जोधपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
निलंबित एएसपी दिव्या मित्तल को राजस्थान हाईकोर्ट से राहत मिली है। हाईकोर्ट की जोधपुर मुख्य पीठ ने दिव्या मित्तल की गिरफ्तारी पर रोक के आदेश जारी किए। हाईकोर्ट जस्टिस नुपूर भाटी की अवकाश कालीन एकल पीठ में याचिका पर सुनवाई हुई, जिसमें हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी पर रोक के आदेश दिए।
बता दें कि 2 करोड़ रिश्वत मामले में निलंबित एसओजी की एएसपी दिव्या मित्तल के उदयपुर के पास चिकलवास स्थित नेचर हिल्स एंड रिसोर्ट में 67 शराब बोटल मिली थी। इस पर आबकारी एक्ट में अंबामाता थाने में मामला दर्ज हुआ। इस एफआईआर को रद्द करने व गिरफ्तारी पर रोक लगाने के लेकर 5 जून को याचिका दायर की थी। जिस पर आज सुनवाई हुई।
दिव्या मित्तल की ओर से एडवोकेट नमन मोहनोत ने पक्ष रखा। पब्लिक प्रोसिक्यूटर श्रवण विश्नोई ने बहस के दौरान कई तर्क दिए, जबकि एडवोकेट मोहनोत ने बचाव में तर्क दिए। दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद जस्टिस नूपुर भाटी ने कहा कि सिर्फ एफआईआर से आरोप तय नहीं किया जा सकता और गिरफ्तारी पर रोक के आदेश जारी किए।
तीसरी बार हो सकती थी गिरफ्तारी
बता दें कि नशीली दवाओं से जुड़े मामले में एक दवा फर्म संचालक से 2 करोड़ रुपए की घूस मांगने के केस में निलंबित चल रही एसओजी की एएसपी दिव्या मित्तल को एसीबी ने गिरफ्तार किया था। जमानत पर बाहर आते ही एसओजी ने गिरफ्तार कर लिया। यहां से भी जमानत मिलने के बाद आबकारी मामले में गिरफ्तारी हो सकती थी। ऐसे में दिव्या के वकील ने गिरफ्तारी पर रोक के लिए याचिका दायर की थी।
यह है मामला
जयपुर ACB टीम ने 2 करोड़ की रिश्वत मांगने के मामले में अजमेर में 16 जनवरी को SOG की ASP दिव्या मित्तल को हिरासत में लिया था। मित्तल को एसीबी टीम अजमेर से जयपुर लाई थी। इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। मादक पदार्थ तस्करी के मामले में हरिद्वार की फार्मा कंपनी के मालिक को गिरफ्तार नहीं करने की एवज में बर्खास्त पुलिसकर्मी सुमित कुमार के माध्यम से यह घूस दिव्या मित्तल ने बतौर एएसपी मांगी थी। अजमेर के रामगंज थाने में दो और अलवर गेट थाने में एक यानी कुल 3 एफआईआर नशीली दवाओं की तस्करी मामले में दर्ज की गई थीं। तीनों मामलों में देहरादून स्थित दवा कंपनी हिमालय मेडिटेक के डायरेक्टर सुनील नंदवानी को आरोपी बनाया था। दिव्या ने नंदवानी को अलवर गेट थाने में दर्ज मामले में कमजोर धाराओं में गिरफ्तार किया था। जब नंदवानी ने कोर्ट में जमानत अर्जी लगाई, तो दिव्या ने कोर्ट से तथ्य छिपाया कि वह अन्य क्लब किए गए मामलों में भी आरोपी है। इस तरह नंदवानी ने हाईकोर्ट से 15 दिन बाद ही आसानी से जमानत ले ली। इस मामले में दिव्या मित्तल ने 1 करोड़ रुपए की रिश्वत ली थी।
दिव्या के उदयपुर रिसोर्ट पर बुलडोजर चला चुका प्रशासन
दिव्या मित्तल के उदयपुर स्थित रिसोर्ट पर प्रशासन ने बुलडोजर चलाकर निर्माण को ध्वस्त कर दिया था। तब बताया गया कि दिव्या मित्तल ने यूआईटी से उदयपुर शहर से करीब 25 किमी दूर चिकलवास गांव में फॉर्म हाउस के लिए जमीन की मंजूरी ली थी, लेकिन यहां रिसोर्ट बनाकर कॉमर्शियल उपयोग किया जा रहा था। इस पर यूआईटी ने पहले नोटिस देकर जवाब मांगा। जवाब नहीं मिलने पर यूआईटी टीम ने बुलडोजर चलाकर कार्रवाई की थी।
0 टिप्पणियाँ