जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।  

प्रदेश की जयपुर, जोधपुर व अजमेर की सरकारी बिजली कंपनियों के प्रबंधन ने दो महीने से महंगाई राहत कैंप की आड़ में मुख्यमंत्री निशुल्क बिजली योजना का फायदा नहीं दिया। डिस्कॉम्स ने 1750 करोड़ रुपए की सब्सिडी उपभोक्ताओं को नहीं दी। राहत के बजाय उपभोक्ताओं से ही अप्रैल, मई व जून के बिलों में फ्यूल सरचार्ज का 2476 करोड़ रुपए वसूला जा रहा है।

यानि मुख्यमंत्री निशुल्क बिजली योजना के दायरे में आने वाले 1.04 करोड़ उपभोक्ताओं को करीब 4226 करोड़ का नुकसान रहा। जबकि पिछले साल 50 यूनिट फ्री बिजली का फायदा एक अप्रैल से दिए जाने वाले बिजली बिलों में दिया गया था। लेकिन इस साल मुख्यमंत्री निशुल्क बिजली योजना से 100 यूनिट फ्री बिजली का फायदा मई के बिजली उपभोग यानि जून के बिलों से दिया जाएगा। वहीं, 200 यूनिट मासिक से कम बिजली उपभोग वाले उपभोक्ताओं के फ्यूल सरचार्ज को सरकार वहन करेगी। लेकिन 200 यूनिट से ज्यादा उपभोग करने वाले करीब 40 लाख उपभोक्ताओं पर फ्यूल सरचार्ज व स्थायी शुल्क का भार बरकरार रहेगा।

जुलाई में सरचार्ज लगाने के लिए ऑडिट

बिजली बिलों में जुलाई महीने में भी फ्यूल सरचार्ज लगाया जाएगा। इसलिए तीनों डिस्कॉम ने फ्यूल सरचार्ज की गणना कर ऑडिट करवाने के लिए थर्ड पार्टी सीए फर्म को अकाउंट भेज दिया है। माना जा रहा है कि जुलाई में भी 1000 करोड़ के फ्यूल सरचार्ज की वसूली के लिए करीब 50 पैसे प्रति यूनिट की वसूली होगी।

यह थी मुख्यमंत्री की बजट घोषणा

सीएम अशोक गहलोत ने बजट में मुख्यमंत्री निशुल्क बिजली योजना प्रारंभ करते हुए 100 यूनिट प्रतिमाह तक बिजली उपभोग करने वाले उपभोक्ताओं को आगामी वर्ष (1 अप्रैल 2023) से निशुल्क बिजली दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने 31 मई को 200 यूनिट प्रतिमाह तक बिजली उपभोग करने वाले उपभोक्ताओं को पहले 100 यूनिट बिजली फ्री के साथ 200 यूनिट तक के स्थायी शुल्क, फ्यूल सरचार्ज एवं तमाम अन्य शुल्क माफ करने की घोषणा कर दी।

यह है फ्यूल सरचार्ज वसूली
बिल फ्यूल सरचार्ज कुल राशि
अप्रैल 31 पैसा प्रति यूनिट 562 करोड़
मई 45 पैसा प्रति यूनिट 906 करोड़
जून 52 पैसा प्रति यूनिट 1008 करोड़