जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
जयपुर निकायों (यूआईटी, विकास प्राधिकरण, हाउसिंग बोर्ड) में एक-एक फाइल पर सरकार से बार-बार मार्गदर्शन मांगने वाले अधिकारियों को सरकार ने फटकार लगाई है। प्रशासन शहरों के संग अभियान में पट्टे जारी करने समेत अन्य कार्यों के लिए मार्गदर्शन मांगने वाले अधिकारियों को नगरीय विकास विभाग ने विभाग से जारी आदेश, नोटिफिकेशन और गाइडलाइनों को अच्छे से पढ़ने की सलाह दी है। इन्हें पढ़े बिना ही आगे से मार्गदर्शन अगर किसी अधिकारी ने मांगा तो उसके खिलाफ विभागीय कार्यवाही करने की चेतावनी जारी की है।
नगरीय विकास विभाग के प्रमुख शासन सचिव टी. रविकांत की ओर से जारी आदेशों में बताया- अक्सर देखने में आया है कि यूआईटी, विकास प्राधिकरण समेत दूसरे निकायों के अधिकारी बड़ी संख्या में मार्गदर्शन के लिए विभाग को पत्र भेज रहे हैं। इसे देखकर ऐसा लग रहा है कि निकायों में बैठे अधिकारी विभाग से जारी आदेशों, निर्देशों, नोटिफिकेशन और मार्गदर्शन पुस्तिकाओं को नहीं पढ़ रहे। जबकि ये सब विभाग की वेबसाइट के अलावा प्रशासन शहरों के संग अभियान के ग्रुपों में भी उपलब्ध है।
आगे से पत्र भेजने से पहले इन्हें पढ़े
सचिव ने अपने पत्र में अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए है कि आगे से कोई भी अधिकारी किसी भी फाइल पर मार्गदर्शन मांगता है उससे पहले वह अच्छे से सरकार की ओर से जारी आदेशों, सर्कुलरों, नोटिफकेशन, गाइडलाइन को पढ़कर देखे। कहीं ऐसा न हो कि जो मार्गदर्शन अधिकारी चाहता है वह पहले से इन आदेशों, सर्कुलरों, नोटिफकेशन, गाइडलाइन में उपलब्ध हो। अगर किसी अधिकारी ने ऐसा किया और बाद ये पाया गया कि संबंधित जानकारी पहले से आदेशों में उपलब्ध है तो मार्गदर्शन के लिए पत्र भेजने वाले अधिकारी के खिलाफ विभागीय कार्यवाही करते हुए उसके खिलाफ आरोप पत्र जारी किया जाएगा।
बताना होगा कितने मामले हो रहे है प्रभावित
इस पत्र में ये भी स्पष्ट निर्देश दिए है कि अगर कोई अधिकारी किसी मामले पर मार्गदर्शन मांगता है तो उसे अपने मार्गदर्शन पत्र के साथ ये भी स्पष्ट करना होगा कि उस मामले के कितने प्रकरण पेंडिंग पड़े है। इनकी संख्या विभाग को लिस्ट करके भेजनी होगी। अक्सर ऐसा होता है कि अधिकारी किसी व्यक्ति विशेष की फाइल के लिए भी विभाग से मार्गदर्शन मांग लेते है।
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