हनुमानगढ़ ब्यूरो रिपोर्ट।
कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द करने के विरोध में कांग्रेस कार्यकर्ताओं का विरोध जारी है। रविवार को जिले के कांग्रेस पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं और जनप्रतिनिधियों ने केन्द्र की मोदी सरकार के खिलाफ टाउन स्थित राजकीय जिला अस्पताल में स्थापित राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष सत्याग्रह कर विरोध जताया।
पीसीसी सदस्य भूपेन्द्र चौधरी ने केन्द्र सरकार के इस कदम को असंवैधानिक करार देते हुए कहा कि राहुल गांधी पार्लियामेंट में सिर्फ एक मुद्दा उठा रहे थे कि अडाणी और मोदी का रिश्ता क्या है। इसका जवाब दे देना चाहिए था, लेकिन केन्द्र सरकार इस जवाब से बचना चाहती है। इससे साफ जाहिर होता है कि दाल में कुछ काला है। इससे पहले भारत जोड़ो यात्रा को भी कोरोना का कारण बताकर रोकने की कोशिश की गई, लेकिन यात्रा को जनता का भरपूर सहयोग मिला। उन्होंने आरोप लगाया कि केन्द्र की मोदी सरकार यह सब कर सिर्फ ध्यान भटकाने का काम कर रही है। राहुल गांधी की सदस्यता समाप्त करने के मामले का जल्द खुलासा होगा और मोदी सरकार की पोल खुलेगी। अन्य वक्ताओं ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस के आह्वान पर सत्याग्रह किया गया है। केन्द्र सरकार अपनी सद्बुद्धि खो चुकी है। राहुल गांधी जो आवाज उठा रहे हैं उसे सिर्फ दबाने का काम किया जा रहा है। इसे जनता देख रही है और जनता भी जान चुकी है कि केन्द्र सरकार लोकतंत्र की हत्या करने पर उतारू है। इसका खामियाजा और आने वाले समय में मोदी सरकार को भुगतना पड़ेगा।
इस मौके पर ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के पूर्व सदस्य जगदीश वर्मा, पूर्व सांसद भरतराम मेघवाल, राज्यमंत्री केसी बिश्नोई, ओबीसी विभाग के नेशनल कॉडिनेटर हरदीप चहल, पूर्व उपजिला प्रमुख शबनम गोदारा, पूर्व पालिकाध्यक्ष राजेन्द्र चाचाण, पीसीसी सदस्य विनोद गोठवाल, पूर्व प्रधान दयाराम जाखड़, जयदेव भिड़ासरा, प्रेमराज जाखड़, ब्लॉक अध्यक्ष संदीप सिद्धू, ब्लॉक कांग्रेस कमेटी शहर अध्यक्ष जिनेन्द्र जैन, प्रधान प्रतिनिधि कृष्ण जैन, जिला परिषद सदस्य मनीष गोदारा, नगर पालिकाध्यक्ष मोनिका खटोतिया, रामकुमार ढाका, प्रियंका मेघवाल, प्रवीणा मेघवाल, गुरदीप चहल, मनमोहन सोनी, खजानचंद शिवनाणी, मनोज सैनी, मनोज बड़सीवाल, कृष्ण पेन्टर, राजेन्द्र प्रसाद, रामेश्वर चांवरिया, कमला अठवाल, गंगाराम खटीक, बलवीर सिद्धू, संजय मेघवाल, सुधीर गोदारा, भानीराम बगडिय़ा, गौरीशंकर थोरी, वेद प्रकाश सिहाग, बाबूलाल सुथार मौजूद रहे।
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