जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।  

राजस्थान भाजपा 4 मार्च को दो कार्यक्रम एक ही दिन होने के बाद दो धड़ों में बंटी नजर आ रही है। सालासर चूरू में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे अपना जन्मदिन मनाएंगी। वहीं प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने विधानसभा घेराव का कार्यक्रम तय किया है। इससे पार्टी के अंदरखाने विवाद की स्थिति पैदा हो गई है। ऐसे में पार्टी के हालात को केंद्रीय नेतृत्व ने गंभीरता से लिया है। प्रदेश नेतृत्व पार्टी की ओर से घोषित कार्यक्रम को लेकर तैयारियां कर रहा है। भाजपा कार्यालय के बाहर दोनों कार्यक्रमों के पोस्टरों की भरमार है। दोनों कार्यक्रम एक ही दिन तय होने से नेताओं में धड़ेबंदी और कार्यकर्ताओं में असंमजस की स्थिति है।

कार्यकर्ताओं में असमंजस और नेताओं की गुटबाजी के कारण पार्टी को होने वाले नुकसान की आशंका को देखते हुए विवाद थामने के लिए केंद्रीय नेतृत्व सक्रिय हो गया है। चुनाव से पहले पार्टी में पैदा हो रहे हालात को संतुलित करने के लिए राष्ट्रीय महामंत्री और प्रदेश भाजपा प्रभारी अरुण सिंह शनिवार को सुबह जयपुर आ रहे हैं। वे सुबह 11 बजे प्रदेश मुख्यालय में संगठन के पदाधिकारियों से बात करेंगे।

फिर विधानसभा पर होने वाले घेराव के कार्यक्रम में शामिल होंगे। इसके बाद शाम को सालासर में वसुंधरा के जन्मदिन समारोह में हिस्सा लेंगे। अरुण सिंह के जयपुर आने और दोनों कार्यक्रमों में हिस्सा लेने की सूचना के बाद यह माना जा रहा है कि केंद्रीय नेतृत्व चाहता है कि दोनों कार्यक्रम एक ही दिन होने से उपजे विवाद को तत्काल थामा जाए। साथ ही कार्यकर्ताओं में यह मैसेज दिया जाए कि एक पार्टी का कार्यक्रम है और दूसरा वसुंधरा राजे का व्यक्तिगत कार्यक्रम हैं। दोनों को एक दूसरे के खिलाफ के बजाय अलग-अलग रूप से देखा जाना चाहिए।

राजे समर्थक कई दिनों से कर रहे तैयारियां

वसुंधरा राजे के जन्मदिन समारोह को लेकर उनके समर्थक पिछले कई दिनों से तैयारियां कर रहे हैं। सालासर में 4 मार्च को लगभग एक लाख लोगों के जुटने की संभावना है। इसके लिए राजे के खास नेता प्रदेश भर में जिलेवार और विधानसभावार बैठकों के कई दौर कर चुके हैं। सालासर के कार्यक्रम को वसुंधरा के शक्ति प्रदर्शन के तौर पर भी देखा जा रहा है। चुनाव से पहले वे अपने जन्मदिन के बहाने भीड़ जुटाकर यह दिखाना चाहती हैं कि प्रदेश में अब भी उनके पीछे समर्थकों की फौज है।

युवा मोर्चा के कार्यक्रम की घोषणा के बाद विवाद बढ़ा

भाजपा के जानकार नेता बताते हैं कि राजे के जन्मदिन का कार्यक्रम 20 फरवरी को ही तय हो गया था। तभी से सालासर में इस कार्यक्रम को लेकर तैयारियां शुरू हो चुकी थीं। इस बीच वसुंधरा के समर्थक नेता अलग-अलग जिलों और विधानसभा क्षेत्रों में कार्यक्रम में भीड़ जुटाने के लिए सक्रिय हो गए थे।

भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी से लेकर पूर्व मंत्री कालीचरण सराफ, राजपाल सिंह शेखावत, प्रतापसिंह सिंघवी, चूरू सांसद राहुल कस्वा, पूर्व मंत्री यूनुस खान सहित कई नेता पिछले कई दिनों से व्यवस्थाओं में लगे हुए हैं।

वसुंधरा समर्थक नेताओं ने तैयारियों के लिए जगह-जगह की गई बैठकों में ये दावे भी किए कि पिछली बार केशोरायपाटन (बूंदी) में हुए कार्यक्रम से भी ज्यादा इस बार सालासर में भीड़ जुटेगी। वसुंधरा के जन्मदिन के कार्यक्रम की तैयारियां चल ही रही थीं कि प्रदेश भाजपा कार्यालय की ओर से 4 मार्च को ही कांग्रेस सरकार के खिलाफ विधानसभा पर युवा मोर्चा के प्रदर्शन की घोषणा कर दी गई। इस घोषणा को वसुंधरा समर्थकों की ओर से इस रूप में देखा गया कि यह उनके जन्मदिन समारोह में लोगों को रोकने की कोशिश है।

इसके बाद पार्टी के प्रदेश कार्यालय के बाहर वसुंधरा समर्थकों ने जन्मदिन कार्यक्रम के पोस्टर लगाने शुरू कर दिए। दूसरी तरफ युवा मोर्चा के प्रदर्शन में भीड़ जुटाने वाले पोस्टर भी लगने लगे। इससे पार्टी में अंदरखाने चलती रही गुटबाजी एक बार फिर सबके सामने आ गई।

अब अरुण सिंह के जयपुर आने और दोनों कार्यक्रमों में हिस्सा लेने की कवायद को विवाद थामने के रूप में देखा जा रहा है।