देश के सबसे चर्चित आसाराम रेप केस पर बनी फिल्म ‘एक ही बंदा काफी है’ लगातार विवादों का सामना कर रही है। पहले आसाराम समर्थकों ने फिल्म को लेकर आपत्ति जताई और अब फिल्म की कहानी के असली हीरो एडवोकेट पीसी सोलंकी ने फिल्म प्रोड्यूसर पर केस कर दिया है।
दरअसल, जोधपुर के वकील पीसी सोलंकी ने पीड़िता की तरफ से फ्री में केस लड़ते हुए आसाराम को सजा दिलवाई थी। इसी कहानी पर भानूशाली स्टूडियो ने फिल्म बनाई है, जो ओटीटी प्लेटफॉर्म पर 23 मई को रिलीज हुई। फिल्म में पीसी सोलंकी का किरदार अभिनेता मनोज वाजपेयी ने निभाया है।सोलंकी के अनुसार फिल्म की स्क्रिप्ट उनसे फाइनल नहीं कराई गई। फिल्म में गलत फैक्ट दिखाए गए हैं। उनका आरोप है कि प्रोड्यूसर ने कॉन्ट्रैक्ट तोड़ा है। इस पर फिल्म प्रोड्यूसर का कहना है कि असली विवाद पैसों को लेकर है। इधर, फिल्म रिलीज होने के बाद इसकी कहानी को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। फिल्म में दिखाया गया है कि आसाराम केस को कमजोर करने के लिए भी डील की जाने वाली थी।
पीड़िता की तरफ से फ्री में केस लड़ा सोलंकी ने
पीड़िता नाबालिग छात्रा और उसका भाई आसाराम के गुरुकुल में पढ़ते थे। पीड़िता की तबीयत बिगड़ने के बाद आसाराम ने उसका इलाज करने के बहाने जोधपुर के मणाई आश्रम में उसके साथ दुष्कर्म किया। इसके बाद पीड़िता ने आसाराम के खिलाफ पोक्सो में मामला दर्ज करवाया। पीड़िता की तरफ से पहले कई सरकारी वकीलों ने केस लड़ा था। पीड़िता के पिता उनसे संतुष्ट नहीं थे। इसके बाद उन्होंने जोधपुर के एडवोकेट पीसी सोलंकी से केस लड़ने के लिए संपर्क किया। पीसी सोलंकी ने 6 साल से ज्यादा समय तक केस लड़कर आसाराम को सजा दिलवाई थी। उन्होंने केस लड़ने के लिए फीस नहीं ली थी।
पीसी सोलंकी ने 2.16 करोड़ में राइट्स बेचे
पीसी सोलंकी ने इनसोमनिया मीडिया से अपने जीवन पर फिल्म बनाने के लिए लाइफ स्टोरी राइट्स बेचने का कॉन्ट्रैक्ट किया था। 24 जून 2021 को उनके और इनसोमनिया मीडिया के बीच 2 करोड़ 16 लाख का कॉन्ट्रैक्ट साइन हुआ।
इसमें पीसी सोलंकी के जीवन की कहानी के राइट्स बेचे गए थे। उन्होंने कोर्ट में जो केस लड़ा, उनकी कहानी थी।
इनसोमनिया मीडिया ने ये राइट्स भानूशाली स्टूडियो को रीअसाइन किए और भानूशाली स्टूडियो ने आसाराम केस पर बेस्ड ‘एक ही बंदा काफी है’ फिल्म बनाई।
कॉन्ट्रैक्ट साइन होने से पहले 21 लाख एडवांस दिए थे
फिल्म प्रोड्यूसर के एडवोकेट डॉ रमनदीप सिंह खरलिया और रजनीश शर्मा ने बताया कि कॉन्ट्रैक्ट साइनिंग के लिए इनसोमनिया मीडिया ने 21 जून को सोलंकी को 21 लाख रुपए का चेक एडवांस में दिया था। कॉन्ट्रैक्ट साइन होने कुछ समय बाद 79 लाख रुपए दिए गए। पीसी सोलंकी से इस अमाउंट की रसीद मांगी गई, लेकिन उन्होंने रसीद नहीं दी। काफी कहने के बाद भी सोलंकी ने रसीद नहीं दी तो इनसोमनिया मीडिया ने आगे का पेमेंट नहीं किया।
बेटे के साथ फ्लाइट में फिल्म शूटिंग देखने मुंबई आए थे सोलंकी
