जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
जयपुर बम ब्लास्ट मामलें के आरोपी सलमान की जमानत याचिका आज जयपुर महानगर प्रथम की डीजे कोर्ट ने खारिज़ कर दी। डीजे नंदिनी व्यास ने की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि जिस समय घटना हुई उस समय किशोर की आयु 18 वर्ष से कम थी। इतनी कम आयु में भी किशोर आंतकवादी संगठनों से प्रभावित होते हुए सीरियल ब्लास्ट जैसी गतिविधि को करने के लिए प्रेरित हो गया। ऐसे में स्पष्ट है कि अगर उसे जमानत दी जाती है तो पुन आंतकवादी संगठनों द्वारा उसके जीवन को संकट में डाला जा सकता है। वहीं अभी किशोर के विरूद्ध मामला लंबित है।
सलमान ने कोर्ट में याचिका लगाकर कहा था कि उसे हाईकोर्ट ने घटना के समय नाबालिग माना था। वह जिंदा बम मामले में पिछले साढ़े 3 साल से जेल में है। किशोर न्याय बोर्ड को अधिकतम 3 साल की सजा देने का ही पावर है। ऐसे में उसे जमानत का लाभ दिया जाए। 13 मई 2008 को जयपुर में सीरियल बम ब्लास्ट हुए थे। जयपुर बम ब्लास्ट की विशेष अदालत ने सभी आरोपियों को फांसी की सज़ा दी थी लेकिन अपील में हाईकोर्ट ने सभी को बरी कर दिया था, लेकिन जिंदा बम मामले में फिलहाल सभी आरोपी जेल में हैं। सलमान का मामला किशोर न्याय बोर्ड में चल रहा है। वहीं शेष आऱोपियों का मामला जयपुर बम ब्लास्ट की विशेष अदालत में चल रहा है। वहीं राज्य सरकार व पीड़ितों ने हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील कर रखी है।
सीरियल ब्लास्ट से दहल उठा था जयपुर
करीब 15 साल पहले 13 मई 2008 को जयपुर में एक के बाद एक हुए सीरियल बम ब्लास्ट में 71 लोगों की मौत हुई थी। इनमें 185 लोग घायल हुए थे। इस संबंध में जयपुर के माणक चौक और कोतवाली थाने में 4-4 एफआईआर दर्ज की गई थीं। ब्लास्ट केस के कुल 11 आरोपियों में से 5 को राजस्थान एसओजी ने गिरफ्तार किया था। एक आरोपी को 2018 में दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था जबकि तीन आरोपी मिर्जा शादाब बेग उर्फ मलिक, साजिद बड़ा और मोहम्मद खालिद अभी तक फरार हैं। दो आरोपी मोहम्मद आतिफ अमीन उर्फ बशीर और छोटा साजिद बाटला एनकाउंटर में मारे जा चुके हैं।
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