कोटा ब्यूरो रिपोर्ट।
कोटा के रामगंजमंडी क्षेत्र के अफीम किसानों के लिए राहत की खबर है। उन्हें अब अपनी उपज की तुलवाई के लिए 140 किमी दूर छीपाबड़ौद नहीं जाना पड़ेगा। लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला के प्रयासों से नारकोटिक्स विभाग 5 से 10 अप्रेल तक रामगंजमंडी में ही तुलाई कांटा लगाएगा। इससे किसानों को सुविधा मिलेगी, समय की बचत होगी, आने जाने का खर्च बचेगा।
इस बार विभाग की ओर से 550 से ज्यादा किसानों को अफीम की फसल के लिए लाइसेंस मिला था। ऐसे में संख्या अधिक होने के कारण गाड़ी की व्यवस्था करना व तुलाई में लगने वाले समय को देखते हुए किसान रामगंजमंडी में ही तुलाई केंद्र की स्थापना के लिए मुखर हो रहे थे। लोक सभा स्पीकर 20 फरवरी को रामगंजमंडी में इनडोर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का शिलान्यास करने गए थे। उस दौरान पूर्व प्रधान भगवान सिंह के नेतृत्व में किसानों ने लोकसभा अध्यक्ष से मुलाकात की। तुलाई केंद्र के लिए आग्रह किया था। स्पीकर बिरला ने किसानों की बात सुनने के बाद उन्हें मौके पर ही आश्वस्त किया था कि इस बार तुलाई का कांटा रामगंजमंडी में ही लगाया जाएगा।
स्पीकर बिरला ने बाद में स्थानीय अधिकारियों को निर्देश देने के साथ इस बारे में केंद्रीय मंत्री से भी बात की थी। स्पीकर बिरला के प्रयासों के चलते अब विभाग ने रामगंजमंडी में 5 से 10 अप्रेल तक होटल सहारा पैलेस में तुलाई कांटा लगाने का निर्णय किया है। यहां सभी किसान अपनी अफीम की उपज को तुलवा सकेंगे। इसके बाद भी कोई किसान रह जाता है तो वह 12 अप्रेल से छीपाबड़ौद में लगने वाले कांटे पर आ सकता है।
पहले रामगंजमंडी क्षेत्र में 80 से 90 अफीम किसान हुआ करते थे। इनको नारकोटिक्स विभाग से दो तरह की उपज की इजाजत मिली हुई थी। पहली जिसमें किसानों को साबुत डोडा लेकर छीपाबड़ौद के तुलाई केंद्र जाना होता था। दूसरे ऐसे किसान जिनको डोडे से दूध निकालने के बाद अफीम बनाकर तुलाई केंद्र जाना होता था। दोनों ही प्रकार के किसानों के लिए यह बड़ा परेशानी भरा काम होता था।
साबुत डोडे वाले किसानों को एक पिकअप में आ सकने लायक उपज मिलती है। एक पिकअप से साबुत डोडे को छीपाबड़ौद ले जाने पर पांच से सात हजार का खर्च आता है। इसके अलावा वहां तुलाई में भी काफी समय लगता है। दूसरे प्रकार के किसानों के लिए अफीम को लेकर जाना सुरक्षा की दृष्टि से काफी खतरनाक रहता है।
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