जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
80 हजार मंत्रालयिक कर्मचारियों के दोनों धड़े हड़ताल पर हैं। मंत्रालयिक एकता मंच 86 दिन से क्रमिक अनशन पर और राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ 62 दिन से हड़ताल पर है। ऐसे में आमजन से जुड़े 20 विभागों के बाबू ‘नहीं’ हैं। मेज पर फाइलों के ढेर लगे हैं। लाइसेंस, फिटनेस, सोशल वेलफेयर स्कीम, मूल निवास, जाति, ईडब्लूएस सहित हर तरह के प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहे हैं।
आवेदन लिए जा रहे हैं लेकिन सिर्फ जरूरी कामों के ही आदेश किए जा रहे। अधिकारियों का दावा है कि काम रुक नहीं रहा, सिर्फ डिले हो रहा है। इधर, मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास का कहना है कि मैंने सीएम से सकारात्मक निर्णय का आग्रह किया है। दूसरी ओर, वित्त सचिव-बजट रोहित गुप्ता एवं प्रमुख सचिव कार्मिक हेमंत गेरा की कर्मचारियों से वार्ता विफल हो गई। ऐसे में हड़ताल जल्द खत्म होने पर संशय है।
प्रमुख मांगें
- सहायक प्रशासनिक अधिकारी का ग्रेड पे 4200 एवम कनिष्ठ सहायक के लिए आरंभिक वेतन 25500 रुपए किया जाए।
- राज्य एवं अधिनस्थ सेवाओं में मंत्रालयिक कैडर के लिए 25 प्रतिशत पदोन्नति का कोटा और सीधी भर्ती से 12.5% कोटा निर्धारित किया जाए।
- सचिवालय और आरपीएससी सेवा के समान ही मंत्रालयिक कर्मचारियों का वेतनमान व अन्य परिलाभ सुनिश्चित हों।
वर्कलोड 40 से 50% तक पहुंचा
बाबुओं की कुर्सियां खाली थीं। सूचना सहायकों व कंप्यूटर ऑपरेटर्स से काम लिया जा रहा था। इनका वर्कलोड 40 से 50% तक बढ़ गया है। कलेक्ट्रेट, रेवेन्यू कोर्ट, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, परिवहन, वाणिज्यिक कर, शिक्षा, पीएचईडी और पीडब्लूडी जैसे विभागों में मंत्रालयिक कर्मचारी काफी हैं।
- 86 दिन से मंत्रालयिक कर्मी हड़ताल पर, दफ्तरों में सिर्फ आवेदन लिए जा रहे
- अफसरों का दावा-काम नहीं रुक रहा, सिर्फ डिले हो रहा
- मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास का कहना है कि मैंने सीएम से सकारात्मक निर्णय का आग्रह किया
मांग पूरी नहीं तो काम नहीं- कर्मचारी
राजस्व मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष अमित जैमन का कहना है कि रेवेन्यू कोर्ट में फैसले और रजिस्ट्री के 6 से 7 हजार प्रकरण अटके हैं। महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष राजसिंह चौधरी का कहना है कि परिवहन विभाग में 6 हजार लाइसेंस पेंडिंग हैं। एकता मंच के प्रवक्ता देवेंद्र सिंह ने कहा संगठन मिलकर वार्ता करेंगे, तब ही नतीजा निकल सकेगा।
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