बजरी की रॉयल्टी राशि बढ़ाने के विरोध में बजरी यूनियन की और से कलेक्ट्रेट रोड पर दिए जा रहे धरने में शनिवार को नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल भी पहुंचे। उन्होंने बजरी की कीमतों को लेकर बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं पर आरोप लगाए। कहा राजस्थान में माफिया हावी है। बजरी ठेकेदार के साथ बीजेपी और कांग्रेस के नेता पार्टनर हैं। कोई भी नेता बजरी माफिया के खिलाफ बोलने की हिम्मत नहीं दिखा रहा है।
कहा हमारे पास कई ऐसे दस्तावेज भी मिले हैं। यहां राजस्थान में देश का सबसे बड़ा बजरी घोटाला हुआ है। इसमें बीजेपी के नेता भी शामिल है। बजरी घोटाले की जांच ईडी से करवाने की मांग को लेकर धरना दिया जाएगा। इसके लिए ईडी ऑफिस का घेराव भी करेंगे। ईडी को सारे वो कागज देंगे जिससे कांग्रेस और बीजेपी की पोल खुलेगी।
बजरी को लेकर वर्तमान में पैदा हुए हालात को लेकर बीजेपी के एक भी नेता का बयान सामने नहीं आया है। कई केंद्रीय मंत्री, केबिनेट मंत्री, मुख्यमंत्री के इर्द गिर्द के लोग बजरी के खेल में शामिल है। इसकी भी कुछ ही दिनों में जानकारी साझा करेंगे।
आज राजस्थान में जो हालात है उसके लिए कांग्रेस और बीजेपी जिम्मेदार हैं। देश में अग्निवीर योजना लाकर जवानों के साथ धोखा किया गया। राजस्थान में लूट और भ्रष्टाचार चरम पर है। 80 प्रतिशत विधायक, सांसद की अपने क्षेत्र में बजरी माफिया से सांठगांठ है। आरएलपी ने सड़क पर संघर्ष किया है। कांग्रेस बीजेपी को छोड़कर किसी के साथ भी गठबंधन होगा।
यूनियन के लोगों का कहना है की बजरी ठेकेदार की ओर से पड़ी बजरी की रॉयल्टी पर अवैध वसूली की जा रही है। 550 रुपए प्रति टन रॉयल्टी वसूल की जा रही है। जबकि दूसरे जिलों में पड़ी बजरी की रेट 100 से ₹150 प्रति टन के हिसाब से ले रहे हैं। इसके चलते विरोध में ठेकेदारों ने बजरी लेना बंद कर दिया है। ऐसे में मजदूरी कर जीवन चलाने वाले मजदूरों पर संकट खड़ा हो गया है। इसलिए बजरी को 100 रुपए प्रति टन दिलवाया जाए।
दरअसल बजरी की महंगी कीमतों को लेकर बजरी ट्रक यूनियन ने हड़ताल की घोषणा कर रखी है। इसके चलते पिछले 4 सप्ताह से निर्माण कार्य करने वाले श्रमिकों को कोई काम नहीं मिल रहा है। दिहाड़ी मजदूरी कर पेट पालने वाले इन परिवारों को परेशान होना पड़ रहा है। कुछ दिनों पूर्व भी एडीएम को बजरी की महंगी कीमतों को लेकर ज्ञापन दिया गया था। ज्ञापन में आरोप लगाया कि बजरी की अवैध रूप से अधिक रॉयल्टी वसूली जा रही है।
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