उदयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।  

प्रदेश सरकार उदयपुर सहित प्रदेशभर में महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी कर रही है। ताकि भावी पीढ़ी को हिंदी के साथ-साथ अंग्रेजी भाषा में पारंगत किया जा सके। सीएम अशोक गहलोत कहते रहे हैं कि अंग्रेजी भाषा में पढ़े-लिखे युवाओं को देश-विदेश में नौकरी मिलने में भी आसानी रहती है।

अंग्रेजी भाषा में दक्ष अभ्यर्थियों की मांग प्राइवेट सेक्टर में भी बढ़ती जा रही है, क्योंकि अंग्रेजी रोजगार परक भाषा है। लेकिन स्कूल शिक्षा विभाग की उदासीनता के चलते प्रदेश सरकार की यह रोजगार परक योजना ग्रामीण क्षेत्रों में दम तोड़ती दिखाई दे रही है। उदयपुर संभाग के 326 में से 133 से ज्यादा महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में 20-50 फीसदी सीटें खाली पड़ी हैं।

संयुक्त शिक्षा विभाग के पास उदयपुर के 19, राजसमंद के 38, प्रतापगढ़ 16, डूंगरपुर के 22 और बांसवाड़ा के 17 और चित्तौड़गढ़ के 21 सहित 133 स्कूलों के आंकड़े तक दर्ज नहीं हैं। शिक्षा विभाग का तर्क है कि जिन स्कूलों में लॉटरी नहीं निकाली है उनके आंकड़े नहीं हैं। लॉटरी नहीं निकालने की वजह सीटों से कम आवेदन आना है यानी सीटों का खाली रहना है।

हैरानी की बात यह है कि शिक्षा विभाग के पास यह आंकड़े तक नहीं हैं कि किस स्कूल में कितनी सीट हैं, कितनों पर प्रवेश हुए हैं, कितनी सीट खाली हैं। विभाग के अधिकारियों को यह तक नहीं पता है कि किन-किन क्षेत्रों के अभिभावक-बच्चे इंग्लिश मीडियम स्कूलों में प्रवेश लेने में क्यों रुचि नहीं दिखा रहे हैं।

उनको कैसे जागरूक किया जाए? इसकी वजह यह भी है कि प्रदेश सरकार की तरफ से संयुक्त निदेशकों को इसकी सतत मॉनिटरिंग के आदेश जारी नहीं किए गए हैं। अगर मॉनिटरिंग के साथ-साथ जागरूकता अभियान चलाया जाए तो सभी सीटों पर प्रवेश हो सकते हैं। नियमानुसार सभी कक्षाओं की खाली सीटों पर पूरे साल प्रवेश दिए जा सकते हैं।

133 स्कूलों में 30 से कम आवेदन, लॉटरी नहीं निकाली
महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में सत्र 2023-2024 में नए प्रवेश 4 मई से 12 मई तक हुए। संयुक्त निदेशक कार्यालय उदयपुर से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक जिन स्कूलों में कक्षा-1 से 5वीं तक के लिए 30 से ज्यादा आवेदन आए थे, उनमें लॉटरी से प्रवेश दिए गए हैं। ऐसे ही कक्षा-6 से 8वीं तक 35 आवेदन और कक्षा-9 से 12वीं तक के लिए 60 आवेदन वाले स्कूलों में लॉटरी निकाली गई है।

जहां सीटों के मुकाबले कम आवेदन आते हैं वहां लॉटरी नहीं निकाली जाती है। जिन 133 से ज्यादा स्कूलों में लॉटरी नहीं निकाली गई है उनकी संयुक्त निदेशक कार्यालय उदयपुर के पास कोई जानकारी नहीं है। इससे जाहिर होता है कि मॉनिटरिंग सिस्टम पूरी तरह फैल है। महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम संयुक्त निदेशक पुष्पेंद्र शर्मा का कहना है कि वे अब आंकड़े जुटाकर वस्तुस्थिति पता करेंगे।