बीकानेर ब्यूरो रिपोर्ट।
शिक्षा विभाग में प्रस्तावित तृतीय श्रेणी शिक्षक और सेकंड ग्रेड भर्ती से चयनित होकर लगने वाले नवनियुक्त 36 हजार शिक्षक वाइस प्रिंसिपल बनने से पहले ही सेवानिवृत्त हो जाएंगे। वाइस प्रिंसिपल पदों पर होने वाले प्रमोशन में इन नवनियुक्त शिक्षकों का नंबर आने की उम्मीद बहुत ही कम है। वहीं दूसरी ओर सीधी भर्ती से चयनित होकर वाइस प्रिंसिपल बनने का सपना भी सेकंड ग्रेड और थर्ड ग्रेड नवनियुक्त शिक्षकों का पूरा नहीं हो पाएगा। शिक्षा विभाग ने एचएम से वाइस प्रिंसिपल में कन्वर्ट किए इस पद के लिए सीधी भर्ती के प्रावधान को खत्म कर दिया है।
अब वाइस प्रिंसिपल के शत प्रतिशत पद प्रमोशन से ही भरे जाएंगे। तीन साल का अनुभव रखने वाले व्याख्याता वाइस प्रिंसिपल पदों पर प्रमोशन के पात्र होंगे। ऐसे में 15 से 20 साल की नौकरी करने के बाद भी तृतीय श्रेणी और सेकंड ग्रेड शिक्षकों का वाइस प्रिंसिपल बनना मुश्किल नजर आ रहा है। युवा शिक्षक वाइस प्रिंसिपल पदों पर भी 50% सीधी भर्ती और 50% प्रमोशन का प्रावधान लागू करने की डिमांड कर रहे हैं। शिक्षक संघ शेखावत के बैनर तले राज्य के शिक्षकों ने इस मसले पर शिक्षा निदेशालय के सामने महापड़ाव भी शुरू कर दिया है।
नए पुराने नियमों का नुकसान और फायदा
पहले: दो साल पहले माध्यमिक स्कूलों में हेड मास्टर का पद सृजित था। 5400 ग्रेड पद के इस पद को भरने के लिए 50% सीधी भर्ती और 50% प्रमोशन का प्रावधान था। प्रमोशन में सेकंड ग्रेड शिक्षकों को वरिष्ठता के आधार पर डीपीसी में चयनित किया जाता था। वही सीधी भर्ती में पांच साल अनुभव वाले निजी और सरकारी स्कूलों में कार्यरत तृतीय श्रेणी, सेकंड ग्रेड और व्याख्याता इन पदों पर भर्ती के लिए पात्र थे।
अब : राज्य सरकार ने नए शिक्षा सेवा नियम 2021 के तहत सेकेंडरी स्कूलों के हेड मास्टर पद को समाप्त कर वाइस प्रिंसिपल सीनियर सेकेंडरी स्कूल कि नया पद सृजित किया है। यह पद भी 5400 ग्रेड पे का ही है। लेकिन वाइस प्रिंसिपल के नवसृजित 12421 पद शत-प्रतिशत पद प्रमोशन से ही भरे जाने का प्रावधान किया गया है। जिसमें सिर्फ व्याख्याता ही वाइस प्रिंसिपल बन सकेंगे।
नतीजा: शिक्षा विभाग में कार्यरत 2.50 लाख तृतीय श्रेणी और 80 हजार सेकंड ग्रेड शिक्षकों के लिए सीधी भर्ती में चयनित होकर वाइस प्रिंसिपल बनने का रास्ता बंद हो गया है। अब इन्हें वाइस प्रिंसिपल बनने के लिए प्रमोशन में अपना नंबर आने का ही इंतजार ही करना पड़ेगा। इन्हें पहले व्याख्याता बनना होगा उसके बाद यह वाइस प्रिंसिपल बनेंगे।
शिक्षा विभाग ने वाइस प्रिंसिपल पदों पर सीधी भर्ती और प्रमोशन के प्रावधान को लेकर शिक्षकों से सुझाव भी मांगे थे। बावजूद इसके सभी पदों पर पदोन्नति की जा रही है। महापड़ाव के जरिए शिक्षकों ने अपनी बात को सरकार तक पहुंचाने का प्रयास किया है। राज्य सरकार को चाहिए कि एचएम पद की तर्ज पर वाइस प्रिंसिपल पदों पर भी 50% सीधी भर्ती का प्रावधान किया जाए। महावीर सिहाग, प्रदेशाध्यक्ष, शिक्षक संघ शेखावत
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