जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

ED (प्रवर्तन निदेशालय) की टीम ने मंगलवार को पीओपी कारोबारी के नागौर, बाड़मेर और जैसलमेर स्थित ठिकानों पर रेड की। साल 2021 में दर्ज रिपोर्ट की जांच में मिले सबूतों के आधार पर यह कार्रवाई हुई है। नागौर के महमूद खान के खिलाफ 150 करोड़ रुपए की ठगी की शिकायत मिलने पर ईडी ने केस दर्ज किया था। महमूद के खिलाफ फर्जी कंपनी व कॉल सेंटर बनाकर लोन दिलाने के नाम पर ठगी करने का आरोप है।

महमूद खान के भाई सूफी साहब की दरगाह के सदर शमशेर खां मुन्ना के नागौर स्थित घर पर सुबह 7.30 बजे रेड की गई। 6 घंटे तक टीमों ने जांच की। सूत्रों के अनुसार, मास्टरमाइंड महमूद ने कुछ लोगों का गिरोह बनाया था। अलग-अलग जगह फर्जी कॉल सेंटर बनाए।

जांच के दौरान ईडी के अधिकारियों को कई सबूत मिले हैं। पता चला कि यह ठगी केवल राजस्थान की जनता से नहीं, बल्कि कई विदेशी लोगों के साथ भी हुई है। जांच पूरी होने पर ईडी ने कुछ दिनों पहले महमूद खान को पूछताछ के लिए ईडी मुख्यालय बुलाया था। महमूद खान ने पत्र लिख कर ईडी कार्यालय को अवगत कराया था कि वह किसी काम से विदेश दौरे पर है। ईडी को जानकारी मिली थी की महमूद खान और उसके भाई राजस्थान में ही हैं। इस पर ईडी ने महमूद खान के नागौर स्थित आवास, जैसलमेर और बाड़मेर स्थित पीओपी की फैक्ट्री में छापेमारी की है। केन्द्रीय पुलिस बल ने कार्रवाई वाली जगह को घेर रखा था।

अमेरिकी लोगों से ठगी की

जानकारी के अनुसार, नौगार निवासी महमूद खान अपने भाइयों के साथ मिलकर पीओपी का कारोबार करता है। महमूद खान के खातों में करोड़ों का ट्रांजेक्शन मिला है। बड़ी रकम तो विदेशों से आई है। इस पर जांच की गई तो पता चला कि महमूद खान सस्ता लोन दिलाने के नाम पर लोगों से धोखाधड़ी करता है। इस संबंध में उसने कई जगहों पर कार्यालय खोले हुए है। उसके अन्य भाई नागौर, जयपुर, बाड़मेर, जैसलमेर में बैठकर अमेरिकी लोगों से ठगी करते हैं।

महमूद खान के खिलाफ मनी लॉड्रिंग,आय से अधिक सम्पत्ति,धोखाधड़ी के साक्ष्य हैं। ईडी की जांच में मनीलॉड्रिंग की पुष्टि होने के बाद ईडी ने छापेमारी की है।

सैलरी पर रखा था एक व्यक्ति
महमूद के भाई शमशेर खां मुन्ना हज की यात्रा पर है। दूसरा भाई रफीक भी इसमें शामिल है। इन लोगों ने नागौर के ही रमजान नामक युवक को अपने साथ मिलाया। उसे सैलरी पर रखा था। रमजान के नाम पर भी खाते खोले गए। उसके खातों में ठगी के रुपए मंगवाते थे। इस मामले में एसओजी पहले जांच कर चुकी है।