जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
एडिशनल कमिश्नर राजेंद्र कुमार वर्मा ने मेयर मुनेश गुर्जर, उनके पति समेत 15 पार्षदों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवा दी है। इसमें आरोप लगाया गया है कि दोपहर 3 से लेकर रात 9 बजे तक उन्हें मेयर व कांग्रेस पार्षदों ने बंधक बनाए रखा। कैबिनेट मंत्री महेश जोशी ने भी मुझे बंदी अवस्था में देखकर चले गए।
उधर, केस दर्ज होने के बाद मेयर खेमा उग्र हो गया है। मेयर ने इस संबंध नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल से बातचीत भी की। सूत्रों के अनुसार मेयर को मंत्री धारीवाल ने कहा है कि अभी कुछ न करें, सरकार के निर्देश का इंतजार करें। इसके पीछे वजह है कि शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक है, इसमें ग्रेटर निगम के विवाद को लेकर मंत्री धारीवाल मुख्यमंत्री से चर्चा कर निर्णय लेने के पक्ष में हैं। अब मेयर खेमा सोमवार तक सरकार से कार्रवाई का इशारा मिलने की आस में है।
इस दौरान ईद का त्योहार भी संपन्न हो जाएगा, क्योंकि जिन पर वर्मा ने केस किया है उन 15 में से 8 पार्षद मुस्लिम समुदाय से हैं। मेयर समेत 5 महिला पार्षद पलटवार की रूपरेखा तैयार कर रही हैं। वहीं, दो पार्षद वकील भी बार एसोसिएशन से सलाह लेकर कार्रवाई करने की तैयारी में हैं।
14 दिन पहले शुरू हुआ विवाद
गत 16 जून को मेयर व एडिशनल कमिश्नर और पार्षदों के बीच विवाद हुआ था। जिसके बाद मेयर समेत 50 पार्षद धरने पर बैठ गए। सरकार की तरफ से एक्शन नहीं लिए जाने पर पार्षदों ने सामूहिक इस्तीफा पत्र मुख्यमंत्री को भेज दिया। बाद में इस विवाद में मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास तथा महेश जोशी भी आ गए और कांग्रेस विधायक दो खेमों में बंट गए। हालांकि, बाद में विवाद की सुनवाई राजस्थान के कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर रंधावा ने की और दो दिन की हामी भरी थी, जिस पर पार्षदों ने 10 दिन का समय दिया, ताकि उचित कार्रवाई हो सके।
इनके खिलाफ नामजद केस दर्ज
एडिशनल कमिश्नर की ओर से मेयर मुनेश गुर्जर, डिप्टी मेयर असलम फारुखी, पार्षद उमरदराज, नीरज अग्रवाल, शफी कुरैशी, सुनीता महावर, राबिया गुडऐज, अंजलि ब्रह्मभट्ट, पार्षद पति अख्तर हुसैन, पार्षद आयशा सिद्दिकी, फरीद कुरैशी, फुलचंद, शाकिर व मेयर के पति सुशील गुर्जर तथा बसंत असवाल के खिलाफ नामजद मामला दर्ज करवाया है। इसके अलावा अन्य कांग्रेसी कार्यकर्ताओं की भी शिकायत की है।
सरकार मेयर मुनेश को तुरंत बर्खास्त करे
हेरिटेज निगम की इस घटना के लिए मेयर मुनेश गुर्जर जिम्मेदार हैं, राज्य सरकार तुरंत प्रभाव से उन्हें बर्खास्त करे। जिस तरह सरकार ने ग्रेटर निगम में कार्रवाई की थी, वैसे ही अब करनी चाहिए। -कुसुम यादव, नेता प्रतिपक्ष हेरिटेज निगम
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