जयपुर में पिछले दिनों योजना भवन की अलमारी में मिले करोड़ों कैश और गोल्ड के बाद सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है। अब एक ही डिपार्टमेंट में तीन साल से ज्यादा समय से अलग-अलग पदों पर काम कर रहे कर्मचारियों का ट्रांसफर किया जाएगा। इस संबंध में पॉलिसी भी बना दी गई है। ऐसे में प्रदेश के 3.5 से 4 लाख कर्मचारियों का विभाग जल्द ही बदलने वाला है।
इस फैसले के तहत राजस्थान में शासन सचिवालय समेत दूसरे विभागों, निकायों और अधीनस्थ कर्मचारी और अधिकारियों के ट्रांसफर किए जाएंगे। सरकारी काम में पारदर्शिता पर उठ रहे सवालों को देखते हुए गुरुवार को मुख्य सचिव उषा शर्मा ने आदेश जारी करते हुए सभी एचओडी को इस तरह के कर्मचारियों की बदली (सीट बदलने) के आदेश दिए हैं।
प्रशासनिक सुधार विभाग से जारी आदेशों के मुताबिक ऐसा देखा गया है कि शासन सचिवालय और दूसरे विभागों में कई कर्मचारी और अधिकारी एक ही सीट या पद पर कई सालों तक काम करते हैं। इससे सरकारी कामों की पारदर्शिता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
जरूरत होने पर 5 साल तक नहीं होगा ट्रांसफर
ऐसे में राजकीय कामों की पारदर्शिता को बनाए रखने के लिए किसी भी विभाग या ऑफिस में काम करने वाले कर्मचारी-अधिकारी को एक सीट पर 3 साल से ज्यादा समय तक काम नहीं करने दिया जाए। यही नहीं विशेष परिस्थिति या आवश्यकता होने पर कर्मचारी को अधिकतम 5 साल तक ही एक सीट पर काम कराया जा सकता है। इससे ज्यादा साल तक काम करने वाले कर्मचारी या अधिकारी को तुरंत प्रभाव से हटाया जाएगा। गौरतलब रहे पिछले दिनों डीओआईटी ऑफिस के बेसमेंट में रखी एक अलमारी से लाखों रुपए कैश और गोल्ड की ईंट मिली थी।
इस मामले में एसीबी ने डीओआईटी के संयुक्त निदेशक वेदप्रकाश यादव को पकड़ा था। यादव पिछले 15 साल से इसी पद पर रहते हुए निविदाओं और विभाग में जरूरी सामानों की खरीद-फरोख्त में अहम भूमिका निभाता था।
फाइलों को डिजिटलाइजेशन करने के निर्देश
मुख्य सचिव अपने आदेशों में सचिवालय समेत दूसरे विभागों की समस्त फाइलों को ई-फाइल मॉड्यूल में अपलोड करने के भी आदेश दिए हैं। इसका 15 दिन में रिव्यू करके उसकी रिपोर्ट भी तैयार करने के लिए कहा है। साथ ही जिन फाइलों का रिकॉर्ड डिजिटल नहीं हुआ, उनका अलमारियों में अच्छे से रखने के आदेश दिए हैं।
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