विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी प्रदेश में सबसे अहम वोट बैंक "किसान" को साधने की कोशिश में लग गई है। इसका जिम्मा बीजेपी किसान मोर्चे को सौंपा है। अगले महीने से किसान मोर्चा के पदाधिकारी गांव-गांव और ढाणी-ढाणी में किसानों के घर-घर जाकर गहलोत सरकार के खिलाफ माहौल तैयार करेगे। एक ओर जहां किसान मोर्चा के पदाधिकारी इस दौरान गांवों में प्रवास करेंगे तो आने वाले समय में किसानों की आवाज बनने के लिए किसान मोर्चा एक हजार कार्यकर्ताओं टीम तैयार करने की भी तैयारी कर रहा है।
बीजेपी ने किसानों को साधने के लिये पहले ही कर्ज माफी को मुद्दा बनाया हुआ है, वहीं अब किसानों के बीच पहुंच सरकार की वादाखिलाफी और केंद्र की योजानाओं के प्रचार प्रसार को लेकर खास रणनीति बनाई है। किसानों से सघन जनसंपर्क के लिए भाजपा किसान मोर्चा ने एक पत्रक यानि पेम्पलेट तैयार किया है। जिसमें किसानों के लिए मोदी सरकार की ओर से किए गए कामों के साथ गहलोत सरकार की किसानों से की गई वादाखिलाफी का लेखा-जोखा हैं।
कांग्रेस ने 27 माह नहीं दी किसान को राहत
भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष हरिराम रणवां ने कहा कि राज्य सरकार ने किसानों को राहत देने का केवल दिखावा करती है। भाजपा सरकार के समय किसानों को 833 रुपए प्रतिमाह बिजली बिल में छूट दी जा रही थी। लेकिन कांग्रेस ने सत्ता में आने के बाद उसे बंद कर दिया। वहीं 27 माह तक किसानों को किसी भी तरह की राहत नहीं दी। उसके बाद अब कांग्रेस किसानों को 2000 रुपए प्रति यूनिट फ्री में देने का प्रलोभन दे रही है। जबकि 27 माह राहत रोककर कांग्रेस ने प्रति किसान का करीब 23 हज़ार रुपए का नुकसान किया है।
महिला पदाधिकारी भी करेंगी प्रवास
किसान मोर्चा की प्रदेश उपाध्यक्ष सुमन कुल्हरी गढ़वाल ने बताया कि किसान मोर्चा की महिला पदाधिकारी भी गांव-गांव ढ़ाणी-ढ़ाणी जाकर किसानों को जागरूक करेंगी। उन्होंने बताया कहा कि साढ़े चार साल कांग्रेस ने किसान को हासिए पर रखा है। इस बार विधानसभा चुनावों में किसान कांग्रेस सरकार को आइना दिखाएगा। एक माह तक चलने वाले इस कार्यक्रम के तहत पिछले 9 सालों में किसानों के लिए शुरू की गई मोदी सरकार की योजनाओं को भी किसानों को बताया जाएगा।
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