पैसा जोड़ कर, उनका नाम परिवर्तित करके स्वयं को शाबाशी देना बंद कीजिए। प्रदेश की जनता आपके छल को समझ चुकी है। विकास की गंगा केंद्र सरकार बहा रही है, आप सिर्फ वाहवाही लूटने में लगे हो। आप कितना ही प्रयास कर लीजिए दिसंबर 2023 में आपकी सरकार का जाना तय है। सीएम गहलोत ने आज जोधपुर में एक कार्यक्रम में कहा था कि मुझे मैजिक भी आता है, मैं मैजिशियन बन कर पैसा कमा लूंगा, लेकिन आपका सिर नीचे नहीं होने दूंगा।

सीपी जोशी ने कहा कि आपने प्रदेश को सिर्फ अपराध, भ्रष्टाचार, दलित उत्पीड़न, बेरोजगारी, किसानों के साथ धोखा जैसे दंश दिए हैं। आपका पूरा ध्यान अपनी सत्ता की कुर्सी पर लगा हुआ है। प्रदेश में हो रहे अपराध, अराजकता का माहौल युवाओं और किसानों के साथ धोखा जैसे मुद्दों से आपका कोई सरोकार नहीं है। प्रदेश में सबसे अधिक बेरोजगारी है। प्रतियोगिता परीक्षा के पेपर बेचकर युवाओं के रोजगार के सपने तोड़े जा रहे हैं। जनता के पैसे को लूटा जा रहा है। सरकारी कार्यालयों में करोड़ों रुपए और सोने की सिल्लियां मिल रही है। यह मुख्यमंत्री की जादूगरी नहीं तो, क्या है।

बिकाऊ विधायकों के नाम सार्वजनिक करें सीएम गहलोत
वहीं नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने मंत्री गोविंदराम मेघवाल के उस पर बयान पर पलटवार किया। जिसमें उन्होंने कहा था कि साल 2020 में मुझे भी खरीदने की कोशिश हुई थी। राठौड़ ने टवीट करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बाद अब उनके खेमे के साथी मंत्री गोविंदराम मेघवाल विधायकों की खरीद फरोख्त और फोन टैंपिंग को लेकर भाजपा पर अनर्गल आरोप लगा रहे हैं। जब सरकार कांग्रेस की है, गृह विभाग के मुखिया स्वयं मुख्यमंत्री है तो फिर तथाकथित बिकाऊ विधायकों के नाम सार्वजनिक क्यों नहीं करते? फोन टैपिंग का ब्यौरा जांच के लिए क्यों नहीं सौंपते? राठौड़ ने कहा, मंत्री का बयान और यह तथ्य प्रमाणित करते हैं कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर फोन टैपिंग हो रही थी। वहीं तत्कालीन मुख्य सचेतक ने फोन टैपिंग केस में एसीबी और एसओजी में एफआईआर दर्ज कराई तो फिर मुख्यमंत्री के निर्देश पर एफआर क्यों लगाई गई? कांग्रेस के नेता पुराना राग अलापकर अपने राजनीतिक स्वार्थों की पूर्ति करना बंद करें और जनहित पर ध्यान दें तो बेहतर होगा।