जोधपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

राजस्थान सरकार में देवस्थान विभाग मंत्री शकुंतला रावत शनिवार को जोधपुर पहुंचीं। इस दौरान उन्होंने विभाग की योजनाओं और किए गए कार्य गिनाए। वहीं सरकारी नियंत्रण से मंदिरों को मुक्त करने के मुद्दे पर भी बात की।

मंदिरों से सरकारी नियंत्रण खत्म करने को लेकर चल रही मांग को लेकर कहा कि किसी भी मंदिर में किसी तरह का कोई दबाव नहीं है। देवस्थान विभाग के मंदिरों में सरकार नियंत्रण नहीं रखती बल्कि मंदिरों के विकास और रखरखाव का ध्यान रखती है।

मंदिरों का जीर्णोद्धार भी सरकार करवाती है। जिसका उद्देश्य हमारे मंदिरों को सुरक्षित रखना है। हमारी कल्चर, संस्कृति से जुड़ी कलाकृतियों को बचाने का प्रयास सरकार करती है।

मुझे लगता है पहली बार किसी राज्य में ऐसा हुआ है जहां मंदिरों के विकास के लिए करोड़ों रुपए दिए गए हैं। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के 593 मंदिरों के लिए 593 लाख रूपए दिए हैं। पुजारियों का मानदेय भी पहली बार 5 हजार रूपए बढ़ाकर किए गए हैं। इसलिए मंदिरों के रखरखाव, पूजा पाठ, भक्ति के लिए यह सराहनीय कदम है।

रातानाडा मंदिर में बनेगा कॉरिडोर

रावत ने कहा मंदिर ईश्वरत्व का प्रतीक है। आने वाले समय में प्रदेश के कई बड़े मंदिरों में काॅरिडोर बनाया जाएगा। इनमें जोधपुर के रातानाडा गणेश मंदिर, कैला देवी, बेणेश्वर मंदिर, खाटूश्याम सहित कई अन्य मंदिर शामिल हैं। जहां श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए काॅरिडोर बनाए जाएंगे। सरकार मंदिरों के विकास को लेकर ऐतिहासिक कार्य कर रही है।

आमजन को देंगे मंदिरों की जानकारी

मंत्री रावत ने मंदिर पदयात्रा को लेकर कहा देवस्थान विभाग की ओर से जनवरी से यह पदयात्रा शुरू की थी। जिससे विभाग के मंदिर, राजकीय मंदिर की स्थापना, ऐतिहासिक महत्व के बारे में आमजन को बताना है। इसके लिए बुकलेट भी छपवाई गई है।

इसका उद्देश्य विभाग के प्राचीन मंदिरों की जानकारी आमजन तक पहुंच सकें। इसी क्रम में जयपुर, उदयपुर के बाद जोधपुर में इन मंदिरों का प्रचार प्रसार हो इसी को लेकर यह यात्रा शुरू की गई है। जिससे विभाग के प्राचीन मंदिरों की जानकारी दे सकें।

जमीनों पर अतिक्रमण के लिए योजना

देवस्थान विभाग की जमीनों पर अतिक्रमण के मुद्दे पर कहा कि इन जमीनों के संरक्षण के लिए विभाग ने नंदन कानन योजना बनाई है। इसके तहत उसे पर्यावरण पखवाड़े के रूप में भी मनाने जा रहे हैं। इसमें मंदिरों और विभाग की खाली जगहों पर पीपल, आंवले, कल्पवृक्ष आदि के पेड़ पौधे लगाए जाएंगे। जिससे हमारा पर्यावरण और वातावरण भी शुद्ध हो।

हमारे वेदों, पुराणों में भी पौधों का विशेष महत्व है। वैज्ञानिक दृष्टि से भी यह उपयोगी है। इसलिए पेड़ और पक्षियों को बचाने के काम में भी विभाग सफल हो सकेगा। वहीं इस पहल से विभाग की जमीन अतिक्रमण मुक्त होने के साथ ही पर्यावरण संरक्षण का भी काम करेगी।

कर्मचारियों को नहीं काटने पड़ते चक्कर
सरकार की योजनाओं की तारीफ करते हुए कहा कि राजस्थान में ओल्ड पेंशन योजना लागू करने की सबसे पहली घोषणा पूरे देश में सीएम अशोक गहलोत ने की। ऐसा ऐतिहासिक फैसला लेना बहुत बड़ी बात होती है। पहले कर्मचारियों को दवाईयों का बिल बनाना पड़ता था।

कई चक्कर काटने पड़ते थे, लेकिन अब सरकार ने आरजीएचएस योजना लागू की है। जिसका फायदा यह हुआ कि अब कर्मचारियों को चक्कर नहीं काटने पड़ते। अब सीधा कार्ड दिखाने पर उनकी दवाईयों का खर्च सरकार देती है।

इलाज में बिक जाता था घर

सरकार की चिरंजीवी योजना की तारीफ करते हुए कहा पहले आदमी घर बेचकर भी लाखों रूपए के ऑपरेशन नहीं करवा पाता था, लेकिन चिरंजीवी योजना से अब लाखों के ऑपरेशन निःशुल्क हो जाते हैं। किडनी फैलियर, ब्रोन ट्रांसप्लांट, कोकिलियर इम्प्लांट मशीन जैसी सुविधाएं मरीजों को राजस्थान सरकार ने दीं।

घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 100 यूनिट बिजली फ्री करना, दो हजार यूनिट किसान की बिजली फ्री करना जैसी योजनाएं प्रत्येक घर को टच करने वाली है। हर माह व्यक्ति को टेंशन होती है कि इतना बिल जमा करवाना पड़ेगा। उस टेंशन को सरकार ने खत्म किया है।

यह योजनाएं बचत, बढ़त और राहत देने वाली है। यह एक नया आयाम स्थापित करेगा। महंगाई राहत कैंप को लेकर कहा उनकी ग्राम पंचायत बानसूर में 850 लोग दो दिन में जुड़े।