जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार एवं दृश्य भारती संस्था की ओर से दो दिवसीय भारतीय लोक नाट्य प्रस्तुति के तहत आजादी के अमृत उत्सव एवं ब्रज संस्कृति पर आधारित श्री कृष्ण लीला का सशक्त मंचन रविंद्र मंच पर किया।
कथासार
भादो माह की अष्टमी की अर्धरात्रि को भगवान श्री कृष्ण देवकी की कोख से जन्म लेते हैं और जन्म के साथ ही चमत्कार होता है, देवकी वासुदेव की बेड़ियां टूट जाती है, जेल के दरवाजे खुल जाते हैं, वासुदेव बालक श्रीकृष्ण को एक टोकरी में छिपाकर यमुना के रास्ते से गोकुल में नंद बाबा के यहां पहुंचाते हैं, यमुना मां भगवान का चरण स्पर्श करना चाहती है भगवान छाबड़ी से अपने पैर नीचे डाल देते हैं, यमुना जी चरण स्पर्श करती है और वहां वासुदेव की राह आसान होती चली जाती है और वह पहुंचते हैं नंद बाबा के गांव, उधर नंद बाबा के घर एक कन्या ने जन्म लिया, वासुदेव नंद बाबा को श्रीकृष्ण को छोड़कर उस छाबड़ी में कन्या को लेकर मथुरा चले आते हैं, कंस को जब पता चलता है कि देवकी की आठवीं संतान गोकुल में है वह अपनी बहन पूतना को कृष्ण को मारने के लिए भेजता है, लेकिन कृष्ण तो कृष्ण है उन्होंने बाल रूप में पूतना का वध कर दिया l इससे पूरे गोकुल में कन्हैया की जय जयकार होती है l
श्री कृष्ण लीला नृत्य नाटिका में उषा शर्मा, मीना श्रीवास्तव, विनोद छाबड़ा, अर्जुन सिंह राठौर ,राहुल बेरवा, परिषद सिंह, लोचन हाडा,काजल चौहान, बबीता शर्मा, सत्येंद्र, कृतिका अग्रवाल, गौरव सोनी, लविश, कनिष्क, कनिष्का शर्मा, पार्थ शर्मा, वर्णिका, खुशी, आदित्य गढ़वी, दिव्य सक्षम, सुगना चौधरी, सुमन शर्मा,रेखा गोस्वामी, मोनिका जाट, कुलदीप शर्मा, इसपर शर्मा, सुरेंद्र कुमार, मोहित कुमार बेरवा, चित्रांश, विजय राजोरिया, नमन, अंकिता श्रीवास्तव, अनन्या जांगिड़ ने अपने सशक्त अभिनय से इस नृत्य नाटिका को ऐसा दर्शाया कि लोग कृष्ण की बाल लीलाएं को देखकर मंत्रमुग्ध हो गए l
श्री कृष्ण लीला का निर्देशन ममता पालीवाल एवं चित्रांश पालीवाल ने किया सांस्कृतिक संयोजक एनके पालीवाल ने बताया कि इसमें सहायक निर्देशक उमा शर्मा और सुगना चौधरी रही नृत्य संरचना अनन्या और आयुषी तवर की l
प्रकाश व्यवस्था राजेंद्र शर्मा राजू की, मेकअप असलम पठान, ध्वनि प्रभाव चित्रांश और पुनीत,वस्त्र विन्यास मोहित बेरवा, विजय राजोरिया और मोनिका जाट ने की l
0 टिप्पणियाँ