बीकानेर ब्यूरो रिपोर्ट।
पंजाब ने हरिके बैराज से राजस्थान के लिए 5200 क्यूसेक पानी शुक्रवार काे छोड़ा है। राजस्थान को करीब 8000 क्यूसेक पानी मिलेगा। यानी तीन से पांच मई तक शहराें काे पानी मिलता रहेगा। इससे नहरबंदी से मिले कम मिले पानी की भरपाई हाे जाएगी। प्रदेश की जनता काे पेयजल संकट के कुछ राहत मिलेगी। दरअसल नहरबंदी का कार्यक्रम 26 अप्रैल से तय हुआ था। उससे पहले पंजाब राजस्थान काे राेज 2200 क्यूसेक पानी देगा ताकि ग्रामीण और शहराें के सभी जलाशय भरे जा सकें। पंजाब ने 18 अप्रैल से ही राजस्थान का पानी अचानक आधे से भी कम कर 700 क्यूसेक ही दिया। इसलिए यहां के जलाशय भरे नहीं गए।
राजस्थान ने इसका विराेध किया। जयपुर से अधिकारियाें ने पंजाब से बात की ताे पंजाब उसकी भरपाई के लिए राजी हुआ। इसलिए नहरबंदी 26 की जगह 29 कागजाें में तय की गई लेकिन अब पंजाब से पूरा पानी ही 28 अप्रैल काे दिया गया है, जाे एक मई तक चलेगा। एक मई के बाद भी हरिके बैराज से आरडी 415 के बीच नहर में आ रहा पानी तीन से पांच मई तक राजस्थान आएगा। जमीनी ताैर पर पूर्ण नहरबंदी पांच मई से ही मानी जाएगी। राहत की बात ये है कि राजस्थान ने नहरबंदी का दायरा 30 दिन से घटाकर 25 दिन कर दिया। यानी पूर्ण नहरबंदी भले ही 26 अप्रैल से शुरू ना हुई हाे लेकिन समाप्त 26 मई काे हाे जाएगी।
इस बार माैसम भी साथअमूमन मई के अंत में गर्मी भीषण शुरू हाे जाती है। लू चलती है ताे कूलर से पानी का खर्चा बढ़ जाता है। इस बार अप्रैल के अंत में भी पश्चिमी विक्षाेभ आ रहा है। दाे से तीन मई तक माैसम भी सामान्य रहेगा। इसलिए पानी का खर्चा थाेड़ा कम हाेगा। राजस्थान में पानी की काेई कमी नहीं है। 28 अप्रैल काे ही हरिके से 5200 क्यूसेक पानी मिलने लगा है। इसे हम बढ़ाकर 8000 क्यूसेक तक कराने की काेशिश में हैं। गांव से लेकर शहर का काेई जलाशय खाली नहीं छाेड़ेंगे। बीकानेर काे भी डेढ़ साै क्यूसेक पानी दे रहे हैं। तीन दिन पंजाब से पानी मिलने के बाद भी रास्ते का पानी भी आएगा। ताे राजस्थान काे 3 मई तक पानी मिल सकता है।प्रदीप रुस्तगी,
अतिरिक्त मुख्य अभियंता आईजीएनपी ^ये सच है कि पहले 29 से कटाैती का प्लान था लेकिन अब पानी जब तक नहर से मिलता रहेगा तब कटाैती नहीं करेंगे। हम इंतजार करेंगे कि कब नहर से पानी मिलना बंद हाे। उम्मीद है दाे या तीन मई तक मिलेगा। उसके बाद ही कटाैती शुरू करेंगे। बीछवाल के साथ शाेभासर इलाके में कटाैती ताे करेंगे लेकिन पानी पर्याप्त हुआ ताे उसका टाइम पीरियड बढ़ा सकते हैं।राजेश राजपुराेहित, अधीक्षण अभियंता पीएचईडी
20 दिन का पानी, 32 दिन चलाना होगा काम26 से नहर से पानी बंद हाेने की बात के आधार पर ही पीएचईडी ने 29 से शहर में जलापूर्ति एक दिन छाेड़कर करने का निर्णय लिया था लेकिन शाेभासर और बीछवाल जलाशय काे 28 काे भी 150 क्यूसेक पानी दिया जा रहा है। जलाशय दाेनाें लबालब हाे गए। अभी तीन से पांच दिन पानी और नहर से मिलेगा। यानी 5 मई तक कटाैती का काेई औचित्य नहीं रहा।
इसके अलावा नहरबंदी भी 25 दिन की रह गई। ताे पीएचईडी की टेंशन और कम हाे गई। बावजूद इसके पीएचईडी पानी की कटाैती कर सकता है क्याेंकि जलाशय में 18 से 20 दिन का ही पानी है जबकि नहरबंदी 25 दिन की है और 7 दिन नहरबंदी के बाद पानी यहां तक पहुंचने में लगेंगे। यानी 20 दिन के पानी से करीब 32 दिन काम चलाना हाेगा ताे एक दिन छाेड़कर कटाैती की जा सकती है। शाेभासर जलाशय एरिया में कटाैती की जरूरत शायद ही हाे क्याेंकि यहां नहर से बीच में भी पानी मिल जाएगा। बीछवाल काे नहर से पानी बीच में नहीं मिलेगा क्याेंकि कंवरसेन लिफ्ट में मरम्मत का काम हाेगा।
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