जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि राज्य सरकार की नीतियों के कारण रिन्यूएबल एनर्जी में राजस्था देश में पर बना हुआ है। अनुकूल नीतियों के कारण निवेशक पवन ऊर्जा, सौर ऊर्जा और हाइब्रिड प्रोजेक्ट के लिए आगे आ रहे हैं। अब सरकार का प्रयास है कि इन संयंत्रों के लिए जरुरी उपकरणों का उत्पादन भी राजस्थान में ही हो। सीएम आरआरसीएल, राजस्थान राज्य विधुत प्रसारण निगम लिमिटेड और इकोनॉमिक टाइम्स के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित रिन्यूएबल एनर्जी कॉन्क्लेव में सम्बोधन दे रहे थे। गहलोत ने बताया कि देश का सबसे बड़ा सोलर पार्क जोधपुर के भड़ला में स्थित है। अक्षय ऊर्जा में उत्कृष्ट प्रदर्शन के कारण राजस्थान को 2022 में राष्ट्रिय ऊर्जा संरक्षण पुरूस्कार दिया गया। सीएम ने बताया कि सरकार की नई सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा और हाइब्रिड पालिसी 2019, रिप्स 2019 तथा रिप्स 2022, सिंगल विंडो सिस्टम और वन स्टॉप शॉप जैसे निर्णयों से निवेश का शानदार माहौल बना है। गहलोत ने बताया इन्वेस्ट राजस्थान में 11 लाख करोड़ रुपये के एमओओ हुए जिनमे से अधो का क्रियान्वन हो रहा है। इनमें से ज्यादातर अक्षय ऊर्जा के प्रोजेक्ट हैं। राज्य सरकार और टोरेंट पावर के बीच हस्ताक्षरित एमओयू से राज्य में 37 हजार करोड़ रुपये का निवेश होगा और 6150 रोजगार मिलेंगे। वेलस्पन के साथ हुए एमओयू से राज्य में 50 हजार करोड़ रुपये आएगा तथा 2250 लोगों को रोजगार मिलेगा। ी
इस अवसर पर सीएम गहलोत ने एनर्जी सेक्टोरल पोर्टल भी लांच किया। यह पोर्टल ऊर्जा से सम्बंधित साड़ी जानकारी एक ही जगह उपलब्ध करवाएगा। इस पोर्टल पर 11 विभागों का डाटा मौजूद है। कार्यक्रम में उद्योग मंत्री शकुंतला रावत, ऊर्जा राज्य मंत्री भंवर सिंह भाटी, मुख्य सचिव उषा शर्मा रीको चेयरमैन कुलदीप रांका, अक्षय ऊर्जा निगम चेयरमैन आशुतोष पेडनेकर एसीएस वीनू गुप्ता, आरआरसीएल एमडी अनिल ढाका सहित वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
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