कोटा ब्यूरो रिपोर्ट।
दी एसएसआई एसोसिएशन, लघु उद्योग भारती और एमएसएमई मंत्रालय की ओर से शनिवार को दशहरा मैदान में तीन दिवसीय एमएसएमई प्रदर्शनी और मेला शुरू होगा। इसमें देशभर की 400 से अधिक स्टाॅल लगेंगी। सौर ऊर्जा के राेबाेट, शाॅर्ट सर्किट की स्थिति में बिजली बंद करने का डिवाइस, थर्मल कैमरा और मिलट (मोटे) अनाजाें से बनने वाले कई आयटम के स्टाल्स हाेंंगे।
मेले का उद्घाटन शनिवार काे लाेकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और केंद्रीय मंत्री नारायण राणे करेंगे। मंत्री राणे व विभाग के अतिरिक्त सचिव एवं विकास आयुक्त डॉ. रजनीश शुक्रवार रात काेटा पहुंचे। मेले में दी एसएसआई एसोसिएशन की भी 110 औद्योगिक इकाइयां अपने उत्पादन का प्रदर्शन करेंगी। इनके अलावा 25 से अधिक ऐसी इकाइयां यहां प्राेडक्ट का डिस्पले करेंगी, जिन्हें महिलाएं संचालित करती हैं।
इस दौरान तीन दिन अलग-अलग कार्यक्रमों में उद्याेगाें व सरकारी याेजनाओं की जानकारी दी जाएगी। यहां लोग खादी का कपड़ा और कागज बनते देख सकेंगे। मेले के मुख्य संयोजक राकेश जैन तथा एसएसआई एसोसिएशन के अध्यक्ष राजकुमार जैन ने बताया कि एमएसएमई मेले में आने वाले लोग यहां प्रदर्शित उत्पादों को देखने के साथ अपने पसंद के उत्पादों को खरीद भी सकेंगे।
खाने-पीने के स्टॉल्स भी लगाए गए हैं। यहां बच्चों के लिए झूलों की भी व्यवस्था की गई है। इस कारण यह मेला सभी उम्र और वर्ग के लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा।
शॉर्ट सर्किट होते ही बिजली कट कर देगा आर्क डिवाइस, आग नहीं लगेगी
मेले में एक फर्म आर्क फाॅल्ट डिवाइस प्रस्तुत करेगी। कंपनी के विशाल कंजाेलिया ने बताया कि यह डिवाइस काेटा के लिए बहुत उपयाेगी हो सकता है। यह डिवाइस हाॅस्टल में लगाई जा सकती हैं। इससे शाॅर्ट सर्किट से लगने वाली आग पर पूरी तरह से नियंत्रण पाया जा सकता है। बिजली लाइनाें में कहीं शाॅर्ट सर्किट हाेगा ताे डिवाइस तुरंत सप्लाई बंद कर देगा और आग लगने जैसी घटना से बच सकेंगे। इसे जर्मनी से उपकरण लाकर इंस्टाॅल किया गया है।
तापमान बताने वाला कैमरा:
उदयपुर की एक कंपनी अपना थर्मल कैमरा डिस्पले करेगी। कंपनी के डायरेक्टर वीपी राठी ने बताया कि थर्मल कैमरे का उपयाेग इलेक्ट्राॅनिक्स प्लांट में बहुत उपयाेगी है। इसके अलावा जहां भी तापमान स्थिर रखा जाता है, वहां भी यह कैमरा लगाया जा सकता है। इसमें उस जगह का तापमान समय -समय पर पता चलता रहता है।
एग्रीकल्चर राेबाेट नजर आएंगे:
जयपुर की एक कपंनी की डायरेक्टर नीलिमा मिश्रा ने बताया कि यहां दो तरह के साेलर राेबाेट लाए गए हैं। एक फायर फाइटिंग राेबाेट है। दूसरा एग्रीकल्चर राेबाेट है, जाे खेताें में खरपतवार हटाने का काम करता है।
12 मिलट से बनेंगे प्राेडक्ट:
काेटा की एक कंपनी 12 मिलट आयटम से खाने की कई सारी चीजें बना रही है। इसमें बाजारा, मक्का, तिल्ली सहित अन्य माेटे अनाजाें से कई सारे आयटम बनाए जा रहे हैं। कंपनी के अशाेक जैन का कहना है कि इससे चिलड़ा, खिचड़ा, पकाैड़ी, हलवा, देशी घी के लड्डू और बिस्कुट तक बनाए जा रहे हैं। इनकी मार्केट में बहुत डिमांड है।
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