जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।  

बिजली बिल को लेकर जयपुर डिस्कॉम और दोनों नगर निगम (ग्रेटर और हेरिटेज) के बीच विवाद गहरा गया है। विवाद की वजह स्ट्रीट लाइट का बिल और यूजर चार्ज का फंड है। स्ट्रीट लाइट का बिल बकाया होने का तर्क देकर जयपुर डिस्कॉम ने शहर की स्ट्रीट लाइट का कनेक्शन काट दिया। सरकारी विभागों की इस खींचतान के चक्कर में जयपुर शहर की सड़कें 10 दिन से अंधेरे में डूबी हुई हैं।

मामले पर नगर निगम ग्रेटर की मेयर डॉ. सौम्या गुर्जर ने बताया कि जयपुर डिस्कॉम द्वारा स्ट्रीट लाइटों का कनेक्शन काट दिया गया है। यह बिल्कुल भी सही नहीं है। उनसे लगातार बात की जा रहा है। बिजली विभाग पर निगम का भी शुल्क बनता है। जैसा कि हमारे अधिकारियों ने बताया है। उसके मुताबिक जयपुर डिस्कॉम पर भी यूडी टैक्स का 10 करोड़ का बकाया चल रहा है।

नगर निगम ग्रेटर पर बकाया बिजली बिलजयपुर डिस्कॉम पर बकाया यूडी टैक्सदोनों का अंतर
35.02 cr.45.07 cr.10.05cr. जयपुर डिस्कॉम पर बकाया

पूरे राजस्थान में निकायों पर बिजली के 412 करोड़ रुपए बकाया

नगर निगम हेरिटेज के चीफ इंजीनियर विद्युत कृष्ण कुमार गुप्ता ने बताया- उर्जा विभाग के मुख्य सचिव के कमरे में दोनों निगमों, जयपुर डिस्कॉम के अधिकारियों और डीएलबी के डायरेक्टर के साथ एक मीटिंग हुई है। इसमें डिसीजन लिया गया कि जयपुर डिस्कॉम के बकाया 412 करोड़ रूपए (पूरे राजस्थान निकायों के) तीन किश्तों में डीएलबी की ओर से दिए जाएंगे। इनमें एक किश्त दी जा चुकी है। दूसरी किश्त अगले सप्ताह और तीसरी किश्त अगले कुछ दिनों में चुका दिए जाएंगे। इसके बाद जयपुर डिस्कॉम को कनेक्शन जोड़ने के लिए कह दिया गया है।

नगर निगम हेरिटेज पर बकाया बिजली बिलजयपुर डिस्कॉम पर बकाया यूडी टैक्सदोनों का अंतर
17.79 cr.19.95 cr.1.70 cr.

(आंकड़े मार्च 2023 तक के)

जयपुर हेरिटेज के 28 करोड़ बकाया

कृष्ण कुमार गुप्ता ने बताया- बात अगर हेरिटेज निगम के ऊपर बकाया बिजली के बिल की करें। लगभग 28 करोड़ हैं। इतना ही हमारा सेस के रूप में डिस्कॉम पर बकाया है। इन सबको कैल्कुलेट करें तो हमारा उनके ऊपर 2 करोड़ का बकाया है। हमारी जयपुर डिस्कॉम के अधिकारियों से बात हुई है। एक दो दिन में कनेक्शन जोड़ दिए जाएंगे।

जयपुर डिस्कॉम के अधिकारियों ने साध रखी चुप्पी

जयपुर डिस्कॉम के अधिकारियाें के मुताबिक फाइनेंस डिपार्टमेंट ने अर्बन सेस और यूडी टैक्स का पैसा लोकल एडजस्ट करने से इनकार कर दिया है। दरअसल फाइनेंस डिपार्टमेंट द्वारा अर्बन सेस के रूप में 15 पैसा पर यूनिट चार्ज किया जाता है। इस पैसे को करेंट बिल में एडजस्ट करने का आदेश नहीं है।

बिना पैसे लिए नहीं जोड़ेंगे कनेक्शन

वहीं, इस पूरे मामले पर नाम ना छापने की बात पर डिस्कॉम के एक अधिकारी ने बताया- हमारी ओर से दोनों निगमों के स्ट्रीट लाइट कनेक्शन काटे गए हैं। हमारा बकाया उनके ऊपर है। ऐसे में यदि वह पैसा जमा नहीं कराएंगे तो कनेक्शन काटेंगे ही। मीटिंग के लिए वह बार-बार कह रहे हैं, लेकिन बिना पैसा लिए इस बार हम कनेक्शन नहीं जोड़ने वाले।

इन पूरे मामले पर डीएलबी के चीफ इंजीनियर रमेश चंद्र शर्मा का कहना है कि ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। इस तरीके से सड़कों की लाइट बंद कर दी जाए। हमने दोनों निगमों को पैसा जमा कराने के लिए कह दिया है। जो भी उनका एक दूसरे के ऊपर हिसाब लगता है यह बैठ कर उसे निपटा लें।

10 दिन से लोग परेशान

नगर निगम हेरिटेज वार्ड 34 के पार्षद सुभाष व्यास का कहना है कि पिछले 10 दिनों से सड़कों की लाइटें बंद पड़ी है। आए दिन लोगों की शिकायतें आ रही है। लेकिन कोई भी अधिकारी इस पर ध्यान नहीं दे रहा है। आमजन के लिए जयपुर डिस्कॉम ने बिजली काट दिए लेकिन वही निगम की बिजली क्यों नहीं काटते।

जयपुर डिस्काॅम के अकाउंट डिपार्टमेंट के अनुसार अप्रैल महीने तक दोनों निगमों पर 126 करोड़ 34 लाख बिजली बिल के बकाया है। जिसमें नगर निगम हेरिटेज पर 44 करोड़ 44 लाख तो नगर निगम ग्रेटर पर 82 करोड़ 10 लाख है। इसके अलावा PHED डिपार्टमेंट पर 1 करोड़ 89 लाख, पुलिस विभाग पर 18 लाख 81 हजार, प्रशासनिक विभाग पर 58 लाख 84 हजार और अन्य विभाग पर 50 लाख 48 हजार बकाया है। इन पर नगर निगम हेरिटेज के अधिकारी का कहना है कि पूरा बिल क्लियर करने के बाद भी हम जयपुर डिस्कॉम से 2 करोड़ मांगते है। नगर निगम ग्रेटर के महापौर का कहना है कि डिस्कॉम पर निगम का यूडी टैक्स का करोड़ सरप्लस है।

शहर में कुल 2700 स्ट्रीट लाईट कनेक्शन है, जिनमें से डिस्काॅम द्वारा 133 कनेक्शन काटे गए है। डिस्कॉम अधिकारी के मुताबिक अब और कनेक्शन नहीं काटे जाएंगे, लेकिन जो कनेक्शन काट दिए गए हैं उन्हें बिल के जमा नहीं करने तक नहीं जोड़े जाएंगे।

संयुक्त शासन सचिव देवेंद्र अरोड़ा के अनुसार 31 मार्च 2023 तक स्ट्रीट लाईट्स के बिजली बिलाें की बकाया राशि 1060 करोड़ है। जिनमें से एक किश्त 425 करोड़ दिया जा चुका है। बाकि दो किश्तों का भुगतान 2023-2024 में किया जाना है।