UDH मंत्री शांति धारीवाल और खाद्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के बीच जारी बयानबाजी पर प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने नाराजगी जताई है। रंधावा ने सीएम अशोक गहलोत से मंत्रियों की बयानबाजी पर रोक लगाने को कहा है। रंधावा ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी से भी इस पूरे मामले में रिपोर्ट ली है।
सुखजिंदर सिंह रंधावा ने शांति धारीवाल और प्रतापसिंह खाचरियास की बयानबाजी को लेकर कहा- मंत्रियों की एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी ठीक नहीं है। मैंने मुख्यमंत्री से कहा है, आपके मंत्रियों को कंट्रोल करिए। मंत्रियों को कंट्रोल करना चीफ मिनिस्टर का काम है। सरकार के लेवल पर सीएम और संगठन के लेवल पर मैं इस पूरे मामले को देख रहा हूं।
रंधावा ने सीएम से चर्चा की, सीएम कह हिदायत के बाद मंत्रियों के तेवर बदले
रंधावा ने सीएम अशोक गहलोत और प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा से चर्चा की है। मुलाकात के दौरान रंधावा ने आपस में मंत्रियों के मतभेदों को सार्वजनिक मंच पर रखने से बचने की हिदायत दी। बताया जाता है कि सीएम ने मंत्रियों को बयानबाजी पर लगाम लगाने की हिदायत दी है। इसके बाद हमलावर नजर आ रहे खाद्य मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास के तेवर बदल गए हैं। एक दिन पहले खाचिरयावास ने मंत्री शांति धारीवाल को बीजेपी कार्यकर्ता तक बता दिया था। आज खाचरियावास ने उस मुद्दे पर चुप्पी साध ली है।
धारीवाल के बयान से शुरू हुआ था विवाद
यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने गुरुवार को उदयपुर में कहा था कि जयपुर बहुत बड़ा शहर है, लेकिन पिछड़ रहा है। प्रदेश में स्मार्ट सिटी में चार शहर कोटा, अजमेर, जयपुर और उदयपुर लिए गए हैं। सबसे ज्यादा पिछड़ा हुआ काम जयपुर का है। मैं वहीं का हूं, लेकिन मैं कुछ नहीं कर सका। तीन-तीन मंत्री, छह-छह विधायक हैं। यही सबसे बड़ी प्रॉब्लम है। अगर न मंत्री होते, न विधायक होते तो काम समय पर पूरे हो जाते। उन मंत्री-विधायकों के आपसी विवाद जो पैदा हो जाते हैं, इसलिए काम अटक जाते हैं। वो कहता है कि यह योजना लाओ, इसको बदलो, इसको करो, उसी में मामला उलझता जाता है।
खाचरियावास ने धारीवाल को बीजेपी कार्यकर्ता बता दिया
खाद्य मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने शुक्रवार को शांति धारीवाल पर पलटवार करते हुए उन्हें बीजेपी कार्यकर्ता तक बता दिया। कहा- धारीवाल कांग्रेस को हराना चाहते हैं, उन्हें शर्म आनी चाहिए, माफी मांगनी चाहिए। प्रतापसिंह शुक्रवार को जयपुर में मीडिया से बात कर रहे थे।
खाचरियावास ने कहा- धारीवाल ने 22 जून को जिस तरह की भाषा बोली उससे यह लग रहा है कि उनके नेता सोनिया गांधी और अशोक गहलोत नहीं गुलाबचंद कटारिया हैं। धारीवाल बीजेपी के कार्यकर्ता बनकर बात कर रहे रहे थे। उन्होंने संकल्प ले रखा है, कैसे गलत बयान देना है। जिस तरह की भाषा धारीवाल बोल रहे हैं, वह कांग्रेस कार्यकर्ता की नहीं हो सकती। धारीवाल को शर्म आनी चाहिए, पार्टी विरोधी बयान देने के लिए माफी मांगनी चाहिए। धारीवाल को पार्टी से अनुशासनहीनता का नोटिस मिला हुआ है, इसके बावजूद इस तरह की भाषा का प्रयोग कर रहे हैं। वह कांग्रेस विरोधी है। धारीवाल से जयपुर के किसी दूसरे नेताओं को डर लगता होगा, मुझे नहीं लगता, वह जवाब देंगे तो मैं उनको पलट कर जवाब दूंगा।
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