श्रीगंगानगर- राकेश शर्मा 
वरिष्ठ साहित्यकार श्रीमती नीलप्रभा भारद्वाज ने कहा है कि साहित्यकार का सम्मान वास्तव में उनकी कलम का सम्मान है और यह सम्मान मिलने के बाद साहित्यकार की जिम्मेदारी और अधिक बढ़ जाती है।
वे रविवार शाम को सृजन सेवा संस्थान के वार्षिक सम्मान समारोह की अध्यक्षता करते हुए संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि साहित्य न कभी मरा है और न ही कभी मरेगा।
मुख्य अतिथि वरिष्ठ दोहाकार नरेश शांडिल्य ने कहा कि समाज और साहित्य में सभी विचारधाराओं का सम्मान होना चाहिए। इससे समाज में समरसता बनी रहती है।
विशिष्ट अतिथि आदर्श नर्सिंग होम के संचालक डॉ. प्रवीण गुप्ता ने कहा कि वे सौभाग्यशाली हैं कि उन्हें अपने पिता के सान्निध्य में अनेक साहित्यकारों एवं उनके साहित्य से रूबरू होने का अवसर मिला है।
कार्यक्रम में सृजन सेवा संस्थान के वार्षिक सम्मान वितरित किए गए। इनमें श्री गोपीराम गोयल चेरिटेबल ट्रस्ट की ओर से देय ग्यारह हजार रुपए का गोपीराम गोयल सृजन कुंज सम्मान दतिया के कहानीकार राजनारायण बोहरे को दिया गया। आनंद मायासुत की ओर से देय ग्यारह हजार का माया-मोहन आलोक राजस्थानी सृजन सम्मान जोधपुर की संतोष चौधरी को प्रदान किया गया। समाजसेवी प्रहलादराय टाक की ओर से देय सुरजाराम जालीवाला सृजन सम्मान (हिंदी) जोधपुर के डॉ. सत्यनारायण को तथा (राजस्थानी) चूरू के राजेंद्र शर्मा मुसाफिर को, अंशुल-नेहा आहुजा की ओर से देय माता रामदेवी वागेश्वरी सृजन सम्मान दिल्ली की नीलिमा शर्मा को, रंगकर्मी भूपेंद्रसिंह की ओर से देय माता जसवंतकौर प्रोत्साहन सम्मान डॉ. जितेंद्रकुमार सोनी को, द्वारका प्रसाद नागपाल की ओर से देय माता शांतिदेवी नागपाल अनुवाद सम्मान डॉ. दुलाराम सहारण को, योगराज भाटिया की ओर से देय श्रीमती गीता भाटिया आलोचना सृजन सम्मान जयपुर के दुर्गाप्रसाद अग्रवाल को तथा संदीप-बॉबी अनेजा की ओर  से देय श्री सुभाषचंद्र अनेजा साहित्यिक पत्रकारिता सम्मान जयपुर के अजय अनुरागी को दिया गया। ये सभी सम्मान इक्यावन सौ-इक्यावन सौ रुपए हैं। सभी साहित्यकारों को शॉल ओढ़ाकर, सम्मान प्रतीक एवं उपहार के साथ सम्मान राशि के चैक भेंट किए गए। सभी सम्मानित साहित्यकारों ने भी संबोधित किया। आभार अध्यक्ष डॉ. अरुण शहैरिया ताइर ने जताया। संचालन वरिष्ठ कवि सुरेंद्र सुंदरम ने किया।