दोनों वकीलों ने बताया कि उन्होंने पीसी सोलंकी को फिल्म की स्क्रिप्ट भेजी थी। उन्होंने पूरी स्क्रिप्ट पढ़ने के बाद ओके की थी। उस समय उन्होंने कोई ऑब्जेक्शन नहीं किया।
वह अपने बेटे के साथ शूटिंग देखने के लिए फ्लाइट से मुंबई भी आए थे। उनके मुंबई आने और होटल में ठहरने की व्यवस्था भी की गई थी। वे फिल्म की शूटिंग देख कर गए थे, तब भी उन्होंने कोई ऑब्जेक्शन नहीं किया।
अब उनके केस करने के बाद कोर्ट में बाकी के 1 करोड़ 16 लाख रुपए का डिमांड ड्राफ्ट कोर्ट में जमा करा दिया गया है। बाकी का पेमेंट भी देने का तैयार है, लेकिन वो पेमेंट की रसीद और स्क्रिप्ट की एनओसी तो दें।
कोर्ट में पीसी सोलंकी के दावे
उधर, सोलंकी ने कॉमर्शियल कोर्ट में दावा किया है कि कॉन्ट्रैक्ट के अनुसार उनकी लाइफ पर फिल्म बननी थी। इसमें उनके द्वारा लड़े गए विभिन्न कोर्ट केसेज के बारे में बताना था, लेकिन फिल्म में सिर्फ आसाराम केस के बारे में बताया गया है। फिल्म बनाने के बाद उनसे फाइनल नहीं कराई गई।
फिल्म में सही फैक्ट नहीं दिखाए गए हैं। मैंने कॉन्ट्रैक्ट में राइट्स इनसोमनिया मीडिया को दिए थे, पर उसने ये राइट्स मुझे बताए बिना आगे भानूशाली स्टूडियो को बेच दिए।
इनसोमनिया से 2 करोड़ 16 लाख रुपए का कॉन्ट्रैक्ट हुआ, लेकिन मुझे सिर्फ 21 लाख रुपए का पेमेंट ही किया गया। बाकी के पैसे नहीं दिए गए। ट्रेलर देखने के बाद ही मुझे पता लगा कि मुझसे स्क्रिप्ट फाइनल कराए बिना ही फिल्म बना दी गई है।
फिल्म की रिलीज रोकने के लिए किया केस
सोलंकी ने कॉमर्शियल कोर्ट नंबर-2 में कॉन्ट्रैक्ट तोड़ने का दावा करते हुए फिल्म की रिलीज सभी प्लेटफार्म से रोकने की मांग की है। फिल्म प्रोड्यूसर भानूशाली स्टूडियोज, इनसोमनिया मीडिया, ओटीटी प्लेटफार्म जी5 और मेसर्स प्रैक्टिक्ल प्रोडेक्शन के खिलाफ केस किया है। इसके अलावा सेक्शन 9 में आर्बिट्रेशन फाइल की है।
फिल्म में दिखाए इन तथ्यों पर भी आपत्ति
आसाराम के बेटे सांई से डील करने वाला था वकील
फिल्म में दिखाया गया है कि सरकार की तरफ से पीड़िता का केस लड़ने वाला वकील आसाराम के बेटे साईं के साथ केस को हल्का करने के लिए डील की कोशिश करता है।
पीड़िता के पिता को इस बात का पता लग जाता है। इसके बाद वह मामले की जांच करने वाली पुलिस अधिकारी को इस बारे में बताते हैं। पुलिस अधिकारी उसे पीसी सोलंकी को अपना वकील हायर करने का सुझाव देती है।
जबकि पूरे केस में कहीं भी ये बात सामने नहीं आई थी कि किसी वकील ने आसाराम के बेटे से डील करने की कोशिश की।
सरकारी वकील करते हैं गवाहों से सवाल
फिल्म में मनोज वाजपेयी कई गवाहों से सवाल-जवाब करते हुए नजर आते हैं। जबकि कोर्ट में केस स्टेट वर्सेज अपराधी लड़ा जाता है। पीड़िता की तरफ कोर्ट में गवाहों से सवाल-जवाब सरकारी वकील करते हैं, पीड़िता का वकील नहीं।
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