भरतपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
सरकार द्वारा ब्रज क्षेत्र धार्मिक विकास बाेर्ड गठन की घोषणा के साथ ही डीग और कामां क्षेत्र में आने वाले धार्मिक स्थलाें के विकास की संभावना बन गई हैं। साथ ही बृज 84 काेस परिक्रमार्थियों के लिए सुविधाओं का विकास हाेगा। करीब 20 प्रायोजित यात्राओं के अलावा निजी स्तर पर भी परिक्रमा आयाेजन हाेते हैं। बृज की कला और संस्कृति पर शाेध कार्य कर चुके डा. भगवान मकरंद का कहना है कि करीब 50 लाख यात्री हर साल बृज यात्रा पर आता है।
इससे मंदिरों के साथ ही बृज की कला और संस्कृति काे संरक्षण एवं संवर्धन मिलेगा। परिक्रमा मार्ग में राजस्थान का हिस्सा डीग के पूंछरी से कामां के गांव नोनेरा तक 82.29 किलोमीटर है। इसमें पूंछरी का लाैठा, श्रीनाथ जी, बहज, डीग लक्ष्मण मंदिर, परमदरा, आदिबद्री, पसाेपा, केदारनाथ, चरण पहाड़ी, फिसल नी शिला, भाेजनथाली, विमल कुंड, सतवास और नाैनेरा क्षेत्र पड़ता है। इधर, ब्रजभूमि कल्याण परिषद सहित साधु संताें ने ब्रज क्षेत्र धार्मिक विकास बोर्ड की घोषणा पर हर्ष जताया है। महासचिव विक्रम लवानिया ने कहा कि इस घोषणा से राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा तथा विकास का मार्ग प्रशस्त होगा।
236 कराेड़ के बृज कॉरिडाेर के कार्य चार साल से अधूरे
मुख्यमंत्री बजट सत्र 2016-17 में 236 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले ब्रज चौरासी कोस एवं ब्रज कॉरिडोर का निर्माण कार्य वर्ष 2019 तक पूरा होना था, लेकिन सत्ता परिवर्तन के बाद परिक्रमा मार्ग का कार्य लटक गया। गांव कौरेर में 0.612 मीटर, बरौलीधाऊ गांव में 1.6 किलोमीटर तथा बिलोद गांव में एक किलोमीटर लंबा बाईपास का निर्माण होना होना था। भूमि अधिग्रहण तो कर ली, लेकिन काश्तकारों काे 6.42 करोड़ रुपए मुआवजा नहीं मिला है।
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