श्रीगंगानगर - राकेश शर्मा
श्रीगंगानगर में नोजगे पब्लिक स्कूल के कैम्पस में इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ़ श्रीगंगानगर और नोजगे द्वारा आयोजित होने वाले पंच दरिया फिल्म फेस्टिवल के पोस्टर का विमोचन किया गया।
पोस्टर विमोचन नोजगे के प्रबंध निदेशक डॉ पी. सूदन, बिहाणी शिक्षा न्यास के अध्यक्ष जयदीप बिहाणी, आईएफएफएस की तरफ से सुभाष सिंगाठिया, आयोजन की सहयोगी पंजाबी सभ्यचारक सोसाइटी की तरफ से सरदार अमरिंदर सिंह शिल्पी और चौ. बल्लूराम गोदारा राजकीय कन्या महाविद्यालय की छात्र संघ अध्यक्ष काॅमरेड कविता निहालिया के हाथों से किया गया। फेस्टिवल 8 से 11 अप्रेल को होना है जिसमें चढ़दा और लह॔दा पंजाब की तरफ से फिल्में होंगी। उन फिल्मों से जुड़े कई फ़िल्म निर्देशक, एक्टर्स, लेखक, कलाकार आ रहे हैं। आयोजकों ने बताया कि फेस्टिवल हमारे पंजबी बहुल इलाके के लिए पंजाबियत की खुशबू पेश करने वाला गुलदस्ता बनाने की कोशिश है। विमोचन समारोह में नोजगे प्रबंधन से श्री साहब राम छिपा, युवा नाट्यकर्मी नेहा अरोड़ा, एसएफआई नेत्री रितु आचार्य और पूर्विका सिंगाठिया आदि विशेष रूप से मौजूद थे।
पीडीएफएफ में होगी उस्ताद अली- गनी की पंजाबी सूफी शाम
नोजगे के प्रबंध निदेशक डाॅ. पी सूदन और फेस्टिवल के फाउंडर डायरेक्टर सुभाष सिंगाठिया ने घोषणा की कि मुम्बई निवासी उस्ताद अली- गनी इफ़्फ़स और नोजगे पब्लिक स्कूल के संयुक्त आयोजन पंज दरिया फ़िल्म फेस्टिवल में आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि वे 9 अप्रेल को नोजगे में पंजाबी सूफी संगीत की शाम सजाएँगे।
उस्ताद अली- गनी
फेस्टिवल के फाउंडर डायरेक्टर दुष्यंत के अनुसार बीकानेर मूल की संगीतकार और गायक जोड़ी उस्ताद अली- गनी ने सुगम और सूफी संगीत के क्षेत्र में ग़ज़ल संगीत के साथ मांड गायकी को राष्ट्रीय- अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आदर के साथ पहुँचाया है। उन्होंने हंसराज हंस जैसे पंजाबी गायकों के लिए संगीत निर्देशन किया है। ' झांझरिया' उनका हिट एलबम था जिसे सब जानते हैं। उन्होंने भारत के चोटी के ग़ज़ल गायकों के लिए भी यादगार संगीत रचने के साथ कई फिल्मों के लिए भी संगीत निर्देशन किया है। पंकज उधास, मनहर उधास, अनूप जलोटा, रूपकुमार राठौड़ के लिए प्रसिद्ध गजलें संगीतबद्ध की। जॉन अब्राहम, विद्या बालन आदि अनेक अभिनेताओं ने इनके ग़ज़ल एलबम्स से करियर शुरू किए। जगजीत सिंह उनकी मांड गायकी की फैन थे।
उन्होंने अपने तीन दशक से ज़्यादा लंबे संगीत करियर में नामी समकालीन और क्लासिकल शायरों की गज़लों को संगीत देने के अलावा देश -विदेश के मंचों पर बुल्लेशाह और शाह फरीद जैसे क्लासिक पंजाबी सूफी शायरों के कलाम को आवाज़ और संगीत दिया है। उस्ताद अली -गनी को देश -विदेश में मान सम्मान पाते रहे हैं,, और हाल ही राज्य सरकार द्वारा स्टेट अवॉर्ड की भी घोषणा हुई है। उन्हें इसी साल राजस्थान संगीत नाटक अकादमी अवॉर्ड से भी सम्मानित किया जा रहा है।
पंजाबियत और साँझी संस्कृति की रूहानी खुशबू
फेस्टिवल के सह-आयोजक पंजाबी सभ्याचारक सोसायटी के प्रधान अमरिंदर सिंह शिल्पी ने कहा कि केवल सिनेमा ही नहीं, पंजाबी सूफी संगीत के ज़रिए भी पंजाबियत की रूहानी खुशबू आत्मा तक पहुँचाना चाहते हैं। इसलिए यह सूफी गायकी की खूबसूरत शाम इलाके को हमारी तरफ से एक बेहतरीन और विनम्र तोहफा होगा, जिसे आने वाले सालों में भी याद रखा जाएगा। हमारे इलाके की साझा संस्कृति को ध्यान में रखते हुए वे राजस्थानी माँड और उर्दू गज़लों से भी महफ़िल को बहुरंगी बनाएँगे।
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